जबड़ा फ्रैक्चर के मरीजों को महंगे इलाज से मिलेगी निजात, एम्स के डेंटल सर्जन की जेड प्लेट को मिला कॉपीराइट

MP News: मध्यप्रदेश भोपाल के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के डेंटल सर्जन ने जेड प्लेट को ईजाद किया है। इसे मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कॉपीराइट दिया है। जिससे हादसों में जबड़े के फ्रैक्चर के मरीजों को अब महंगे इलाज से निजात मिल जाएगी।

Update: 2023-10-12 10:38 GMT

मध्यप्रदेश भोपाल के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के डेंटल सर्जन ने जेड प्लेट को ईजाद किया है। इसे मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कॉपीराइट दिया है। जिससे हादसों में जबड़े के फ्रैक्चर के मरीजों को अब महंगे इलाज से निजात मिल जाएगी। आमतौर पर निजी अस्पतालों में यह ऑपरेशन एक लाख रुपए से अधिक में होता है। किंतु अब एम्स में जेड प्लेट इम्प्लांट से इस सर्जरी के करने पर 7 से 8 हजार रुपए ही खर्च आएगा।

अभी 1 लाख रुपए से अधिक आता है खर्च

भोपाल एम्स के डेंटल सर्जन ने जेड प्लेट को ईजाद किया है। इसे संस्थान के डेंटिस्ट डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंशुल राय ने तैयार किया है। इसे मिनिस्ट्री ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने कॉपीराइट दिया है। डॉ. अंशुल का कहना है कि अब तक जबड़ा फ्रैक्चर के मरीजों की सर्जरी स्ट्रेट प्लेट लगाकर की जाती है। आमतौर पर निजी अस्पतालों में इस ऑपरेशन में 1 लाख रुपए से अधिक का खर्च आता है। जेड प्लेट इम्प्लांट से एम्स में यह सर्जरी मात्र 7 से 8 हजार रुपए में हो सकेगी। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंशुल राय का कहना है कि एक मरीज के एक तरफ के जबड़े के फ्रैक्चर को जोड़ने दो स्ट्रेट प्लेट इम्प्लांट लगाना पड़ता था। जबकि जेड प्लेट एक ही लगानी पड़ेगी। इसको लगाने से मरीज की रिकवरी भी जल्द हो सकेगी।

हर महीने पहुंचते हैं 3 दर्जन से अधिक मरीज

हादसों में जबड़े के फ्रैक्चर के मरीजों को अब महंगे इलाज से गुजरना पड़ता था। निजी अस्पतालों में इसके ऑपरेशन एक लाख रुपए से अधिक खर्च आता था। किन्तु अब जेड प्लेट की मदद से इस तरह के मरीजों को काफी लाभ मिल सकेगा। जबड़ा फ्रैक्चर का इलाज काफी कम दामों में हो सकेगा। एम्स भोपाल के डेंटिस्ट्री डिपार्टमेंट में हर महीने औसतन 3 दर्जन से अधिक जबड़े के फ्रैक्चर के मरीज भर्ती होते हैं। जिनको फ्रैक्चर जोड़ने के लिए स्ट्रेट प्लेट लगाई जाती है। जेड प्लेट इम्प्लांट सर्जरी की तुलना में स्ट्रेट प्लेट इम्प्लांट में अधिक समय लगता है। भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंस्ट्रकी से जेड प्लेट को कॉपीराइट मिल गया है। जिसके कारण अब जबड़े के फ्रैक्चर के 50 फीसदी मरीजों को जेड प्लेट लगाई जाएगी। इससे जबड़ा फ्रैक्चर के मरीजों को काफी लाभ मिल सकेगा।

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