मनुष्य के जीवन में तकलीफ तो आती है पर हिम्मत से लड़ोगे तभी तकलीफ दूर होगी: पंडित विजय शंकर

शहर के मानस भवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के 4th दिन बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन किया गया।

Update: 2021-02-16 06:42 GMT

मनुष्य के जीवन में तकलीफ तो आती है पर हिम्मत से लड़ोगे तभी तकलीफ दूर होगी: पंडित विजय शंकर

रीवा। शहर के मानस भवन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के 4th दिन बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का सुंदर वर्णन किया गया।

कथा व्यास पंडित विजय शंकर मेहता जी ने कहा कि भगवान जिनका जन्म कारागार में हुआ वह भी भगवान की एक लीला ही थी। वह हम सब को एक संदेश देना चाहते थे कि अगर मानव तन मिला है तो जीवन में तकलीफ भी मिलेगा।

लेकिन वह तकलीफ तभी दूर होगी जब हम, आप तथा सभी लोग उससे हिम्मत से लड़ेंगे। उन्होने कहा कि देवकी और वसुदेव को कंस ने कारागार में बहुत तकलीफ दी, श्री कृष्ण केे जन्म के पूर्व उनके सात भाइयों को मार दिया गया।

लेकिन देवकी ने हिम्मत से काम लिया था। कथा के आयोजक तथा मुख्य स्रोता वरिष्ठ समाजसेवी एवं मानस मंडल के अध्यक्ष अनुपम तिवारी भी पूर्ण भक्ति भाव से कथा का श्रवण कर अपना जीवन सुफल कर रहे हैं।

कथा व्यास श्री मेहता जी ने आगे कहा कि कंस जैसे लोग रिश्तों का पालन नहीं करते। क्योंकि कंस ने जब अपनी बहन का विवाह करने के बाद बिदा कर रहा था तभी आकाशवाणी हुई कि अरे कंस तू जिस बहन को बिदा कर रहा हो उसी का आठवां पुत्र तुम्हारी हत्या करेगा।

ऐसे में कंस चैंक गया और देवकी की हत्या करना चाहा। तब देवकी के पति वसुदेव जी ने कहा कि ऐसा मत करो। मै देवकी के सभी पुत्रों को तुम्हारे हवाले कर दूंगा। फिर कंस ने वसुदेव सहित देवकी को कारागार में डाल दिया।

श्री मेहता जी ने कहा कि कंस जैसे लोगों को रिस्तों का काई मोल नही होता है। तभी तो देवकी बहन और अपने बहनोई वसुदेव को कारागार में डाल दिया। उनके पुत्र जो उसके रिस्ते में भांजे है उन्की हत्या कर दी।

लेकिन देवकी और वसुदेव ने हिम्मत नही हारी। और फिर कंस के लाख जतन के बाद भी भगवान श्री कृष्ण अवतरित हुए। भगवान के अवतरण की कथा सुनकर सभी भवविभोर हो गये।

चैथे दिन की कथा में भक्तो की भीड कथा स्थल मानस भवन में पहुंची। भगवान के जन्म पर कथा स्थल में लोगों ने बधाई गीत गाये। झांकी बनी जिसमें श्रीकृष्ण स्वरूप बालक को एक संत सूप में लेकर पहुंचे। इस दौरान जय कन्हैयालाल का जयकारा लगा जिससे पूरा कथा स्थल गुंजायमान हो गया।

फूलों बताशों की बारिश कर उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉ सज्जन सिंह, रमेश द्विवेदी, उदय नारायण द्विवेदी, डॉ ज्योत्सना द्विवेदी, जी पी त्रिपाठी, चंद्रिका प्रसाद चंद्र, रवीश चतुर्वेदी, अखिलेश तिवारी समेत सैकड़ो की तादात में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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