नया बताकर पुराना ट्रैक्टर बेंचा: रीवा में एजेंसी संचालक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश
रीवा में ट्रैक्टर एजेंसी संचालक आलोक सिंह पर ग्राहकों से धोखाधड़ी का आरोप। न्यायालय ने सिटी कोतवाली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।;
रीवा ट्रैक्टर एजेंसी धोखाधड़ी केस: संक्षिप्त जानकारी
रीवा शहर में ट्रैक्टर एजेंसी संचालक आलोक सिंह पर धोखाधड़ी का गंभीर मामला सामने आया है। अदालत ने इस मामले में सीधा आदेश जारी करते हुए सिटी कोतवाली थाना प्रभारी को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है। यह केस लगभग तीन साल से लंबित था और अब जाकर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कानूनी कार्रवाई की शुरुआत हो रही है।
पीड़ित की शिकायत और समस्या
ढेकहा निवासी धर्मेंद्र पांडे ने रिंग रोड स्थित आलोक ट्रैक्टर एजेंसी से एक ट्रैक्टर खरीदा था। खरीद के बाद से ही वह लगातार वाहन की आरसी और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ की मांग कर रहा था। लेकिन एजेंसी संचालक आलोक सिंह बार-बार बहाने बनाकर दस्तावेज़ देने से बचते रहे। कई महीनों की कोशिश के बाद भी कागज़ न मिलने पर धर्मेंद्र को संदेह हुआ और उसने परिवहन कार्यालय का रुख किया।
परिवहन कार्यालय में खुला बड़ा राज
जब धर्मेंद्र पांडे ट्रैक्टर लेकर परिवहन कार्यालय पहुँचे, तो अधिकारियों ने इंजन और चेचिस नंबर ट्रेस किए। कंप्यूटर स्क्रीन पर जानकारी देखकर वे हैरान रह गए। दरअसल यह ट्रैक्टर पहले ही 8 महीने पहले उमाशंकर पांडे नामक व्यक्ति के नाम बेचा जा चुका था। इसका मतलब यह हुआ कि एजेंसी ने पुराना ट्रैक्टर ही नए दामों पर धर्मेंद्र को बेच दिया।
पुराने ट्रैक्टर को नए दाम पर बेचने का खेल
यह खुलासा होते ही पीड़ित को समझ में आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। एजेंसी संचालक ने पुराने वाहन को नए की तरह पेश कर उसे ठगा। धर्मेंद्र ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पहले सिटी कोतवाली और फिर पुलिस कप्तान से भी की थी। लेकिन तीन साल तक कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट का सख्त आदेश, एफआईआर दर्ज हो
करीब तीन साल चली सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने अधिवक्ता आनंदमूर्ति द्वारा प्रस्तुत तथ्यों पर विचार करते हुए आदेश दिया कि आलोक सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पुलिस आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे और 7 अक्टूबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट न्यायालय में पेश करे।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
अब इस केस में पुलिस पर जिम्मेदारी है कि वे कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करें और जांच शुरू करें। अगर धोखाधड़ी साबित होती है, तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद है। यह केस उन लोगों के लिए भी सबक है जो वाहन या महंगी चीज़ें खरीदते समय दस्तावेज़ों की पूरी जांच नहीं करते।
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. यह केस कब से लंबित था?
A. यह मामला करीब तीन साल पुराना है और शिकायतकर्ता लगातार न्याय की मांग कर रहा था।
Q. शिकायत किसने दर्ज की थी?
A. ढेकहा निवासी धर्मेंद्र पांडे ने ट्रैक्टर एजेंसी संचालक के खिलाफ शिकायत की थी।
Q. धोखाधड़ी कैसे सामने आई?
A. परिवहन कार्यालय में इंजन और चेचिस नंबर ट्रेस करने पर पता चला कि ट्रैक्टर पहले ही किसी और को बेचा जा चुका था।
Q. कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
A. कोर्ट ने सिटी कोतवाली पुलिस को आरोपी आलोक सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 7 अक्टूबर तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
Q. आगे क्या होगा?
A. पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करेगी और सबूतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।