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आंध्र प्रदेश गैस ट्रैजिडी: Styrene Gas ने मचाई तबाही, अब तक 9 की मौत, हज़ारों बीमार, जानिए कितनी खतरनाक है स्टीरीन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:21 AM GMT
आंध्र प्रदेश गैस ट्रैजिडी: Styrene Gas ने मचाई तबाही, अब तक 9 की मौत, हज़ारों बीमार, जानिए कितनी खतरनाक है स्टीरीन
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आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में एक फैक्ट्री से जहरीली Styrene Gas गैस लीक होने से हुए हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में Styrene Gas Leak होने की तबाही मचा रखी है, अब तक 9 की मौत, हज़ारों बीमार, जानिए कितनी खतरनाक है स्टीरीन

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में एक फैक्ट्री से जहरीली Styrene Gas गैस लीक होने से हुए हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग बीमार हैं। यह कौन सी गैस है जो इतनी जहरीली है? कितनी घातक है यह गैस? जिस प्लांट से गैस लीक हुई, उसमें क्या बनता है और उसमें इस गैस का क्या इस्तेमाल है? आइए आपको बताते हैं इन सभी सवालों के जवाब।

Ethanalbenzene या Styrene Gas के लीक होने से हादसा

सबसे पहले बात करते हैं गैस की। जो केमिकल लीक हुआ है वह Styrene है जिसे Ethanalbenzene भी कहा जाता है। यह एक ऑर्गेनिक कंपाउंड है। यह एक सिन्थेटिक केमिकल है जो रंगहीन लिक्विड के रूप में दिखता है। हालांकि, काफी समय से इस गैस को रखा जाए तो यह हल्के पीले रंग की दिखती है।

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Styrene बहुत ही ज्वलनशील होती है और जब यह जलती है तो बहुत ही जहरीली गैस रिलीज करती है। होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर डी रघुनाथ राव के मुताबिक Styrene का इस्तेमाल मुख्य तौर पर पॉलिस्टिरीन प्लास्टिक बनाने में किया जाता है।

कितनी खतरनाक है यह गैस?

इस गैस की चपेट में आने से सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम बुरी तरह खराब हो सकता है। सुनने की क्षमता भी खत्म हो सकती है और दिमागी संतुलन खत्म हो सकता है। बाहरी वातावरण में आने के बाद Styrene ऑक्सिजन के साथ आसानी से मिक्स हो जाती है। नतीजतन हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है।

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इसके संपर्क में आने के बाद लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है और वे घुटन महसूस करने लगते हैं। यह गैस बाद में दिमाग और रीढ़ की हड्डी पर भी असर डालती है। इस वजह से गैस के संपर्क में आने वाले स्थानीय लोग सड़कों पर इधर-उधर गश खाकर गिर पड़े। कुछ डॉक्टरों ने बताया कि Styrene न्यूरो-टॉक्सिन गैस है, जिसके संपर्क में आने के बाद सांस लेने में दिक्कत होती है। इससे 10 मिनट के भीतर प्रभावित व्यक्ति की मौत हो सकती है।

जगह-जगह सड़कों पर बेहोश पड़े गिरे हुए थे लोग

विशाखापत्तनम में जिस जगह पर गैस लीक हुई, उसके 3 किलोमीटर के दायरे में दहशत फैल गई। सड़कों पर लोग बेसुध पड़े हुए मिले। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो कई शरीर पर चकत्ते पड़ने और आंखों में जलन की शिकायत कर रहे थे। टीवी फुटेज में मोटरसाइकल सवारों को उस पर गिरते हुए देखा जा सकता है।

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असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर स्वरूप रानी ने बताया, 'हम तुरंत मौके पर पहुंचे। हवा में गैस को मसूस किया जा सकता था और हममें से किसी के लिए भी वहां 5 मिनट या उससे कुछ मिनट ज्यादा समय तक टिकना संभव नहीं था।'

एलजी पॉलिमर्स के प्लांट से लीक हुई गैस

यह गैस साउथ कोरियन कंपनी एलजी पॉलिमर्स के प्लांट से लीक हुई। इस प्लांट में Poly Styrene बनाई जाती है यानी ऐसी प्लास्टिक जिसका खिलौनों और बाकी उपकरणों को बनाने में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। प्लांट में Styrene गैस का इस्तेमाल इसी प्लास्टिक को बनाने के लिए हो रहा था। यह प्लांट विशाखापत्तनम शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है।


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