रीवा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन: जल कर से लेकर संपत्ति कर तक लाखों की वसूली, आमजन को बड़ी राहत
रीवा में आयोजित नेशनल लोक अदालत में जल कर, संपत्ति कर, बिजली बिल और राजस्व मामलों में भारी छूट दी गई। नगर निगम, न्यायालय और कलेक्ट्रेट में सैकड़ों मामलों का त्वरित निराकरण हुआ।
- रीवा में नेशनल लोक अदालत का व्यापक आयोजन
- जल कर और संपत्ति कर पर 25% से 100% तक की छूट
- न्यायालय, नगर निगम और कलेक्ट्रेट में सैकड़ों मामलों का निराकरण
- आमजन को समय और खर्च दोनों में राहत
रीवा में नेशनल लोक अदालत को मिला आमजन का भरपूर सहयोग
रीवा में आज आयोजित नेशनल लोक अदालत का आयोजन व्यापक स्तर पर किया गया, जिसमें आम नागरिकों की भागीदारी उत्साहजनक रही। लोक अदालत का संचालन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर अपने लंबित मामलों का समाधान कराया। इस आयोजन का उद्देश्य सरल, सुलभ और त्वरित न्याय प्रदान करना था, जिसमें प्रशासन काफी हद तक सफल होता नजर आया।
न्यायालय परिसर में आपसी सहमति से निपटाए गए प्रकरण
रीवा न्यायालय परिसर में आयोजित नेशनल लोक अदालत में चेक बाउंस, बैंक विवाद, विद्युत बकाया और अन्य सिविल मामलों का आपसी सहमति से निराकरण किया गया। लोक अदालत के माध्यम से मामलों के निपटारे से पक्षकारों को लंबी न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिली और समय व खर्च दोनों की बचत हुई।
रीवा नगर निगम में जल कर पर भारी छूट
रीवा नगर निगम कार्यालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत के दौरान जल प्रभार और अन्य उपभोक्ता शुल्कों पर 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान किया गया था। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक नगर निगम कार्यालय पहुंचे और अपने लंबे समय से लंबित जल कर का भुगतान किया।
अधिकारियों के अनुसार, लोक अदालत के दिन जल कर वसूली में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई। कई ऐसे उपभोक्ता भी सामने आए, जिन्होंने वर्षों से बकाया राशि एकमुश्त जमा कराकर अपने मामलों का स्थायी समाधान कराया।
संपत्ति कर में भी 25% से 100% तक छूट
नगर निगम द्वारा संपत्ति कर और अन्य करों के अधिभार में भी 25 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट लागू की गई थी। इस योजना का असर साफ नजर आया, जब बड़ी संख्या में नागरिकों ने मौके पर पहुंचकर अपना संपत्ति कर जमा कराया और वर्षों पुराने मामलों का निराकरण कराया।
कलेक्ट्रेट कार्यालय में राजस्व मामलों का त्वरित समाधान
रीवा कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी नेशनल लोक अदालत के अंतर्गत नामांतरण, बंटवारा और अन्य राजस्व प्रकरणों का मौके पर निराकरण किया गया। लंबे समय से लंबित मामलों का समाधान होने से नागरिकों ने राहत की सांस ली और प्रशासनिक प्रक्रिया पर भरोसा और मजबूत हुआ।
लोक अदालत से आमजन को क्या फायदे हुए?
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं मिलीं। बिना किसी जटिल प्रक्रिया के, एक ही दिन में मामलों का निपटारा हुआ। कोर्ट फीस की बचत, लंबी तारीखों से मुक्ति और प्रशासनिक सहयोग ने इस आयोजन को खास बना दिया।
प्रशासन का उद्देश्य – सरल प्रक्रिया, अधिक राहत
प्रशासन का कहना है कि नेशनल लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सरल और सस्ती न्यायिक सुविधा उपलब्ध कराना है। छूट और समझौते के माध्यम से मामलों का समाधान होने से न केवल जनता को राहत मिलती है, बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर दबाव भी कम होता है।
कुल मिलाकर सफल रहा आयोजन
कुल मिलाकर, रीवा में आयोजित नेशनल लोक अदालत की योजना काफी हद तक सफल नजर आई। करों में छूट, त्वरित समाधान और सरल प्रक्रिया ने आमजन को आकर्षित किया, जिससे नागरिकों ने बढ़-चढ़कर इस अवसर का लाभ उठाया।
FAQs
नेशनल लोक अदालत का उद्देश्य क्या है?
नेशनल लोक अदालत का उद्देश्य आपसी सहमति से मामलों का त्वरित समाधान करना और नागरिकों को सस्ती न्यायिक सुविधा देना है।
रीवा में किन मामलों का निराकरण किया गया?
इसमें जल कर, संपत्ति कर, बिजली बिल, चेक बाउंस, बैंक विवाद और राजस्व से जुड़े मामले शामिल थे।
लोक अदालत में कितनी छूट दी गई?
करों के अधिभार में 25 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट दी गई।