रीवा में धातु की जगह फाइबर से बनी अटलजी की प्रतिमा पर विवाद, महापौर नाराज़; अटल पार्क में स्थापित होनी है प्रतिमा

रीवा में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा धातु की जगह फाइबर से बनने पर विवाद, नगर निगम पर सवाल, महापौर ने जताई नाराजगी। पूरा मामला पढ़ें।

Update: 2025-12-20 06:46 GMT
  • रीवा के अटल पार्क में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा धातु की जगह फाइबर से बनाए जाने पर विवाद
  • नगर निगम की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल
  • महापौर ने जताई नाराजगी, प्रमुख सचिव को भेजा पत्र
  • 94 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद गुणवत्ता पर संदेह

अटलजी की प्रतिमा विवाद: क्या है पूरा मामला? | Atal Ji Statue Controversy Explained

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा को लेकर रीवा शहर में इन दिनों राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। जिस प्रतिमा को धातु से निर्मित किया जाना था, वह कथित तौर पर फाइबर सामग्री से बना दी गई। इस खुलासे के बाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं और महापौर की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेता की प्रतिमा में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए था। प्रतिमा निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और सामग्री को लेकर भ्रम ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।

धातु की जगह फाइबर क्यों बना विवाद? | Metal vs Fiber Statue Issue

जानकारी के अनुसार, प्रतिमा निर्माण का प्रस्ताव पहले धातु से बनाए जाने का था, लेकिन बाद में इसे फाइबर से तैयार किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि धातु की प्रतिमा अधिक टिकाऊ, मौसम-प्रतिरोधी और दीर्घकालिक होती है, जबकि फाइबर सामग्री समय के साथ क्षतिग्रस्त हो सकती है।

इसी कारण महापौर अजय मिश्रा बाबा और नागरिकों ने सवाल उठाया कि जब जनता के टैक्स के लाखों रुपये खर्च किए जा रहे थे, तो सस्ती और कम टिकाऊ सामग्री का चयन क्यों किया गया। यह मुद्दा अब केवल तकनीकी नहीं बल्कि जनभावनाओं से भी जुड़ गया है।

94 लाख का खर्च और उठते सवाल | 94 Lakh Expenditure Under Scanner

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रतिमा और उससे जुड़े कार्यों पर करीब 94 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद यदि निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, तो यह नगर निगम की जवाबदेही पर सीधा प्रश्नचिह्न लगाता है।

कई स्थानीय संगठनों ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच हो और यह स्पष्ट किया जाए कि निर्णय किस स्तर पर लिया गया। लोगों का कहना है कि सार्वजनिक धन के उपयोग में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

25 को होना है अनावरण, गृह मंत्री अमित शाह आएँगे

अटल पार्क में अटल जी की प्रतिमा का अनावरण 25 दिसंबर को होना है, इस दिन अटल जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। प्रतिमा के अनावरण के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रीवा दौरा प्रस्तावित है। इसके पहले उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्थल में जाकर निरीक्षण किया और प्रतिमा को नियत समय में तैयार करने का निर्देश दिया। लेकिन अनावरण के पहले ही अब प्रतिमा विवादों में आ गई है।  

महापौर की नाराजगी, प्रमुख सचिव को पत्र | Mayor Writes to Chief Secretary

मामला सामने आने के बाद महापौर ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने राज्य के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी और उचित कार्रवाई की मांग की है।

महापौर का कहना है कि अटलजी की स्मृति से जुड़ा यह विषय बेहद संवेदनशील है और इसमें किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया | Public Reaction on Statue Issue

स्थानीय नागरिकों में इस मुद्दे को लेकर गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक नेता नहीं बल्कि देश की पहचान थे, और उनकी प्रतिमा में गुणवत्ता से समझौता उनकी विरासत का अपमान है।

कुछ नागरिकों ने मांग की है कि फाइबर प्रतिमा को हटाकर धातु की नई प्रतिमा स्थापित की जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी सम्मान और गर्व के साथ इस स्मारक को देख सकें।

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FAQ | अटलजी प्रतिमा विवाद से जुड़े सवाल

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा विवाद क्यों हुआ?

प्रतिमा धातु की जगह फाइबर से बनाए जाने पर लोगों ने आपत्ति जताई, जिससे यह विवाद सामने आया।

प्रतिमा निर्माण पर कितना खर्च हुआ?

इस परियोजना पर करीब 94 लाख रुपये खर्च किए जाने की जानकारी सामने आई है।

महापौर ने क्या कदम उठाए?

महापौर ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर जांच और कार्रवाई की मांग की है।

क्या प्रतिमा बदली जा सकती है?

यदि जांच में अनियमितता साबित होती है, तो प्रतिमा को बदलने या सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।

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