रीवा पुलिस ने धनतेरस पर लौटाई खुशियां, 50 से ज्यादा गुम मोबाइल लोगों को किए वापस

रीवा पुलिस ने धनतेरस पर 50 से ज्यादा गुम हुए मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को लौटाए। अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल और सायबर सेल टीम ने CEIR पोर्टल की मदद से मोबाइल ट्रैक किए।;

Update: 2025-10-19 06:05 GMT
🔹 रीवा पुलिस ने धनतेरस पर लौटाई लोगों की मुस्कान
🔹 अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल के नेतृत्व में चला विशेष अभियान
🔹 सायबर सेल ने CEIR पोर्टल से मोबाइल ट्रैक कर किए बरामद
🔹 50 से अधिक मोबाइल लौटाए गए, लोगों ने जताया आभार

धनतेरस पर रीवा पुलिस ने लौटाई खुशियां | Rewa Police Returns Lost Mobiles on Dhanteras

रीवा पुलिस ने धनतेरस के शुभ अवसर पर लोगों के चेहरों की मुस्कान वापस लौटा दी। पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह के निर्देशन में अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल और उनकी टीम ने एक विशेष अभियान चलाते हुए आम नागरिकों के गुम हुए मोबाइल फोन खोज निकाले और उन्हें उनके असली मालिकों को सौंप दिया।

50 मोबाइल फोन किए गए वापस | 50 Mobiles Returned to Owners

अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत करीब 50 की संख्या में मोबाइल उनके असली मालिकों को लौटाए गए। लोगों ने धनतेरस के दिन मोबाइल वापस पाकर इसे खास उपहार बताया और रीवा पुलिस का दिल से शुक्रिया अदा किया। पुलिस का यह कदम सोशल मीडिया पर भी काफी सराहा जा रहा है।

सायबर सेल और CEIR पोर्टल की रही अहम भूमिका | CEIR Portal and Cyber Cell Key Role

सायबर सेल टीम ने तकनीकी विश्लेषण के साथ-साथ CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल की मदद से मोबाइल ट्रैक किए। इस पोर्टल का उपयोग भारत सरकार के संचार मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो IMEI नंबर के आधार पर गुम या चोरी हुए मोबाइल का पता लगाने में मदद करता है।

पुलिस ने की अपील, मोबाइल सुरक्षित रखें | Police Appeals to Keep Phones Safe

रीवा पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अपने मोबाइल सुरक्षित रखें और यदि मोबाइल गुम हो जाए तो तुरंत CEIR पोर्टल या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं। इससे मोबाइल जल्दी ट्रैक किया जा सकता है और अपराधियों तक पहुंचना आसान होता है।

कैसे ट्रैक होता है मोबाइल? | How Police Track Lost Phones

पुलिस मुख्य रूप से मोबाइल के IMEI नंबर का उपयोग करके गुम या चोरी हुए फोन को ट्रैक करती है। जब भी कोई व्यक्ति फोन में नया सिम कार्ड डालता है, नेटवर्क प्रोवाइडर उस गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। इसके बाद सिस्टम अलर्ट के ज़रिए पुलिस को नई लोकेशन और सिम धारक की जानकारी मिलती है, जिससे पुलिस असली मालिक तक फोन पहुंचा पाती है।

साइबर टीम की सतर्कता से मिली सफलता | Cyber Team’s Technical Success

इस पूरी प्रक्रिया में सायबर सेल की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने हर मोबाइल की तकनीकी डिटेल और नेटवर्क एक्टिविटी का विश्लेषण किया। कुछ मामलों में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की, जिससे फोन और संदिग्धों की पहचान में मदद मिली। पुलिस का यह प्रयास जनसेवा और भरोसे की मिसाल बन गया है।

लोगों ने जताया धन्यवाद | Public Reaction and Appreciation

मोबाइल वापस पाने वाले नागरिकों ने रीवा पुलिस और अमहिया थाना स्टाफ का आभार जताया। लोगों का कहना था कि धनतेरस के दिन अपने खोए हुए मोबाइल पाना उनके लिए किसी उपहार से कम नहीं। पुलिस के इस प्रयास ने जनता के बीच सकारात्मक संदेश दिया है कि कानून व्यवस्था मजबूत और संवेदनशील है।

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FAQs - रीवा पुलिस का मोबाइल वापसी अभियान | Frequently Asked Questions

1. रीवा पुलिस ने धनतेरस पर कितने मोबाइल वापस किए?

रीवा पुलिस ने करीब 50 से ज्यादा गुम हुए मोबाइल उनके असली मालिकों को लौटाए।

2. मोबाइल ट्रैक करने के लिए पुलिस ने कौन-सा सिस्टम इस्तेमाल किया?

पुलिस ने CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल और IMEI नंबर की मदद से मोबाइल ट्रैक किए।

3. अगर मोबाइल खो जाए तो क्या करना चाहिए?

सबसे पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं और फिर CEIR पोर्टल पर जाकर अपने मोबाइल का IMEI नंबर ब्लॉक करें।

4. CEIR पोर्टल क्या है?

यह भारत सरकार का पोर्टल है जो खोए या चोरी हुए मोबाइल की पहचान और ट्रैकिंग के लिए बनाया गया है।

5. क्या रीवा पुलिस भविष्य में ऐसे और अभियान चलाएगी?

हाँ, पुलिस ने संकेत दिया है कि इस तरह के अभियान आगे भी नियमित रूप से चलाए जाएंगे।

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