कर्मवीर...मां का निधन फिर भी डंटे विंध्य के ये 2 अफसर : बेटी Dsp पिता Sub Inspector, दोनों एक थाने में पदस्थ, Corona से इस तरह लड़ रहे जंग

सीधी. मां के इंतकाल व कोराना संकट से पूरा परिवार अस्त-व्यस्त है। लेकिन उपनिरीक्षक अशरफ अली अंसारी डीएसपी बेटी के साथ मोर्चे पर

Update: 2021-02-16 06:18 GMT

कर्मवीर...मां का निधन फिर भी डंटे विंध्य के ये 2 अफसर : बेटी Dsp पिता Sub Inspector, दोनों एक थाने में पदस्थ, Corona से इस तरह लड़ रहे जंग

सीधी. मां के इंतकाल व कोराना संकट से पूरा परिवार अस्त-व्यस्त है। लेकिन उपनिरीक्षक अशरफ अली अंसारी डीएसपी बेटी के साथ मोर्चे पर डटे हुए हैं। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए 20-20 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। सीधी जिले के आदिवासी बहुल्य मझौली क्षेत्र में यह काम चुनौती पूर्ण है, लेकिन वे कहते हैं यही मौका है, जब देश व समाज के लिए कुछ कर सकते हैं। परिवार की चिंता भी है। 21 साल का बेटा अकेले इंदौर और शेष परिवार लॉक डाउन में फंसा है। उनका भी ख्याल जरूरी है।

उपनिरीक्षक अशरफ अली मूलत: यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं। इंदौर के लसूडिय़ा थाने में पदस्थ हैं। परिवार भी यहीं रहता है, लेकिन गत माह मां का इंतकाल हो गया था, जिस कारण पत्नी व बच्चों के साथ बलिया गए थे।

Coronavirus in Madhya Pradesh बेटी DSP और पिता sub Inspector पद पर एक ही थाने में काम कर रहे हैं। पिता के आमद के बाद बेटी पिता से पुलिसिया गुर सीख रही है तो वही पिता भी पूरे जज्बे के साथ काम पर जुटे हैं।

CORONA से लोगों को बचाने जंग भी साथ लड़ रहे

दोनों क्षेत्र में विवादों को निपटाने के साथ ही CORONA से लोगों को बचाने जंग भी साथ लड़ रहे हैं। इससे केवल संयोग ही कहा जा सकता है।

बेरा अंसारी प्रशिक्षु DSP पद पर पदस्थ

बता दें कि मझौली थाना में शाबेरा अंसारी प्रशिक्षु DSP पद पर पदस्थ हैं। जनता कर्फ्यू के दौरान पिता सीधी आए हुए थे। जहां वह अपनी बेटी के पास थे।

पीएचक्यू के आदेश के बाद पुलिस अधीक्षक आर एस बेलवंशी के निर्देशन पर पिता अशरफ अली अंसारी को मझौली थाने में आमद देनी पड़ी। बता दें कि अशरफ अली इंदौर के लसूड़िया थाने में उप निरीक्षक पद पर पदस्थ हैं। वे वर्ष 1988 में कांस्टेबल पद पर चयनित हुए थे प्रमोशन के बाद अब वह उप निरीक्षक पद पर कार्य कर रहे हैं।

वर्ष 2013 में sub Inspector और 2016 में DSP

बता दें कि शाबेरा अंसारी बचपन से ही देश भक्ति पर भरोसा करती थी। दरअसल पिता भी देशभक्ति को लेकर बेटी को प्रेरित करते रहे हैं। जिसका नतीजा यह रहा कि वर्ष 2013 में वह sub Inspector पद पर सेलेक्ट हो गई और वर्ष 2016 में ज्वाइन भी कर लिया। लेकिन वे पीएससी की तैयारी करती रही वर्ष 2000 16 में पीएससी क्वालिफाइड किया और 2018 में DSP पद पर ज्वाइन किया। 9 दिसंबर 2019 को वह सीधी में प्रशिक्षु DSP पद पर काम कर रही हैं।

बेटी और स्टाफ की देख रहे डायरी

सीनियर sub Inspector होने के कारण अशरफ अली को कानून का अच्छा ज्ञान है। ऐसे में DSP बेटी ने पिता को अपनी डायरी दिखाई। इसके साथ ही थाने में पदस्थ sub Inspector मोनिका पांडे ने भी जांच कर बनाई गई डायरी के बारे में पूछा।

बता दें कि अशरफ अली ने अपने नौकरी के तजुर्बे को साझा करते हुए बेटी और स्टाफ के लोगों को बताया कि कानून की जानकारी के लिए पहले तो किताब पढ़ना जरूरी है। इसके साथ ही अपने सीनियर चाहे वह सिपाही ही क्यों न हो यदि उसे कानून की जानकारी है तो उसके पूछना चाहिए तभी हम सही न्याय देने में सफल होंगे। जानकारी लेने में कभी भी किसी को छोटा और देखना नहीं चाहिए।

कभी सोचा भी नहीं था

शाबेरा अंसारी के पिता अशरफ अली ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह बेटी के साथ देशभक्ति का काम कर पाएंगे। इसे संयोग ही कहें कि हम भले ही कुछ दिनों के लिए एक साथ काम कर रहे हैं यह हमेशा मेरे जीवन के लिए यादगार होगा मैं काफी खुश हूं। उन्होंने अपने स्टाफ के लोगों को भी फोन पर बेटी के सानिध्य में काम करने की बात भी कही है।

कूल डाउन होकर काम करना चाहिए

शाबेरा अंसारी DSP ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान कहा कि पिता के साथ काम करने पर यह सीखने को मिला कि हमेशा कूल डाउन होकर देश और समाज का काम करना चाहिए। कूल डाउन से काम करने पर हमेशा सकारात्मक काम होते हैं और लोगों को न्याय भी मिलता है। मुझे पिताजी के साथ काम करने का मौका मिला है मैं पूरी शिद्दत के साथ काम कर रही हूं और सीख भी रही हूं।

शाबेरा अंसारी, थाना प्रभारी,DSP मझौली।

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