MP में DG-IG सम्मेलन: CM ने DGP को दिया फ्री-हैंड, यूट्यूबर्स पर नकेल कसेगी सरकार
डीजी-आईजी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने डीजीपी को खुली छूट देते हुए साफ कहा कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले यूट्यूबर्स पर सख्त कार्रवाई होगी। जानिए क्या-क्या निर्देश दिए गए।
📰 News Highlights
- डीजी-आईजी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पुलिस को सख्त संदेश दिया
- डीजीपी को फ्री-हैंड देते हुए कानून व्यवस्था पर जोर
- यूट्यूब और सोशल मीडिया पर भ्रामक कंटेंट पर होगी कार्रवाई
- धार्मिक, सामाजिक तनाव फैलाने वालों पर जीरो टॉलरेंस नीति
डीजी-आईजी सम्मेलन में क्या बोले मुख्यमंत्री? | What CM Said in DG–IG Conference
राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित डीजी-आईजी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) को फ्री-हैंड देते हुए कहा कि कानून के दायरे में रहकर सख्त कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता शांति, सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखना है। इसके लिए पुलिस को पूरी स्वतंत्रता दी जा रही है, ताकि वह बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर सके।
यूट्यूबर्स पर सख्ती क्यों? | Why Government Is Tightening Grip on YouTubers
सम्मेलन में यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रहे भ्रामक, भड़काऊ और सनसनीखेज कंटेंट को लेकर गंभीर चिंता जताई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ यूट्यूबर्स व्यूज और कमाई के लिए समाज में भ्रम और तनाव फैलाने का काम कर रहे हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कानून तोड़ने या अफवाह फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों को क्या निर्देश दिए गए?
मुख्यमंत्री ने सभी आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को और मजबूत करें। खासतौर पर ऐसे कंटेंट पर नजर रखने को कहा गया, जिससे धार्मिक, जातीय या सामाजिक तनाव पैदा हो सकता है।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि कार्रवाई करते समय कानूनी प्रक्रिया और पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाए, ताकि किसी निर्दोष को परेशानी न हो।
2004 की घटना का संदर्भ और सबक
सम्मेलन के दौरान कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने 2004 की घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे समय रहते कार्रवाई न होने से हालात बिगड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी किसी भी स्थिति को दोहराने नहीं देगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समय पर निर्णय और त्वरित कार्रवाई ही कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रख सकती है।
सरकार का साफ संदेश
सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह आम नागरिक हो या सोशल मीडिया पर बड़ा नाम रखने वाला यूट्यूबर। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, जिम्मेदारी से काम करने वाले मीडिया क्रिएटर्स को सरकार का सहयोग भी मिलेगा। उद्देश्य केवल इतना है कि समाज में शांति और भरोसा बना रहे।
FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डीजी-आईजी सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा और भविष्य की रणनीति तय करना।
क्या सभी यूट्यूबर्स पर कार्रवाई होगी?
नहीं, केवल कानून तोड़ने या भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी।
डीजीपी को फ्री-हैंड देने का क्या मतलब है?
कानून के तहत बिना राजनीतिक दबाव के स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की छूट।
क्या सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ेगी?
हां, पुलिस को सोशल मीडिया मॉनिटरिंग मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।