राम मंदिर आंदोलन के संत डॉ. रामविलास दास 'वेदांती' का निधन, रीवा में ली अंतिम सांस; अयोध्या में होगी अंतिम यात्रा

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का रीवा में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर भोपाल एम्स ले जाने की तैयारी थी, लेकिन कोहरे के कारण एयर एंबुलेंस नहीं उतर सकी। अंतिम यात्रा अयोध्या में निकलेगी।

Update: 2025-12-15 11:30 GMT
  • राम मंदिर आंदोलन के संत डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन
  • रीवा में रामकथा के दौरान बिगड़ी तबीयत
  • एयर एंबुलेंस कोहरे के कारण लैंड नहीं कर सकी
  • अयोध्या में मंगलवार को अंतिम यात्रा और जल समाधि

रीवा में डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन, संत समाज में शोक

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास 'वेदांती महाराज' का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने मध्यप्रदेश के रीवा में दोपहर 12:20 बजे अंतिम सांस ली। वे 67 वर्ष के थे। वेदांती इन दिनों रीवा में रामकथा कर रहे थे, इसी दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।

दो दिन से चल रहा था इलाज

बताया गया कि बीते दो दिनों से डॉ. वेदांती का इलाज रीवा के एक अस्पताल में चल रहा था। सोमवार सुबह उनकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें भोपाल एम्स एयरलिफ्ट करने की तैयारी की गई। एयर एंबुलेंस रीवा पहुंच भी गई थी, लेकिन घने कोहरे की वजह से लैंड नहीं कर सकी। इसी दौरान उनका निधन हो गया।

अयोध्या में निकलेगी अंतिम यात्रा

डॉ. वेदांती के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने जानकारी दी कि महाराज जी का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है। उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार सुबह अयोध्या के हिंदू धाम से निकलेगी और राम मंदिर तक जाएगी। इसके बाद सरयू तट पर सुबह 10 बजे उन्हें जल समाधि दी जाएगी। अंतिम दर्शन के लिए देशभर से संतों और अनुयायियों के पहुंचने की संभावना है।

 

रीवा से अयोध्या तक जीवन यात्रा

डॉ. रामविलास दास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। जब वे केवल 12 वर्ष के थे, तभी वे अयोध्या चले गए। इसके बाद उनका पूरा जीवन अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन को समर्पित रहा।


Full View

संत से सांसद तक का सफर

धार्मिक जीवन के साथ-साथ वे राजनीति में भी सक्रिय रहे। वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और जौनपुर की मछलीशहर सीट से दो बार भाजपा सांसद रहे। राम मंदिर आंदोलन के दौरान वे देशभर में संत समाज की प्रमुख आवाज के रूप में पहचाने जाते थे।

बाबरी केस से जुड़ा नाम, 2020 में बरी

डॉ. वेदांती का नाम बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपियों की सूची में शामिल था। हालांकि, वर्ष 2020 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि विध्वंस के पीछे किसी साजिश के प्रमाण नहीं मिले।

भाई बोले—हाथ पकड़कर बैठाया था, पता नहीं था आखिरी मुलाकात होगी

वेदांती जी महाराज के बड़े भाई लक्ष्मी निधि त्रिपाठी भावुक हो उठे। उन्होंने बताया कि रविवार को वे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उनसे मिलने गए थे। जैसे ही कमरे में पहुंचे, वेदांती ने उन्हें पास बुलाया, हाथ पकड़कर अपने पास बैठा लिया। करीब आधे घंटे तक वे शांत भाव से उन्हें देखते रहे। उन्होंने कहा—“मुझे नहीं पता था कि यह उनसे मेरी आखिरी मुलाकात होगी।”

संत समाज और राजनीति में शोक की लहर

डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन से संत समाज, रामभक्तों और राजनीतिक जगत में गहरा शोक है। उन्हें राम मंदिर आंदोलन के समर्पित संत और स्पष्ट वक्ता के रूप में याद किया जाएगा। उनके निधन को अयोध्या आंदोलन के एक युग का अंत माना जा रहा है।

Join WhatsApp Channel

FAQs

डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन कहां हुआ?

उनका निधन मध्यप्रदेश के रीवा में हुआ।

उनकी अंतिम यात्रा कहां होगी?

अंतिम यात्रा अयोध्या में निकलेगी और सरयू तट पर जल समाधि दी जाएगी।

वे कितनी बार सांसद रहे?

वे दो बार भाजपा के सांसद रहे थे।

Tags:    

Similar News