एमपी के मदरसो में भी राष्ट्रगान का लिया जा सकता है निणर्य, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिए संकेत

एमपी के मदरसों में भी अनिवार्य हो सकता है राष्ट्रगान

Update: 2022-05-13 16:52 GMT

एमपी। मध्यप्रदेश के मदरसो में राष्ट्रगान का निणर्य लिया जा सकता है। इसके संकेत प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए दिए है। उन्होने कहा ये विचारणीय बिंदु है और राष्ट्रगान देश का है, राष्ट्रगान सब जगह होना चाहिए। उनका समर्थन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने करते हुए कहा कि हम पाकिस्तान में भारत के राष्ट्रगान की मांग तो कर नही रहे है। यदि सरकार ऐसा निर्णय लेती है तो यह स्वागत योग्य है।

यूपी सरकार ने किया अनिवार्य

ज्ञात हो कि हाल ही में उत्तर-प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान गाए जाना शुरू कर दिया। जिसके तहत मदरसों में तालीम लेने वाले बच्चे पढ़ाई शुरू करने से पहले भारत का राष्ट्रगान गाकर प्रार्थना करेगें। यूपी के बाद अब एमपी के मदरसों में भी राष्ट्रगान की अनिवार्यता को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

हर आयोजनों में होता है राष्ट्रगान

भारत का राष्ट्रगान 'जन-गण-मन-अधिनायक जय हे' पहली बार करीब 111 साल पहले 27 दिसंबर 1911 को कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया था। राष्ट्रगान के रचयिता राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर की भांजी सरला ने पहली बार इसे गाया था। उन्होंने स्‍कूली बच्‍चों के साथ यह गान बंगाली और हिंदी भाषा में तैयार किया था। उन्होंने पहले राष्ट्रगान को बंगाली में लिखा था। बाद में सुभाष चंद्र बोस के निवेदन पर आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में रूपांतरण किया था, बाद में इसकी अंग्रेजी में भी रचना की गई, यह हिंद सेना का नेशनल ऐंथम था। वहीं 24 जनवरी 1950 को आजाद भारत की संविधान सभा ने इसे अपना राष्ट्रगान घोषित किया गया था।

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