भोपाल

भोपाल : यहां सब कुछ फर्जी, नटवर लाल की करामत से रह गये लोग दंग

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:42 AM GMT
भोपाल : यहां सब कुछ फर्जी, नटवर लाल की करामत से रह गये लोग दंग
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शहपुरा / भोपाल : पंचायतों में पंचायत कर्मीयो की कारगुजारिया से सरकारी योजना की बाट लग रही है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के शहपुरा पंचायत के

भोपाल : यहां सब कुछ फर्जी, नटवर लाल की करामत से रह गये लोग दंग

शहपुरा / भोपाल : पंचायतों में पंचायत कर्मीयो की कारगुजारिया से सरकारी योजना की बाट लग रही है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के शहपुरा पंचायत के उमरिया गांव में सामने आया हैं। जंहा सरपंच और सचिव ने ये कारनामा कर दिखाया।

बताया जा रहा है कि पंचायत कर्मियो ने गांव के दो किसानों की जमीन में मेढ़ बनकार शासन को जानकारी दी गई की तालाब का निर्माण किसान के जमीन में किया गया है। जब इसकी जांच हुई तो पूरा मामला कागजों में दौड़ने वाला सामने आया। जांच के दौरान अधिकारी के समझ पंचायत कर्मियो ने फर्जी किसानो को पेशे करके उसके बयान दिलवा दिये। यानि की फर्जी कार्य, झूठी जानकारी एंव फर्जी किसान तक पेश कर दिया गया। काम के नाम पर लाखों रूपये डकार लिये गये।

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यह था मामला

मीडिया रिर्पोट के मुताबिक ग्राम पंचायत उमरिया के कटीला गांव में सरपंच ने गांव के प्रीतम सिंह के खेत में 3.10 लाख खर्च कर तालाब की खुदाई कराई गई। इनमें से 63 हजार रुपए सामग्री और 2.46 लाख रुपए मजदूरी का आवंटित हुआ। सहायक यंत्री ने जांच के बाद रिपोर्ट लगाई कि सामग्री पर यहां कुछ भी नहीं खर्च हुआ। महज 2.36 लाख खर्च कर तालाब खुद गया।

इसी तरह गांव के विमल सिंह के खेत में भी तालाब खुदाई के लिए 3.10 लाख रुपए जारी हुए, पर उनके यहां मजदूरों ने कमाल कर दिया। सहायक यंत्री ने कार्य पूर्णता की जो रिपोर्ट पेश की, उसके मुताबिक महज 2.04 लाख रुपए मनरेगा मजदूरी में ही पूरा तालाब खुद गया। यहां भी सामग्री कुछ नहीं लगी। यहां तक कि दोनों तालाब खुदाई में मस्टर रोल में मजदूरों का नाम भी चढ़ाया गया है।

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खेत में नहीं मिला तालाब

जनपद पंचायत शहपुरा के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमेश तिवारी ने बताया, ’23 दिसंबर को मैं दोनों किसानों के खेत में गया था। वहां तालाब नहीं मिला। एक खेत में गेहूं व मटर तो दूसरे किसान के खेत में कोई फसल नहीं मिली।’ तालाब के बारे में सरपंच व सहायक सचिव का दावा है कि बारिश में पट गया होगा। दोनों किसानों ने बयान में बताया कि पूर्व में कोई जांच टीम उनसे नहीं मिली और न ही बयान लिया। फिर उनके नाम का बयान किसने दे दिया। इससे भी बढ़कर हैरानी की बात ये कि प्रीतम अनपढ़ हैं, तो उनके नाम पर लिखित बयान किसका है।

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