मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य में गेंहू खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन आज से

किसानों को उपज का उचित मूल्य देने के लिए शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है। समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन

Update: 2021-02-16 06:45 GMT

रीवा। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है। समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 25 जनवरी से आरंभ होगा। पंजीयन की अंतिम तिथि 25 फरवरी निर्धारित की गई है। पंजीयन प्रात: 9 बजे से शाम 7 बजे तक सभी शासकीय कार्य दिवसों में निर्धारित खरीदी केन्द्रों में किया जायेगा।

किसान एमपी किसान एप, ई-उपार्जन पोर्टल तथा ई-उपार्जन मोबाइल एप पर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान ने बताया कि सभी किसान निर्धारित खरीदी केन्द्रों में अपना आनलाइन पंजीयन अवश्य करायें। पंजीकृत किसानों से ही समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की जायेगी।

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उन्होंने बताया कि किसान पंजीयन कराने के लिए खरीदी केन्द्रों में अपनी ऋण पुस्तिका की प्रति, बैंक पास बुक की प्रति, समग्र आईडी, आधार कार्ड तथा मोबाइल नम्बर की जानकारी उपलब्ध करायें। जिस खसरा नम्बर में गेंहू बोया गया है उसकी जानकारी अनिवार्य रूप से दें। किसान द्वारा दिये गये गेंहू के बोये गये क्षेत्रफल के अनुसार ही खरीदी की जायेगी।

गेंहू खरीदी के लिए पंजीकृत किसान भी बोये गये क्षेत्रफल की जानकारी देकर पंजीयन में संशोधन करा सकते हैं। पंजीयन कराते समय सभी किसान केवल राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का ही खाता नम्बर दें। जिससे आनलाइन भुगतान समय पर किया जा सके।

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि पंजीयन के बाद गेंहू के क्षेत्रफल का सत्यापन आयुक्त भू अभिलेख की वेबसाइट एवं गिरदावरी एप के माध्यम से की जायेगी। सत्यापित रकबे के अनुसार ही गेंहू की खरीद की जायेगी। किसानों का पंजीयन तथा पंजीयन में संशोधन नि:शुल्क किया जायेगा। सभी किसान गेंहू खरीदी के लिए नजदीकी खरीदी केन्द्रों में अपना पंजीयन 25 जनवरी से करायें। सिकमीदार-बटाईदार तथा वनाधिकार पट्टेधारी किसानों का पंजीयन भी सहकारी समितियों एवं खरीदी केन्द्रों में किया जायेगा।    

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रीवा में हुई समर्थन मूल्य पर हुई 35 लाख 693 Ïक्वटल की रिकार्ड खरीद

रीवा। जिले भर में पंजीकृत किसानों से सहकारी समितियों द्वारा 124 खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई। रीवा जिले में 62 हजार 437 किसानों से 35 लाख 693 Ïक्वटल धान की खरीद की गई। यह अब तक की अधिकतम खरीद है।

इस संबंध में जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएनएच खान ने बताया कि किसानों को खरीदे गये धान के लिये 598 करोड़ 82 लाख रूपये का भुगतान किसानों को उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। खरीदी गई कुल धान के लिये 656 करोड़ 65 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। अब तक खरीदे गये कुल धान में से 35 लाख 33 Ïक्वटल का खरीदी केन्द्रों से उठाव करके सुरक्षित भण्डारण कराया जा चुका है। यह कुल खरीदी का 99.98 प्रतिशत है। अभी परिवहन के लिये केवल 592 Ïक्वटल धान शेष है।

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गेंहू में जड़ माहू कीट से बचाव के उपाय

कृषि विभाग द्वारा गेंहू की फसल में लगने वाले जड़ माहू कीट बचाव के उपाय किसानों को सुझाएं गए है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जानकारी दी गई है कि गेंहू की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप होने की संभावना मौसम की प्रतिकूलता के दौरान हो सकती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि अपने-अपने खेत की सतत निगरानी करें।

जड़ माहू प्रकोप के लक्षण

यह कीट गेंहू फसल में पौधों की जड़ों से रस चूसता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। शुरूआत में खेतों में जगह-जगह पीले पड़े हुए पौधे दिखाई देते है, बाद में पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है। जड़ माहू पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है जो जड़ों का रस चूसता हुआ दिखाई पड़ता है। गेंहू के पौधों को जड़ से उखाड़ने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है।

जड़ माहू कीट प्रबंधन हेतु इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल दवा की 70 एमएल मात्रा प्रति एकड़ तथा एसीटामेप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 150 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ अथवा थायोमिथाक्जॉम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी दवा की 50 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ को 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से छिड़काव करें। यह दवाएं सिस्टेमिक प्रकार की होती है जिनसे पूरा पौधा जहरीला हो जाता है और जब कीट या रस चूसता है तो वह मर जाता है।

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