घूंसखोर पटवारी को मिली चार साल की सजा

रीवा। भ्रष्टाचार के आलिंगन में बंधा राजस्व अमला आये दिन सुर्खियों में रहता है। लोकायुक्त के जाल में फंसे मगरमच्छो का आखिरी ठिकान सलाखों के पीछे होता है। धन.धर्म सहित जिंदगी भर की कमाई बदमानी के आगोश में चली जाती है। उसके बावजूद भी राजस्व विभाग से भ्रष्टाचार का खात्मा नहीं हो रहा है। भ्रष्टाचार के दलदल में पल रहे दिन दूनी रात चौगनी कमाने की महत्वाकांछा रखने वाले पटवारी को न्यायालय ने दोषी ठहराते हुये सजा के साथ ही जुर्माना ठोक दिया। न्यायधीश के मुखारबिंदु से सजा सुनते ही पटवारी को किये गये गुनाहो का एहसास हुआए लेकिन अब पछताये होत क्या जब चिडिय़ा चुग गई खेत कहावत चरितार्थ हुई और पटवारी को न्यायालय ने गुनाहों की सजा काटने सलाखों के पीछे भेज दिया।

Update: 2021-03-07 00:13 GMT

रीवा। भ्रष्टाचार के आलिंगन में बंधा राजस्व अमला आये दिन सुर्खियों में रहता है। लोकायुक्त के जाल में फंसे मगरमच्छो का आखिरी ठिकान सलाखों के पीछे होता है। धन.धर्म सहित जिंदगी भर की कमाई बदमानी के आगोश में चली जाती है। उसके बावजूद भी राजस्व विभाग से भ्रष्टाचार का खात्मा नहीं हो रहा है। भ्रष्टाचार के दलदल में पल रहे दिन दूनी रात चौगनी कमाने की महत्वाकांछा रखने वाले पटवारी को न्यायालय ने दोषी ठहराते हुये सजा के साथ ही जुर्माना ठोक दिया। न्यायधीश के मुखारबिंदु से सजा सुनते ही पटवारी को किये गये गुनाहो का एहसास हुआए लेकिन अब पछताये होत क्या जब चिडिय़ा चुग गई खेत कहावत चरितार्थ हुई और पटवारी को न्यायालय ने गुनाहों की सजा काटने सलाखों के पीछे भेज दिया।

एडीपीओ अभियोजन शाखा के सहायक मीडिया सेल प्रभारी कल्याण सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त माण् गिरीश दीक्षित ने प्रकरण में दोनो पक्षों की सुनाई करते हुये नईगढ़ी तहसील के कोट पहिलपार हल्का के पटवारी राजमणि कुशवाहा पिता श्यामलाल 54 वर्ष निवासी बदरांव गौतमान थाना सिरमौर को घूंस लेने में दोषी पाते हुये चार वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाते हुये चार हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक संजीव श्रीवास्तव ने की थी। घटना के संबंध में मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि आरोपी पटवारी के विरुद्ध कास्तकार वेदमणि पांडेय पिता विनायक प्रसाद निवासी गडि़हापार थाना नईगढ़ी ने लोकायुक्त में शिकायत की थी।

प्रतिवेदन बनाने के लिए मांगे थे 20 हजार रुपये

शिकायतकर्ता के पिता वृद्ध थे। वह अपने तीनों पुत्रों के नाम 15 एकड़ 87 डिसमिल जमीन का बंटनवारा करना चाहते थे। जिसके लिए शिकायतकर्ता ने तहसील में पुल्ली फांट का आवेदन लगाया। जिसमें तहसीलदार ने पटवारी को प्रतिवेदन पेश करने लिए कहा। बस पटवारी ने सोचा बड़ी मच्छली फंस गई और प्रतिवेदन बनाने के लिए 20 हजार रुपये की मांग कर बैठा। आरोपी पटवारी जिसे वह बड़ी मच्छली समझ बैठा था वह उससे भी बड़ा खिलाड़ी था। आरोपी पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत कास्तकार ने लोकायुक्त एसपी से की। तत्कालीन एसपी ने टीम गठित कर भ्रष्टाचार के दलदल मेें रह रहे पटवारी को पकडऩे रचना रच दी।  15 जुलाई 2015 को आरोपी पटवारी रिश्वत के पांच हजार रुपये लेते हुये लोकायुक्त के हाथों रंगे हाथ पकड़ गया। लोकायुक्त ने आरोपी के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायायल में पेश कर दिया। जहां सुनवाई के उपरांत आरोपी को न्यायालय ने सजा सुना दी।

Similar News