रीवा: दस्तावेजों का सत्यापन के लिए कालेजों में उमडी भीड़, कियोस्क सेंटर पैसे कमाने के लिए नही कर रहें ऑनलाइन सत्यापन

रीवा: दस्तावेजों का सत्यापन के लिए कालेजों में उमडी भीड़, कियोस्क सेंटर पैसे कमाने के लिए नही कर रहें ऑनलाइन सत्यापन रीवा गुरुवार से

Update: 2021-02-16 06:28 GMT

रीवा: दस्तावेजों का सत्यापन के लिए कालेजों में उमडी भीड़, कियोस्क सेंटर पैसे कमाने के लिए नही कर रहें ऑनलाइन सत्यापन

रीवा ( विपिन तिवारी) । गुरुवार से स्नातकोत्तर कक्षा में प्रवेश के लिए आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई । ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान छात्र बड़ी संख्या में ऑनलाइन सेंटर पहुंच रहे हैं। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते कोरोना संक्रमण बढऩे की आशंका भी बढ़ गई है। प्रशासन ने प्रवेश को लेकर एक और गाइडलाइन जारी की है। इसके पहले भी कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए शासन ने कालेजों में भीड़ नहीं जुटे इसके लिए कई नई व्यवस्थाएं बनाई हैं। जिसमें छात्र अपना पंजीयन कियोस्क सेंटर या फिर अन्य माध्यमों से आनलाइन ही करा सकते हैं। साथ ही इनके दस्तावेजों का पंजीयन भी आनलाइन किया जा रहा है। प्रवेश शुल्क जमा करने के लिए भी कालेज जाने की आवश्यकता नहीं है। डिजिटल माध्यम से शुल्क जमा कराने का विकल्प दिया गया है।

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इसके साथ ही छात्रों की सुविधा के लिए यह अवसर दिया गया है कि यदि उनका दस्तावेज किसी कारण के चलते आनलाइन सत्यापित नहीं हो पा रहा है तो वह अपने नजदीकी किसी भी सरकारी कालेज के हेल्प सेंटर में जाकर दस्तावेज सत्यापित कर सकते हैं। रीवा में कियोस्क सेंटर्स अपनी मनमानी के अनुसार काम कर रहे हैं। छात्रों का पंजीयन कर शुल्क वसूल रहें हैं लेकिन दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कर रहे, तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए छात्रों को कालेज भेजा जा रहा है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि जो समय सत्यापन में लगाएंगे उसके बदले दूसरे छात्र का रजिस्ट्रेशन कर अतिरिक्त रुपए कमाया जा सके। ऑनलाइन सत्यापन न होनें की वजह से कालेजों में अचानक छात्रों की भीड़ दिखाई दी।

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दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए आ रहे छात्रों की संख्या अधिक है। टी आर एस कॉलेज पर निर्धारित दस की संख्या में सत्यापन के काउंटर भी नहीं खोले गए हैं, जिसकी वजह से छात्रों को समस्याएं हो रही हैं। एक ही काउंटर में बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक भीड़ लगा रहे हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम फेल हो रहे हैं। कालेज प्रबंधन की ओर से भी कोई व्यवस्था ऐसी नहीं बनाई गई है कि छात्र दूर-दूर खड़े होकर दस्तावेजों का सत्यापन कराएं। जबकि मॉडल साइंस कालेज, जीडीसी कालेज ,कला विधि कालेज में भी सत्यापन के लिए बड़ी संख्या में भीड़ लगी रहती है। जिसकी वजह से छात्रों को अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

नई गाइडलाइन में निर्देश

- एक कक्ष में एक ही काउंटर बनाया जाए। - हर काउंटर के सामने दो गज की दूरी पर गोले बनाकर छात्रों के खड़े होने की व्यवस्था हो। - शिक्षकों, कर्मचारियों एवं आवेदकों को मास्क लगाए रखना अनिवार्य।
- कालेज परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सेनेटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य। - कालेज परिसरों को हर दिन सेनेटाइज करने के साथ ही सत्यापन में उपयोग होने वाले उपकरणों का भी सेनेटाइजेशन होगा।
- छात्रों को टोकन वितरित कर नंबर से बुलाया जाएगा ताकि भीड़ जमा नहीं हो। - कालेज के स्टाफ को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी प्राचार्यों की होगी। [signoff] 

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