सतना जिला अस्पताल पहुंचे डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल: मैली चादरें देखकर नाराज हुए, सख्त निर्देश – बिना फार्मासिस्ट वाली दवा दुकानें चिन्हित कर उन्हें बंद करें
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सतना जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कहा कि जिन दवा दुकानों में फार्मासिस्ट नहीं हैं, उन्हें तत्काल बंद किया जाए। उन्होंने अस्पताल की साफ-सफाई, लॉन्ड्री व्यवस्था और मरीजों के भोजन की गुणवत्ता पर भी सख्त निर्देश दिए।;
🔹 Highlights
- एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने दवा दुकानों में बिना फार्मासिस्ट काम करने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
- सतना जिला अस्पताल के निरीक्षण में गंदगी और मैली चादरें मिलने पर जताई नाराजगी।
- अस्पताल की लॉन्ड्री, भोजन और सफाई व्यवस्था में सुधार लाने को कहा।
- 150 बेड वाले नए हॉस्पिटल के निर्माण कार्य की समीक्षा की गई।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने ड्रग कंट्रोलर को दिए सख्त निर्देश
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शुक्रवार को सतना जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए ड्रग कंट्रोलर को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसी सभी दवा दुकानें बंद की जाएं जहां फार्मासिस्ट मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दवा दुकानें लोगों का जीवन बचाने के लिए होती हैं, गलत दवा किसी की जान ले सकती है। इसलिए इस पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।
अस्पताल में गंदगी पर मंत्री ने जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान राजेंद्र शुक्ल ने अस्पताल के वार्डों में कई जगह मैली चादरें और सफाई की कमी पाई। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान उसकी साफ-सफाई से होती है। अस्पताल में मरीजों के बेड पर चादरें न देखकर उन्होंने नाराजगी जताई और व्यवस्था को तुरंत सुधारने के निर्देश दिए।
लॉन्ड्री और भोजन व्यवस्था पर निगरानी के निर्देश
जब मंत्री ने चादरों की धुलाई और लॉन्ड्री संचालन के बारे में पूछा तो बताया गया कि यह काम आउटसोर्सिंग से किया जाता है। इस पर उन्होंने व्यवस्था को कमजोर बताते हुए निगरानी बढ़ाने और नियमित जांच करने को कहा। उन्होंने मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी सख्त नजर रखने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार पर जोर
निरीक्षण के बाद हुई समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम शुक्ल ने कहा कि जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों तक गुणात्मक सुधार किया जाए। उन्होंने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए निरंतर प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के लिए भरोसेमंद और प्रभावी बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
150 बेडेड नए अस्पताल निर्माण की समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री ने 32.54 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 150 बेड वाले नए अस्पताल के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने पीआईयू और निर्माण एजेंसी को निर्देश दिया कि ड्राइंग व डिजाइन को जल्द अनुमोदित कर निर्माण कार्य अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाए। इस अस्पताल के तैयार होने पर जिला अस्पताल का दबाव काफी कम होगा और मरीजों को राहत मिलेगी।
एयर एम्बुलेंस सुविधा की भी होगी मॉनिटरिंग
डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर किसी मरीज के पास आयुष्मान कार्ड है, तो जिला स्तर पर निर्णय लेकर एयर एम्बुलेंस बुलाई जा सकती है। उन्होंने कलेक्टर और सीएमएचओ को इस सुविधा की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, मेयर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस, एसपी हंसराज सिंह, सीएमएचओ डॉ. एल.के. तिवारी, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. एस.पी. गर्ग और सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
FAQs – राजेंद्र शुक्ल के निर्देशों से जुड़े सवाल
राजेंद्र शुक्ल ने किन दवा दुकानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए?
उन्होंने उन सभी दवा दुकानों को बंद करने के निर्देश दिए जहां फार्मासिस्ट मौजूद नहीं हैं।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने किन बिंदुओं पर ध्यान दिया?
उन्होंने साफ-सफाई, लॉन्ड्री व्यवस्था, और मरीजों के भोजन की गुणवत्ता की समीक्षा की।
नए अस्पताल के निर्माण की लागत कितनी है?
नए 150 बेडेड हॉस्पिटल के निर्माण पर लगभग 32 करोड़ 54 लाख रुपये खर्च होंगे।
एयर एम्बुलेंस सुविधा के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी?
जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड होगा, उन्हें जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस की सुविधा जिला स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी।