एमपी में ठंडाई पीने से बिगड़ गई 100 से ज्यादा लोगों की तबीयत, शिवरात्रि पर मंदिर में बांटा गया था प्रसाद

एमपी में वितरित की गई ठंडाई को पीने के बाद 100 से ज्यादा लोगों को तबीयत बिगड़ गई। जिसमें महिला, पुरुष सहित बच्चे भी शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Update: 2023-02-19 09:19 GMT

एमपी में वितरित की गई ठंडाई को पीने के बाद 100 से ज्यादा लोगों को तबीयत बिगड़ गई। जिसमें महिला, पुरुष सहित बच्चे भी शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिवरात्रि पर शिव मंदिर में सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे। रात्रि में आयोजकों द्वारा ठंडाई का प्रसाद वितरण किया गया। जिसको पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिसको पीने के बाद लोगों की तबीयत एकाएक बिगड़ने लगी।

ठंडाई पीने के बाद होने लगी उल्टी-दस्त

मामला शिवपुरी शहर के फतेहपुर क्षेत्र का बताया गया है। यहां आशीर्वाद हास्पिटल के सामने सोमेश्वर धाम मंदिर पर महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा था। मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे। जिसमें बच्चे, पुरुष व महिलाएं शामिल थीं। आयोजकों द्वारा मंदिर परिसर में रात्रि के वक्त ठंडाई प्रसाद का वितरण किया गया जिसको पाने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। जिसको पीने के बाद लोगों को एकाएक उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। जिनको उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

107 लोगों को कराया भर्ती

ठंडाई पीने के बाद ज्यादा संख्या में लोगों की तबीयत बिगड़ने से जिला अस्पताल में भी अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल में उपचार के लिए अतिरिक्त डाॅक्टरों को बुलवाया गया। अस्पताल में दर्ज रिकार्ड के मुताबिक यहां 39 पुरुष, 38 महिला सहित 30 बच्चे सहित 107 लोगों को तबीयत बिगड़ने के बाद उपचार के लिए भर्ती कराया गया। बताया गया है कि इसके अलावा ऐसे लोग भी थे जिनको बिना पर्चा बनाए ही उपचार कराया गया। आज सुबह होते-होते सभी मरीजों के बिगड़े स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिला है।

इनका कहना है

इस संबंध में फूड अधिकारी आशुतोष मिश्रा के मुताबिक ठंडाई का सैंपल लिया गया है। जांच के बाद ही मामले की असली वजह सामने आ सकेगी। यहां उल्लेखनीय है कि शहर में दामों को बढ़ाए जाने को लेकर दूध वाले हड़ताल पर हैं। जिस पर आयोजन समिति द्वारा साढ़े पांच क्विंटल दूध की व्यवस्था की गई थी। बताया गया है कि यह दूध कोटा-भगोरा गांव से मंगवाया गया था। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दूध के खराब होने की वजह से उक्त घटना घटित हुई।

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