भोपाल में महिला IAS अधिकारी बोली - 'सवर्ण समाज पक्षपाती, जातिगत होना जरूरी', वर्मा बोले- फिर 'माई के लाल' बनना होगा; AJAKS सम्मेलन में विवादित बयान

भोपाल में AJAKS सम्मेलन से जुड़े IAS अधिकारियों के वायरल बयानों ने प्रशासनिक निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों पर बहस छेड़ दी है।

Update: 2025-12-19 13:53 GMT
  • AJAKS सम्मेलन से जुड़े IAS अधिकारियों के बयान चर्चा में
  • महिला IAS अधिकारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
  • प्रशासनिक निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों पर सवाल
  • अधिकारी-कर्मचारी संघ ने जताई कड़ी आपत्ति

भोपाल में AJAKS सम्मेलन के बाद बढ़ा विवाद | IAS Statement Row

भोपाल में आयोजित AJAKS सम्मेलन से जुड़े बयानों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस कड़ी में अब एक महिला IAS अधिकारी मीनाक्षी सिंह का बयान सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

लगातार सामने आ रहे इन वीडियो बयानों ने नौकरशाही की निष्पक्षता, प्रशासनिक मर्यादा और संवैधानिक मूल्यों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

वायरल वीडियो में क्या कहा गया | Viral Video Explained

वायरल वीडियो में महिला IAS अधिकारी यह कहते हुए नजर आ रही हैं कि समाज को जोड़ने की पहली इकाई परिवार होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह बताना जरूरी है कि वे किस समुदाय से आते हैं और उनकी जातिगत पहचान क्या है।

उन्होंने यह भी कहा कि समाज में पक्षपात की स्थिति बनी हुई है, सवर्ण समाज पक्षपात करता है। इसलिए अपने समाज के लोगों की जातिगत पहचान और जातिवादी होना जरूरी है। जरूरत पड़ने पर उच्च पदों में बैठे लोग उनकी सहायता भी करें।

समाज के लोगों से की अपील

वीडियो में यह अपील भी की गई कि बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों से मिलने में संकोच नहीं करना चाहिए और अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखना चाहिए।

इन बयानों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।

IAS अधिकारी संतोष वर्मा का बयान फिर चर्चा में

इसी सम्मेलन में विवादित बयानों के चलते विवादों में घिरे IAS अधिकारी संतोष वर्मा का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे समाज के लोगों से एकजुट होकर ताकत दिखाने की बात कहते नजर आ रहे हैं।

उन्होंने कहा की 2016 जैसी ताकत दिखाने का वक्त फिर से आ गया है। 'माई के लालों' का जिक्र करते हुए कहा कि पहले जैसी एकजुटता और ताकत फिर से दिखाने की जरूरत है। इससे पहले भी उनके कुछ बयान विवादों में रहे हैं। जिसमें हाईकोर्ट और ब्राह्मण बेटियों पर दिए गए बयान चर्चा का विषय रहें।

अधिकारी-कर्मचारी संघ ने जताई आपत्ति

महिला IAS अधिकारी के बयान पर मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी सेवा संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि IAS अधिकारी संविधान की शपथ लेते हैं, जिसमें सभी नागरिकों को समान दृष्टि से देखने की बात कही गई है।

संघ का कहना है कि नौकरशाही में जाति या वर्ग के आधार पर सोच संविधान की भावना के विपरीत है और यह प्रशासन के लिए खतरनाक संकेत हो सकता है।

प्रशासनिक हलकों में बहस तेज

इन वायरल बयानों के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कई इसे सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं।

फिलहाल इस पूरे मामले पर सरकारी स्तर पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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FAQ | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

विवाद किस कार्यक्रम से जुड़ा है?

यह विवाद भोपाल में हुए AJAKS सम्मेलन से जुड़े बयानों को लेकर है।

किसका वीडियो वायरल हुआ है?

एक महिला IAS अधिकारी का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

संघ ने क्यों आपत्ति जताई?

संघ का कहना है कि नौकरशाही को जाति से ऊपर रहकर काम करना चाहिए

क्या सरकार की ओर से कोई कार्रवाई हुई है?

फिलहाल कोई आधिकारिक कार्रवाई या बयान सामने नहीं आया है।

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