रीवा में प्लाटिंग के बीच 'आम रास्ता' भी बेचे जा रहे: राजस्व रिकॉर्ड में सभी मार्ग दर्ज कराने की मांग, निगमायुक्त ने जांच रिपोर्ट मांगी

रीवा में प्लाटिंग के बीच 'आम रास्ता' भूमि के अवैध विक्रय का मामला बढ़ा। अधिवक्ता वी.के. माला ने सभी कॉलोनी मार्गों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराने की मांग की। जांच शुरू।;

Update: 2025-11-15 17:21 GMT

रीवा रियासत न्यूज़. रीवा शहर में प्लाटिंग और कॉलोनियां विकसित करने का काम पिछले कुछ वर्षों में बेहद तेज़ी से बढ़ा है। शहर के आसपास नई-नई कॉलोनियाँ विकसित हो रही हैं, जहाँ लोग घर बनाने के सपने लेकर प्लाट खरीद रहे हैं। लेकिन इसी बीच एक गंभीर समस्या लगातार सामने आ रही है—कई डेवलपर कॉलोनी की सड़क या मार्ग के रूप में छोड़ी गई जमीन को भी अवैध रूप से बेच रहे हैं। इससे आम नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है और शहर के विकास कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है। इन्हे सरकारी रिकॉर्ड में 'आम रास्ता' के तौर पर दर्ज किया जाना चाहिए।

इसी मुद्दे को लेकर अधिवक्ता वी.के. माला ने नगर निगम कमिश्नर और महापौर को एक विस्तृत आवेदन भेजा है। उन्होंने मांग की है कि रीवा नगर निगम के अंतर्गत आने वाली सभी कॉलोनियों में मौजूद सड़क या मार्ग भूमि को तुरंत राजस्व रिकॉर्ड में ‘आम रास्ता’ के रूप में दर्ज किया जाए। अधिवक्ता के अनुसार, यह कदम न सिर्फ वर्तमान विवादों को कम करेगा बल्कि भविष्य में होने वाले निर्माण कार्यों का आधार भी मजबूत करेगा।

रीवा में प्लाटिंग और रास्ता विवाद क्यों बढ़ रहे हैं?

शहर में पिछले दशक में जितना तेजी से प्लाटिंग हुई है, उतनी ही तेजी से अवैध और अनियमित प्लाटिंग के मामले भी बढ़े हैं। कई डेवलपर्स पर आरोप है कि वे नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और प्लाटिंग के दौरान छोड़ी जाने वाली सड़क, पार्क या ओपन स्पेस की जमीन भी बेच देते हैं। जब बाद में लोग घर बनाते हैं तो उनके सामने रास्ता अवरुद्ध होने, मार्ग बदल दिए जाने या रास्ता ही गायब होने जैसी बड़ी समस्या आती है।

इसके चलते आम नागरिकों के बीच लंबित विवाद बढ़ते जा रहे हैं और कई मामले राजस्व न्यायालयों में वर्षों से अटके हुए हैं। रजिस्ट्री होने के बाद भी जहां रास्ता होना चाहिए, वहां निजी निर्माण खड़ा हो जाता है और सारी जटिलता बढ़ जाती है। यह समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि कई कॉलोनियों में लोग दस-दस वर्षों से अपने घरों तक ठीक से पहुंच भी नहीं पा रहे हैं।

अधिवक्ता वी.के. माला की मुख्य मांग क्या है?

अधिवक्ता माला का कहना है कि शहर के हर कॉलोनी मार्ग को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, जब तक राजस्व रिकॉर्ड में मार्ग दर्ज नहीं होगा, तब तक कोई भी कॉलोनी सुरक्षित नहीं मानी जा सकती। उन्होंने सुझाव दिया है कि:

✔ भविष्य में कोई भी डेवलपर कॉलोनी बेचने से पहले रास्ते की सारी जमीन राजस्व विभाग में दर्ज कराए।

✔ नगर निगम केवल उन्हीं कॉलोनियों को मान्यता दे जिनकी सड़क भूमि स्पष्ट रिकॉर्ड में मौजूद हो।

✔ मार्ग भूमि दर्ज न होने पर नामांतरण (mutation) भी रोक दिया जाए।

✔ हल्का पटवारियों को निर्देश दिए जाएँ कि वे मौके पर जाकर निरीक्षण करें और सभी मार्गों का रिकॉर्ड तैयार करें।

क्यों नहीं दर्ज हैं कॉलोनियों के रास्ते राजस्व रिकॉर्ड में?

शहर में कई पुरानी कॉलोनियों का विकास बिना उचित अनुमति, बिना नक्शा पास और बिना राजस्व रिकॉर्ड अपडेट किए हुआ था। यही कारण है कि आज भी उन कॉलोनियों की सड़कें कागजों में दर्ज ही नहीं हैं। कई जगह तो डेवलपर ने कॉलोनी बनाते समय केवल प्लाटों की रेखा खींच दी लेकिन सड़क को सार्वजनिक भूमि के रूप में फाइनल नहीं कराया।

डेवलपर्स पर गंभीर आरोप—रास्ता भी बेच दिया जाता है

शहर में दर्जनों डेवलपमेंट फर्मों और प्लाटिंग करने वाली एजेंसियों पर आरोप है कि वे अधिक लाभ कमाने के लिए प्लाटिंग में छोड़ी गई सड़क की जमीन भी बेच देते हैं। इससे आगे चलकर खरीदारों के बीच बड़ी परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं। कई कॉलोनियों में देखा गया है कि सड़क का रास्ता कुछ वर्षों बाद किसी निजी निर्माण में बदल जाता है और निवासियों के पास कोई विकल्प नहीं बचता।

नगर निगम को कौन-सी कार्रवाई करनी चाहिए?

अधिवक्ता माला का मत है कि नगर निगम को तत्काल स्तर पर एक स्पेशल टीम गठित करनी चाहिए जो शहर की सभी कॉलोनियों का सर्वे करे। इसके आधार पर:

• कौन-कौन से रास्ते रिकॉर्ड में दर्ज हैं?

• कौन-कौन से रास्ते गायब हैं?

• किन कॉलोनियों में सड़क भूमि को अवैध रूप से बेचा गया है?

• कौन से डेवलपर जिम्मेदार हैं?

इन सभी बिंदुओं की जांच के बाद निगम को कार्रवाई प्रारंभ करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।

हल्का पटवारियों की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?

राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट करने का सबसे बड़ा जिम्मा हल्का पटवारियों का होता है। वे ही मौके पर जाकर जमीन का निरीक्षण करते हैं, नक्शा मिलान करते हैं और राजस्व रिकॉर्ड में ‘रास्ता भूमि’ के रूप में दर्ज करते हैं। यदि पटवारी स्तर पर निरीक्षण नहीं होगा, तो शहर में प्लाटिंग के नाम पर अव्यवस्था बढ़ती जाएगी।

आम नागरिकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है?

रास्ता विवाद सबसे अधिक आम लोगों को प्रभावित करता है। कई परिवारों ने अपनी जीवन भर की बचत लगाकर प्लाट खरीदा लेकिन बाद में जब रास्ता ही बंद मिला, तो वे अपने ही घर में प्रवेश नहीं कर पाए। ऐसे मामलों में:

✔ बिजली और पानी की लाइनें नहीं पहुंच पातीं

✔ निर्माण की अनुमति अटक जाती है

✔ पड़ोसियों के साथ विवाद बढ़ जाते हैं

✔ राजस्व न्यायालयों में वर्षों तक मामले चल जाते हैं

राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ी

रीवा जिले के राजस्व न्यायालयों में सड़क विवादों से जुड़े सैकड़ों मामले लंबित हैं। इनमें से कई मामलों में साफ लिखा है कि रास्ता गायब है, बदल दिया गया है, या बेचा जा चुका है। इन जटिलताओं के कारण कई लोग वर्षों तक निर्माण नहीं कर पाते और परेशान रहते हैं।

निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े ने क्या कार्रवाई की?

अधिवक्ता वी.के. माला की शिकायत के बाद नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े ने संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि:

✔ हर कॉलोनी का भौतिक निरीक्षण हो

✔ रास्ते का नक्शा और रिकॉर्ड का मिलान किया जाए

✔ जहां रास्ते गायब हैं, वहां तुरंत रोक लगाई जाए

✔ अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो

शहर के विकास पर इसका सीधा असर

यदि रास्ते ही रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होंगे, तो शहर की सड़कें आगे कैसे विकसित होंगी? यही कारण है कि यह मुद्दा सिर्फ प्लाट धारकों का नहीं बल्कि पूरे शहर के विकास से जुड़ा हुआ है। नाली, सड़क, स्ट्रीटलाइट, पानी की पाइपलाइन—ये सभी सिर्फ तभी संभव हैं जब रास्ता रिकॉर्ड में मौजूद हो।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

रीवा के शहरी विकास विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम शहर को प्लान्ड डेवलपमेंट की दिशा में ले जाएगा। यदि राजस्व रिकॉर्ड में रास्ते स्पष्ट रूप से दर्ज हो जाएंगे, तो आने वाले वर्षों में शहर की सभी कॉलोनियों को मानक सुविधाएँ देना आसान होगा। इससे भविष्य में अवैध निर्माण भी रुकेंगे।

निष्कर्ष: कार्रवाई में देरी शहर के लिए नुकसानदायक

रीवा शहर तेजी से विस्तार कर रहा है, ऐसे में प्लाटिंग और सड़क से जुड़े विवादों को अनदेखा करना शहर के लिए भारी नुकसानदायक साबित हो सकता है। अधिवक्ता वी.के. माला की पहल जनहित में है और इस पर समय रहते कार्रवाई जरूरी है। यदि जल्द ही रास्ते राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किए गए, तो आने वाले समय में विवाद और भी बढ़ेंगे और विकास कार्य रुक जाएंगे।

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