20 साल बाद खुलासा: रीवा में दो भाइयों को मृत बताकर जमीन हड़पी, राजस्थान से लौटे तो सामने आई सच्चाई
रीवा के त्यौंथर तहसील के मझिगवां गांव में दो भाइयों को मृत बताकर जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया। 20 साल बाद राजस्थान से लौटे भाइयों ने खोली साजिश की परतें।
- रीवा जिले के त्यौंथर तहसील के मझिगवां गांव में जमीन हड़पने का बड़ा मामला
- दो भाइयों को मृत घोषित कर कागजों में कराई गई जमीन अपने नाम
- मजदूरी के लिए राजस्थान गए थे दोनों भाई, 20 साल बाद लौटे
- पुलिस में शिकायत के बावजूद अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई
Majhigawan Land Dispute | रीवा जिले के मझिगवां गांव का चौंकाने वाला मामला
मध्य प्रदेश के रीवा जिले की त्यौंथर तहसील के मझिगवां गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने गांव से लेकर प्रशासन तक को हैरान कर दिया है। यहां दो सगे भाइयों को कागजों में मृत बताकर उनकी पुश्तैनी जमीन हड़प ली गई। हैरानी की बात यह है कि यह साजिश करीब 20 साल तक छुपी रही और सच्चाई तब सामने आई, जब दोनों भाई जीवित अवस्था में गांव लौटे।
Rajasthan Migration Story | मजदूरी के लिए राजस्थान गए थे भाई
परिवार के सदस्यों के अनुसार, दोनों भाई करीब दो दशक पहले रोजगार की तलाश में राजस्थान चले गए थे। उस समय गांव में रोजगार के सीमित साधन थे, इसलिए मजदूरी करना ही उनके लिए एकमात्र विकल्प था। लंबे समय तक संपर्क न रहने का फायदा उठाकर गांव के ही कुछ लोगों ने उन्हें लापता और फिर मृत दिखाने की योजना बना डाली।
Fake Death Records | कागजों में कैसे घोषित कर दिया मृत
आरोप है कि जमीन हड़पने की नीयत से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। गांव स्तर पर ही कुछ रिकॉर्ड में दोनों भाइयों को मृत दर्शा दिया गया। इसके बाद उनकी जमीन का नामांतरण कराकर उसे अपने नाम दर्ज करवा लिया गया। यह पूरा खेल राजस्व रिकॉर्ड और स्थानीय स्तर की मिलीभगत से हुआ, जिससे मामला वर्षों तक दबा रहा।
Return After 20 Years | 20 साल बाद गांव लौटे भाई
करीब 20 साल बाद जब दोनों भाई राजस्थान से वापस अपने गांव मझिगवां पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उनकी जमीन अब किसी और के नाम दर्ज है। पहले तो उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड खंगाले, तब फर्जी मौत की सच्चाई सामने आई।
Police Complaint | पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
पीड़ित भाइयों ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जिंदा रहते हुए मृत घोषित किया गया और उनकी मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया। हालांकि, शिकायत के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से परिवार निराश है।
Village Reaction | गांव में चर्चा का विषय
यह मामला सामने आने के बाद पूरे मझिगवां गांव में चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल दो भाइयों का नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला मामला है। अगर जिंदा लोगों को कागजों में मृत दिखाया जा सकता है, तो किसी की भी जमीन सुरक्षित नहीं है।
Administration Role | प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना उचित जांच के मौत दर्ज होना और जमीन का नामांतरण होना यह दर्शाता है कि सिस्टम में गंभीर खामियां हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है।
Legal Battle Ahead | कानूनी लड़ाई की तैयारी
पीड़ित परिवार अब कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है। उनका कहना है कि वे अपनी जमीन वापस लेने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं। इस मामले में यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो वे उच्च अधिकारियों और अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मझिगवां गांव का मामला क्या है?
यह मामला दो भाइयों को कागजों में मृत दिखाकर उनकी जमीन हड़पने से जुड़ा है।
भाई कहां गए थे?
दोनों भाई मजदूरी के लिए राजस्थान गए थे और लंबे समय तक गांव नहीं लौटे।
सच्चाई कैसे सामने आई?
करीब 20 साल बाद जब दोनों भाई गांव लौटे, तब जमीन के फर्जी रिकॉर्ड का खुलासा हुआ।
क्या पुलिस कार्रवाई कर रही है?
पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन ठोस कार्रवाई का इंतजार है।
इस मामले से क्या सीख मिलती है?
यह मामला दिखाता है कि जमीन रिकॉर्ड और दस्तावेजों की नियमित जांच कितनी जरूरी है।