शाबास रीवा IG गौरव राजपूत! कबाड़ी मोहल्ले में पहली बार नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, लेकिन कई सवाल अभी भी बाकी?
रीवा पुलिस ने कबाड़ी मोहल्ले में पहली बार ड्रग माफिया पर बड़ी कार्रवाई की लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर भी गिरेगी गाज?;
REWA IG GAURAV RAJPOOT
रीवा: शहर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब पुलिस ने कबाड़ी मोहल्ले जैसे संवेदनशील इलाके में नशे के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की।
आईजी गौरव राजपूत और एसपी विवेक सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू की गई। डॉग स्क्वायड, ड्रोन कैमरा और साइबर सेल के सहयोग से एक सुनियोजित ऑपरेशन चला।
ऑपरेशन की मुख्य विशेषताएं
- समय: सुबह 5 बजे
- तकनीकी मदद: डॉग स्क्वायड, ड्रोन कैमरा, साइबर सेल
- बरामदगी: कोरेक्स, ओनरेक्स सिरप, टैबलेट्स
- पूछताछ: कई महिलाओं को हिरासत में लिया गया
इस रेड में भारी मात्रा में नशीली दवाएं पकड़ी गईं, जो बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के धड़ल्ले से बेची जा रही थीं।
IG गौरव राजपूत की छवि और उम्मीदें
जनता में IG गौरव राजपूत के इस क़दम की जमकर सराहना हो रही है। उनकी छवि एक सख्त और एक्शन लेने वाले अफसर के रूप में बन रही है। लोगों को उम्मीद है कि यह सिर्फ एक रेड नहीं बल्कि रीवा को नशे से मुक्ति की ओर ले जाने वाला पहला कदम है।
लेकिन उठते हैं कई सवाल: क्या नेक्सस टूटेगा?
रीवा में नशे का कारोबार रातों-रात नहीं पनपा। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह पूरा नेटवर्क कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से वर्षों से फल-फूल रहा है।
- क्या पुलिस महकमे में मौजूद उन अफसरों पर भी कार्रवाई होगी?
- क्या IG गौरव राजपूत उन नामों को सार्वजनिक करेंगे जो इस ड्रग रैकेट के पीछे हैं?
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कब?
यह सबसे बड़ा सवाल है। अगर इस ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ फुट सोल्जर्स को पकड़ना है और असली मास्टरमाइंड को बचाना है, तो यह कार्रवाई सिर्फ एक दिखावा साबित होगी।
रीवा को नशा मुक्त करने की चुनौती
कबाड़ी मोहल्ला केवल एक उदाहरण है। शहर के अन्य हिस्सों — जैसे कि पुरानी बस्ती, झंडा चौक, चिरोती, बिछिया — में भी नशे का खुला कारोबार होता है।
जरूरी है कि:
- पूरे जिले में इसी तरह के ऑपरेशन चलें
- काउंसलिंग और पुनर्वास की व्यवस्था हो
- मेडिकल स्टोर और फार्मेसियों की मॉनिटरिंग हो
जनता की भूमिका और मीडिया का दबाव
इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने IG और SP को धन्यवाद दिया है लेकिन साथ ही उन्हें लगातार निगरानी में रखने की भी मांग की है।
लोग चाहते हैं कि कार्रवाई लगातार जारी रहे और एक-दो दिन की रेड बनकर न रह जाए।
कानूनी पहलू और NDPS Act
NDPS Act के तहत बिना प्रिस्क्रिप्शन के नशीली दवाएं बेचना और खरीदना गंभीर अपराध है। इस कानून के अंतर्गत:
- 10 साल तक की सज़ा
- लाखों रुपये जुर्माना
- repeat offenders के लिए कड़ी सज़ा
क्या यह बदलाव की शुरुआत है?
IG गौरव राजपूत का यह कदम रीवा में नशे के खिलाफ बिगुल है। लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब:
- भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए
- पूरे जिले में समान कार्रवाई हो
- एक लॉन्ग टर्म प्लान तैयार हो
- यदि यह सब हुआ, तभी यह रेड एक बदलाव की शुरुआत कहलाएगी — वरना यह सिर्फ एक “बड़ी खबर” बनकर रह जाएगी।