मध्यप्रदेश में सियासी महासंग्राम; राजभवन में हो रहा रतजगा

भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब दो सप्ताह से एकाएक तेज हुए सत्ता संग्राम ने भाजपा और सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ा दी है। 'Midnight' और 'Letter War'

Update: 2021-02-16 06:15 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब दो सप्ताह से एकाएक तेज हुए सत्ता संग्राम ने भाजपा और सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ा दी है। 'Midnight' और 'Letter War' के चलते दोनों ही प्रमुख सियासी दलों में उथल-पुथल मची हुई है। सियासी भूचाल के चलते मप्र के राजभवन में भी पांच-छह दिन से रतजगा चल रहा है। राज्यपाल लालजी टंडन भी रात-रात भर जागरण कर रहे हैं। राजभवन और मुख्यमंत्री के अलावा स्पीकर के बीच जारी 'चिट्ठी-बाजी' के चलते रात-रात भर दफ्तरों में काम चल रहा है। प्रदेश की 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने अल्पमत में बताते हुए 'फ्लोर टेस्ट' का जोरदार दबाव बनाकर रखा है। मामला विधानसभा और राजभवन से होते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत 'सुप्रीम कोर्ट' तक जा पहुंचा। करीब एक सप्ताह से कमलनाथ सरकार और विपक्षी दल भाजपा ने सत्ता की लड़ाई का केन्द्र राजभवन को बना दिया था।

'लेटरवार' और 'मिडनाइट पॉलिटिक्स' को लेकर राजभवन में भी रतजगा की स्थिति बन गई है। लेकिन 85 वर्ष की उम्र में भी राज्यपाल टंडन की सक्रियता देखते ही बनती है, मध्यरात्रि के बाद भी उन्होंने मुलाकात के लिए सीएम व अन्य नेताओं के लिए राजभवन के दरवाजे खोल दिए।

पूरी रात बैठकों के दौर राजभवन से लेकर राजनीतिक दलों और विधायकों के शिविर में रात-रात भर बैठकों के दौर चल रहे हैं। मप्र की सत्ता संग्राम को लेकर वार-पलटवार और रणनीति बनाने की कवायदें भोपाल से लेकर दिल्ली, बैंगलुरु, जयपुर, मानेसरगुरुग्राम और सीहोर स्थित रिसॉर्ट में दिन-रात चल रही हैं।

चिट्ठियों की हलचल सरकार के फ्लोर टेस्ट की बात उठी तो 14 मार्च की रात 12 बजे राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को विश्वास मत हासिल करने वाला अल्टीमेटम पत्र भेजा। सीएम हाउस व मीडिया से लेकर सियासी दलों में रातभर चिट्ठी हलचल मचाती रही। इसका असर यह हुआ कि दूसरे दिन मध्यरात्रि को कमलनाथ खुद एकाएक राजभवन जा पहुंचे और राज्यपाल के साथ एक घंटे तक विचार मंथन के साथ सफाई देते रहे।

दो शिफ्टों में हो रहा काम राजभवन सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी दो-दो शिफ्ट में काम कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बैंगलुरु में बैठे विधायकों की सुरक्षा को लेकर जो पत्र लिखा उसका जवाब बनाने के लिए राजभवन का सचिवालय और प्रेस प्रकोष्ठ पूरी रात जागरण करता रहा। तड़के तीन बजे के बाद पत्र जारी हुआ। राज्यपाल जब जागरण कर रहे हों तो स्टाफ के साथ सचिवालय अधिकारी भी जुटे हैं।

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