मध्य प्रदेश के शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ा: ग्वालियर की आवोहवा सबसे ज्यादा ख़राब, जबलपुर-भोपाल भी ठीक नहीं, रीवा की AQI तुलनात्मक रूप से बेहतर
MP में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा। ग्वालियर में AQI 160-180 ‘खराब’ श्रेणी में। जबलपुर, भोपाल और उज्जैन में भी वायु गुणवत्ता प्रभावित। डॉक्टरों ने एहतियात बरतने की सलाह दी।;
मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ा, स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा
मध्य प्रदेश के कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम में बदलाव, धूल, वाहन धुआं और निर्माण कार्यों के कारण AQI (Air Quality Index) कई शहरों में ‘मध्यम’ से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। इससे सांस और हृदय रोगियों के साथ-साथ स्वस्थ लोगों के लिए भी स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है।
वर्तमान AQI स्तर (मुख्य शहर)
| शहर | AQI रेंज | वायु स्तर | स्वास्थ्य प्रभाव |
|---|---|---|---|
| ग्वालियर | 160-180 | खराब | सांस की दिक्कतें, संवेदनशील लोगों पर गंभीर असर |
| जबलपुर | 115-135 | मध्यम/खराब | अस्थमा और बुजुर्गों को समस्या |
| भोपाल | 120-160 | मध्यम/खराब | लंबी अवधि में स्वास्थ्य जोखिम |
| उज्जैन | 90-110 | मध्यम | थोड़ी दिक्कत संवेदनशील लोगों को |
| रीवा | 60-75 | संतोषजनक/मध्यम | अभी सुरक्षित, मगर सावधानी जरूरी |
डॉक्टरों की स्वास्थ्य सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का असर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अस्थमा एवं हृदय रोगियों पर सबसे ज़्यादा होता है। उन्होंने जरूरी सावधानियाँ अपनाने को कहा है।
- सुबह-शाम घर से बाहर निकलना सीमित करें।
- N95/N99 मास्क का उपयोग करें, कपड़े का मास्क पर्याप्त नहीं होता।
- घर के अंदर हवा शुद्ध रखें, खिड़कियां बंद रखें और एयर-प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- पानी अधिक पिएं और विटामिन-C व एंटीऑक्सीडेंट वाली डाइट लें।
- बाहर व्यायाम करने की बजाय घर में वर्कआउट करें।
सरकारी स्तर पर क्या कदम जरूरी?
• सड़कों पर पानी का छिड़काव
• निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण
• कचरा/ईंधन जलाने पर पूर्ण रोक
• औद्योगिक उत्सर्जन की निगरानी जैसे कदम उठाने होंगे।
FAQs
Q1. किन शहरों में सबसे अधिक प्रदूषण देखा गया?
ग्वालियर में AQI ‘खराब’ स्तर पर है। जबलपुर और भोपाल में भी हवा प्रभावित है।
Q2. क्या रीवा की हवा सुरक्षित है?
रीवा की वायु गुणवत्ता अन्य शहरों से बेहतर है, पर सावधानी जरूरी है।
Q3. किन लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी चाहिए?
बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा व हृदय रोगियों को प्रदूषण में बाहर कम निकलना चाहिए।