किसके संरक्षण में चल रहे 20 किलोमीटर के अंदर लगभग 500 स्टोन क्रेशर : REWA NEWS

किसके संरक्षण में चल रहे 20 किलोमीटर के अंदर लगभग 500 स्टोन क्रेशर : REWA NEWS आम जनता के जीवन के साथ शासन-प्रशासन जानबूझकर खिलवाड़

Update: 2021-02-16 06:38 GMT

किसके संरक्षण में चल रहे 20 किलोमीटर के अंदर लगभग 500 स्टोन क्रेशर : REWA NEWS

रीवा (REWA NEWS) । आम जनता के जीवन के साथ शासन-प्रशासन जानबूझकर खिलवाड़ करता है। सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी में लगभग 500 से ज्यादा स्टोन क्रेशर्स संचालित हैं जिसके कारण 50 से अधिक गांव के लोगों में श्वांस से संबंधित कई बीमारियां हो रही हैं।

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जिला प्रशासन और खनिज विभाग के जिम्मेदारों की सुनियोजित रणनीति के कारण आवोहवा में जहर घोलने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। विंध्य में अंधाधुंध स्टोन क्रेशर्स संचालित हैं और अल्ट्राटेक और जेपी सीमेंट लिमिटेड कंपनी स्थापित है।

रीवा जिले के ग्रामीण परिवेश वाले इलाकों में स्टोन क्रेशर की वजह से वातावरण बुरी तरह प्रदूषित हो चुका है। लिमिट से कहीं ज्यादा डस्ट वाले प्रदूषण की वजह से श्वांस की बीमारी फैल रही है। रीवा जिले के बेला से बनकुइयां के बीच 20 किलोमीटर की एरिया में लगभग 500 स्टोर क्रेशर संचालित हो रहे हैं। जिसके पूरी आवोहवा जहरीली हो गई है।

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रीवा जिला अवैध स्टोन क्रेशर के लिए मुफीद जगह

जिले में अवैध स्टोन क्रेशर का संचालन काफी तेजी से हो रहा है। रीवा अवैध स्टोर क्रेशर संचालन के लिए मुफीद जगह बना हुआ है। जिले में सबसे अधिक डस्ट का प्रदूषण बनकुइयां क्षेत्र में रहता है। 20 किलोमीटर के क्षेत्र में पर्यावरण की हालत बदतर हो गई है।

इसके बावजूद जिला प्रशासन, खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मूकदर्शक बना हुआ है। अल्ट्राटेक सीमेंट और जेपी सीमेंट से सटे ग्राम बैजनाथ, बेला, महिदल, छिजवार, खम्हरिया, सोनरा, हिनौती, भोलगढ़ आदि गांवों में शासन के मापदंडों को जमींदोज करते हुए स्टोर क्रेशरों का संचालन किया जा रहा है।

इस अवैध कारोबार के बदले खनिज विभाग को महावार पैकेट में नजराना भेजा जाता है। यही कारण है कि सब जिम्मेदार चुप्पी साध रखे हैं।

राजनैतिक खिलाड़ियों ने अपनाया कारोबार

बताया जाता है कि माइंस और स्टोन क्रेशर कक कारोबार में प्रभावशाली राजनैतिक खिलाड़ियों की भूमिका भी है। बनकुइया और बेला में सबसे अधिक स्टोन क्रेशर राजनैतिक बिजनेस मैनों का है। आफिस में बैठकर खनिज विभाग चलाने वाले अफसरों के सभी स्टोन क्रेशर संचालकों से घनिष्ठ संबंध हैं।

इस वजह से रीवा जिले में वित्तीय वर्ष के दौरान केवल राजस्व् लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कागजी खानापूर्ति को अमल में लाया जाता है। खनिज इंस्पेक्टर से लेकर तमाम अन्य अधिकारियों स्टोन क्रेशर संचालकों से अच्छे संबंध हैं।

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