रीवा के सगरा थाना प्रभारी पर हाईकोर्ट सख्त, DGP–IG–SP से जवाब तलब; CCTV फुटेज मांगे

जबलपुर हाईकोर्ट ने रीवा जिले के सगरा थाना प्रभारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग और सीएम हेल्पलाइन शिकायत जबरन बंद कराने के मामले में डीजीपी, आईजी और एसपी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने थाने के सीसीटीवी फुटेज भी तलब किए हैं।

Update: 2025-12-16 05:26 GMT
  • सगरा थाना प्रभारी के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट सख्त
  • DGP, IG रीवा जोन और SP से जवाब तलब
  • CM हेल्पलाइन शिकायत जबरन बंद कराने का आरोप
  • थाने के CCTV फुटेज तलब, पुलिस महकमे में हड़कंप

सगरा थाना प्रभारी पर हाईकोर्ट की सख्ती

मध्यप्रदेश के रीवा जिले से जुड़े एक गंभीर मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सगरा थाना प्रभारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP), आईजी रीवा जोन और रीवा एसपी से जवाब तलब किया है। मामला पद के दुरुपयोग और फरियादी की सीएम हेल्पलाइन शिकायत को जबरन बंद कराने से जुड़ा हुआ है।

जमीन विवाद से शुरू हुआ पूरा मामला

यह मामला सिरमौर तहसील के ग्राम मझियारी का है। गांव निवासी राजेश शुक्ला का अपने चाचा के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद में कमिश्नर कोर्ट ने संबंधित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

स्टे के बावजूद फसल कटने का आरोप

याचिकाकर्ता का आरोप है कि उन्होंने अपने खेत में धान की बुवाई की थी, लेकिन कोर्ट के स्टे आदेश के बावजूद उनके चाचा ने सगरा पुलिस की मदद से फसल कटवा ली। राजेश शुक्ला का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस ने निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय एकतरफा कदम उठाए।

सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बनी विवाद की वजह

पुलिस कार्रवाई से परेशान होकर राजेश शुक्ला ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि इसके बाद सगरा पुलिस ने शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाना शुरू किया। जब राजेश ने शिकायत वापस लेने से इनकार किया, तो पुलिस ने कथित तौर पर जबरन कार्रवाई की।

पूरा परिवार उठाकर थाने ले जाने का आरोप

याचिका में कहा गया है कि पुलिस राजेश शुक्ला, उनकी पत्नी और बेटे को जबरन घर से उठाकर थाने ले गई। वहां उनसे मोबाइल फोन छीन लिए गए और पुलिस ने खुद ही सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बंद कर दी। इस घटना को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन बताया गया है।

हाईकोर्ट ने मांगे CCTV फुटेज

पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने और निलंबन की मांग की। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तो मांगा ही, साथ ही सगरा थाने के सीसीटीवी फुटेज भी तलब किए।

कोर्ट ने विशेष रूप से 24 से 26 अक्टूबर 2025 और 13 से 15 नवंबर 2025 की रिकॉर्डिंग प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।

पुलिस प्रशासन पर कड़ी नजर

हाईकोर्ट की इस सख्ती को पुलिस जवाबदेही से जोड़कर देखा जा रहा है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, सभी की नजरें पुलिस प्रशासन द्वारा दाखिल किए जाने वाले जवाब और सीसीटीवी फुटेज पर टिकी हैं।

कुल मिलाकर गंभीर मामला

कुल मिलाकर, यह मामला सिर्फ एक जमीन विवाद तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली और नागरिक अधिकारों पर भी सवाल खड़े कर रहा है। आने वाली सुनवाई में यह साफ होगा कि सगरा थाना प्रभारी और अन्य अधिकारियों की भूमिका क्या रही।

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FAQs

हाईकोर्ट ने किन अधिकारियों से जवाब मांगा है?

हाईकोर्ट ने DGP, IG रीवा जोन और रीवा SP से जवाब तलब किया है।

मामला किससे जुड़ा है?

यह मामला सगरा थाना प्रभारी पर पद के दुरुपयोग और सीएम हेल्पलाइन शिकायत जबरन बंद कराने के आरोप से जुड़ा है।

कोर्ट ने क्या सबूत मांगे हैं?

कोर्ट ने सगरा थाने के CCTV फुटेज तलब किए हैं।

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