एमपी में यहां नीम के पेड़ में दिखा कुछ ऐसा की लग गया भक्तों का तांता, होने लगी पूजा-बजने लगे शंख

Singrauli MP News: सिंगरौली जिले (Singrauli District) के निगाही क्षेत्र स्थित नीम के पेड़ में स्थानीय निवासियों को कुछ ऐसा देखने को मिला कि देखते ही देखते यहां सैकड़ो भक्तों की भीड़ जमा हो गई।

Update: 2022-10-17 11:59 GMT

Singrauli MP News: सिंगरौली जिले (Singrauli District) के निगाही क्षेत्र स्थित नीम के पेड़ में स्थानीय निवासियों को कुछ ऐसा देखने को मिला कि देखते ही देखते यहां सैकड़ो भक्तों की भीड़ जमा हो गई। कुछ ही समय में नीम के पेड़ की पूजा, अर्चना किए जाने के साथ ही आरती होने लगी, शंख बजने लगे। फिलहाल निगाही क्षेत्र की यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।

क्या दिखा पेड़ में की उमड़ पड़ी भीड़

बताया गया है कि बीते दिवस नीम के पेड़ से स्थानीय निवासियों को सफेद रंग का दूधिया पदार्थ निकलते हुए लोगां को दिखाई दिया। यह दूधिया पदार्थ नीम के पेड़ से काफी ज्यादा मात्रा में निकल रहा है। लोगों को जैसे ही घटना का पता चला तो उन्होने इसे शीतला माता कि कृपा मानते हुए पेड़ की पूजा-अर्चना शुरू कर दी। देखते ही देखते यहां लोगों की भीड़ जमा हो गई।

लोगों की आस्था ऐसी कि कुछ लोग तो नीम के पेड़ से निकले तरल दूधिया पदार्थ को बर्तन मेंं भर कर अपने घर ले गए। एनसीएल निगाही कालोनी मेंं लगे इस नीम के पेड़ के प्रति लोगों की आस्था कुछ ही समय में चरम पर पहुंच गई। लोग पेड़ की परिक्रमा करते हुए दिखाई दिए, साथ कुछ लोगों ने तो पाठ शुरू कर दिया।

जानिए नीम के पेड़ के प्रति भक्ति का कारण

लोगों की माने तो पिछले कुछ समय पूर्व नीम के पेड़ के समीप माता का जगराता हुआ था। लोगों ने पूरी भक्ति के साथ माता शीता का आहवाहन किया किया था। भक्तों का मानना है कि माता शीतला ने भक्तों पर कृपा करते हुए यह कृपा की है यही कारण है कि लोगां की आस्था और विश्वास ने नीम के पेड़ को भगवान बना दिया।

इनका कहना है

सिंगरौली जिले में पदस्थ कृषि उपसंचालक आशीष पाण्डेय ने बताया कि पेड़ो से निकलने वाला सफेद पदार्थ लेटेक्स है। यह पेड़ों की नलियों में रहता है। जब पेड़ में किसी तरह का कट लग जाता है तो यह पदार्थ पेड़ से बाहर निकलने लगता है। नीम के पेड़ से निकले सफेद पदार्थ का अगर ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाय तो इससे व्यक्ति को नुकसान हो सकता है।

फिलहाल पेड़ से निकले तरल पदार्थ को जहां वैज्ञानिक विज्ञान से जोड़ कर देख रहे हैं वहीं लोगों की आस्था इसे कुछ और ही मान रही है। अब विज्ञान सही है या लोगों का विश्वास इस अनुत्तरित प्रश्न का जवाब तो समय देगा, लेकिन इतना तो तय है कि निगाही में स्थित नीम का पेड़ इस समय आस्था का केन्द्र बना हुआ है। 

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