MP: संपत्ति का नुकसान पहुचाने वालों से सरकार करेगी वसूली, विधेयक को मिली मंजूरी

मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Vidhan Sabha) में सम्पत्ति वसूली विधेयक का दी गई मंजूरी

Update: 2021-12-24 12:17 GMT

Madhya Pradesh Sampatti Vasuli Vedheyak (मध्य प्रदेश संपत्ति वसूली विधेयक) मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली विधेयक 2021 विधानसभा से पारित कर दिया गया है। आंदोलन, हड़ताल, बंद, दंगों (सांप्रदायिक या अन्यथा), लोक अशांति, अभ्यापत्ति या इसके समान गतिविधियों के नाम पर सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को बड़े स्तर पर नुकसान पहुँचाने को सरकार ने गंभीरता से लिया है।

विधि विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया है कि संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने में संलिप्त रहने वाले ऐसे लोगों से कानूनन राशि वसूल की जाएगी। उक्त आशय का विधेयक क्र.-34 विधानसभा के शीतकालीन सत्र-2021 में पारित कर दिया गया है। संपत्ति के नुकसान की राशि के निर्धारण और दावे के लिये दावा अधिकरण का गठन भी प्रावधानित किया गया है।

दावा अधिकरण का होगा गठन

मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया है कि लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुँचाये गये नुकसान की वसूली तथा किये गये नुकसान का निर्धारण करने के लिये दावा अधिकरण का गठन किया जाएगा। दावा अधिकरण, प्रतिकर भी अधिनिर्णित करेगा। अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह, जो कि सांप्रदायिक दंगा, हड़ताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस, यातायात का घेराव या लोगों का ऐसा जमाव जो किसी भी नाम से जाना जाता हो, के कारण किसी संपत्ति को कोई भी हानि या नुकसान होने पर नुकसान पहुँचाने वाला कार्य माना जाएगा। संपत्ति किसी व्यक्ति, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरण, सहकारी सोसायटी, कंपनी, केन्द्र या राज्य अधिनियम में गठित कोई कानूनी निकाय, कोई संस्था या उपक्रम के स्वामित्व या नियंत्रण की हो सकती है।

दावा याचिका 30 दिन में प्रस्तुत की जा सकेगी

मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि सार्वजनिक और निजी दोनों ही प्रकार की संपत्तियों को होने वाले नुकसान की दशा में वसूली के लिये 30 दिन में दावा अधिकरण के समक्ष दावा याचिका प्रस्तुत करना होगा। जहाँ पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया है, वहाँ जिला मजिस्ट्रेट या सार्वजनिक संपत्ति का भार साधक अधिकारी दावा याचिका प्रस्तुत करेगा। इसी प्रकार जहाँ निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया है, वहाँ क्षतिग्रस्त संपत्ति का स्वामी उस तारीख से 30 दिन के भीतर दावा अधिकरण के समक्ष प्रतिकर अधिनिर्णित करने के लिये दावा याचिका प्रस्तुत करेगा।

ये अधिकारी होंगे अधिकरण के सदस्य

मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि दावा अधिकरण में एक या अधिक सदस्य नियुक्त किये जा सकेंगे। दावा अधिकरण के सदस्य जिला न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष या उससे अधिक की सेवा करने वाले सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश या राज्य सरकार के सचिव स्तर के या समकक्ष अधिकारी होंगे।

एक या अधिक होंगे दावा अधिकरण

अधिनियम के अनुसार सरकार द्वारा एक या अधिक दावा अधिकरण गठित किये जा सकेंगे। जहाँ किसी क्षेत्र के लिये 2 या अधिक दावा अधिकरण गठित किये गये हैं, वहाँ राज्य सरकार सामान्य या विशेष आदेश द्वारा उनके बीच कारबार का वितरण अवधारित कर सकेगी। अधिकरण संपत्ति को होने वाले नुकसान का मूल्यांकन कर उसकी मुआवजा राशि का निर्धारण करेगा। अधिकरण यथासंभव 3 माह की अवधि में निराकरण का विनिश्चय करेगा।

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