EX CM SHIVRAJ SINGH CHAUHAN ऐसा क्या नहीं किया था की रीवा में अब मचा हड़कंप

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Update: 2021-02-16 06:10 GMT

रीवा। पांच साल पूर्व चित्रकूट धाम के कामदगिरि परिक्रमा पथ हादसे की जांच तत्कालीन शिवराज सरकार ने नहीं कराया। हादसे की उच्च स्तरीय जांच के लिए न्यायिक जांच कराने की घोषण तो की लेकिन गठित नहीं कराया। हादसे में 10 लोगों की जाने गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं द्वारा मेला प्रशासन व व तत्कालीन सुरक्षा अधिकारी पुलिस की अदूरदर्शिता को जिेदार ठहराते हुए दोषियों केखिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। विरोध को देखेते हुए तत्कालीन शिवराज सरकार ने लोगों को गुमराह करने के लिए जांच की बात तो कही लेकिन अपने लोगों का नाम सामने आने पर जांच टीम ही नहीं गठित किया। शिवराज सरकार के इस झूठ का खुलासा आरटीआई के तहत मिली जानकारी सेहुआ है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने मुयमंत्री कार्यालय व सामान्य प्रशासन विभाग में सूचना अधिकार के तहत हादसे के कारणों की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी के जांच प्रतिवेदनकी जानकारी मांगी थी जिस पर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव केके कातिया द्वारा दीगई्र जानकारी में बताया गया कि कामदगिरि परिक्रमा पथ हादसे की जांच को लेकर तत्कालीन सरकार द्वारा द्वारा न्यायिक जांच आयोग का गठन ही नहीं किया गया था इससे जांच रिपोर्ट के संबंध में जानकारी देना संभव नहीं है।

दरअसल तत्समय एसडीओपी पीएल अवस्थी (वर्तमान में भाजपा नेता) के हाथ में मेला सुरक्षा की कमान थी और उनकी गर्दन फंस रही थी इसलिए सरकार ने जांच कराने से दूरी बना ली। उल्लेखनीय है कि 25 अगस्त 2014 सोमवती अमावस्या के अवसर पर चित्रकूट कामदगिरि परिक्रमा पथ में मची भगदड़ के कारण 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और सैकड़ों श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिसमें श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था मेला प्रशासन द्वारा सही व्यवस्था न किए जाने कारण यह घटना हुई। घटना के जिमेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। साधु संतों ने भी घटना की निंदा करते हुए मामले की जांच की मांग की थी। जिस पर तत्कालीन मुयमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि कामदगिरि परिक्रमा हादसे की जांच उच्च स्तरीय जांच कमेटी द्वारा कराई जाएगी। इसके लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जाएगा। तत्समय यह बात मीडिया में भी आई थी।

स्थानीय लोगों की मांग पर सरकार ने जांच कमेटी गठन की घोषणा तो कर दी लेकिन जांच कमेटी के गठन काआदेश ही नहीं दिया। जांच आयोग गठन नहीं होने से परिक्रमा पथ में हादसा किन कारणों से हुआ और इसका दोषी कौन है, आज तक खुलासा नहीं हो पाया। 10 लोगों की मौत व सैकड़ों हताहतों को न्याय नहीं मिल पाया। हादसे कारणों का राज दफन हो गया। तत्कालीन मेला प्रभारी व सुरक्षा अधिकारी की थी लापरवाही सूत्रों की माने तो पुलिस सुरक्षा अधिकारी के रूप में तत्समय तत्कालीन एसडीओपी पीएल अवस्थी थे योंकि वह परोक्ष रूप से भाजपा में सामिल होने वाले थे इस कारण से मामले को दबा दिया। वह चित्रकूट के उप चुनाव के पूर्व नौकरी छोड़ कर चुनाव लडऩे केलिए भाजपा में शामिल तो हुए लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली थी। ऐसा माना जा रहा है इसी कारण से चित्रकूट हादसे की जांच कराने से सरकार पीछे हट गई।

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