मध्यप्रदेश

सतना में कोरोना के आखिर क्यों हो रहे मामले कम, पढ़िए पूरी खबर...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:34 AM GMT
सतना में कोरोना के आखिर क्यों हो रहे मामले कम, पढ़िए पूरी खबर...
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सतना में कोरोना के आखिर क्यों हो रहे मामले कम, पढ़िए पूरी खबर...सतना। कोविड19 का कहर जारी है। लेकिन अब कोरोना संक्रमण के सरकारी आंकड़ों में लगातार कमी

सतना में कोरोना के आखिर क्यों हो रहे मामले कम, पढ़िए पूरी खबर…

सतना। कोविड19 का कहर जारी है। लेकिन अब कोरोना संक्रमण के सरकारी आंकड़ों में लगातार कमी आ रही है। रोजाना सामने आ रहे मरीजों की संख्या में इस कमी को कोरोना का डाउन फॉल माना जा रहा है। जबकि यह सबसे बड़ी गलती है।लोग लापरवाही की हदें भी पार कर रहे हैं। जबकि हकीकत कुछ और है। लोगो ने जांच का निजी तरीका अपना लिया है और चुपचाप आइसोलेशन में जा रहे हैं। इस स्थिति का असर पॉजिटिव केस मिलने के सरकारी आंकड़ों पर पड़ रहा है। हालांकि बुधवार को भी सतना जिले में 13 नए मरीज़ मिले हैं।

कोरोना काल के शुरुआती दौर में जांच के लिए सिर्फ आईसीएमआर का वायरोलॉजी लैब ही एकमात्र विकल्प था लेकिन गुजरते वक्त के साथ संसाधन बढ़ते गए और संक्रमण का पता लगाने के नए तरीके भी मिलते गए। इनदिनों कोरोना संक्रमण की जांच के लिए सीटी स्कैन को स्वैब अथवा रैपिड टेस्टिंग से ज्यादा विश्वसनीय माना जा रहा है । लिहाजा लोग इस जांच के अलावा डी डायमर जांच कराने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

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चिकित्सक भी इन्ही जांचों को प्राथमिकता दे रहे हैं। कोरोना को लेकर लोगों की चिंता का सीधा लाभ सीटी स्कैन करने वाले शहर के चुनिंदा सेंटरों को मिल रहा है। हालांकि इस जांच की सुविधा जिला अस्पताल में भी है लेकिन यहां जांच कराने से लोगों को यह पता चल सकता है कि कौन संक्रमित है लिहाजा लोग भी निजी सेंटरों में जा रहे हैं।

सीटी स्कैन में फेफड़ों में संक्रमण का स्तर पता लगने के बाद लोग स्वैब या रैपिड टेस्टिंग के बजाय सीधे आइसोलेशन में जा रहे हैं और निजी डॉक्टर्स से चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं। हालांकि सरकार ने भी होम आइसोलेशन को मंजूरी दे रखी है।

सतना में निजी तौर पर जांच करा कर आइसोलेशन में चुपचाप चले जाने का चलन बढ़ने के बीच कोरोना संक्रमण के सरकारी आंकड़े पिछले कुछ दिनों में तेजी से घट रहे हैं। आंकड़ों की कमी सरकारी अमले के लिए भले ही राहत ले कर आ रहे हों लेकिन हकीकत उसे भी पता है कि आंकड़ों में कमी से संक्रमण कम नही हुआ है। तमाम केस ऐसे हैं जो लिस्टेड ही नही हैं। बहुत ऐसे हैं जिनकी खबर प्रशासन के पास भी नही है तो औद्योगिक संस्थानों द्वारा कराई गई जांच के आंकड़े लेने में सतना के स्वास्थ्य अमले की रुचि नही है।

उधर नाम पता छिपा कर तमाम लोगो के जबलपुर – भोपाल और नागपुर में इलाज कराने का सिलसिला जारी ही है। कुछ दिनों पहले तक जहां जिले में औसतन 40 से 50 केस आधिकारिक तौर पर मिल रहे थे,ग्रामीण क्षेत्रो में भी संक्रमण का पता चल रहा था वहीं अब यह औसत 15 से 20 तक आ गया है।हालांकि अस्पतालों में जांच की सुविधा उपलब्ध है लेकिन टेस्टिंग तभी सम्भव है जब लोग जांच कराने आएं । मगर अब लोग इससे कतरा रहे हैं।

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पत्रकार ,लैब टेक्नीशियन समेत 13 नए केस

कोरोना संक्रमण के आधिकारिक आंकड़ों में आ रही कमी के बीच बुधवार को 13 नए केस सतना जिले में मिले हैं। इनमे से ग्रामीण क्षेत्र के मामले इक्के- दुक्के ही हैं। पता चला है कि बुधवार को मिले संक्रमितों में राजेंद्र नगर क्षेत्र में बड़े और नामी कंपाउंड में रहने वाले सिंह परिवार के एक सदस्य शामिल हैं तो भरहुतनगर क्षेत्र में रहने वाले एक पत्रकार और उनकी पत्नी में भी कोरोना संक्रमण पाया गया है। इसके अलावा जिला अस्पताल का एक वार्ड बॉय तथा रामपुर बाघेलान का एक टेक्नीशियन भी संक्रमित मिला है।

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