रूस-युक्रेन युद्ध के चलते विदेशों में बढ़ी MP के गेहूं की मांग, प्रदेश के किसानो को हो रहा फायदा

मध्य प्रदेश के गेहूं की मांग दूसरे देशों में लगातार बढ़ने से किसानो को अनाज का अच्छा दाम मिल रहा है।

Update: 2022-03-15 05:52 GMT

मध्य प्रदेश के किसानों ने गेंहू की अच्छी खेती कर रखी है और अब मंडियों में बिक्री के लिए गेंहू पहुचने भी लगा है। तो वही किसानों को इन दिनों गेंहू का अच्छा दाम मिल रहा है। जानकारी के तहत एमपी के गेंहू की मांग दूसरे देशों में लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते यह से गेहूं का निर्यात भी तेजी के साथ किया जा रहा है।

रूस-युक्रेन युद्ध से बढ़ी मांग

खबरों के तहत एमपी के गेहू की मांग बढ़ने का मुख्य कारण जो बताया जा रहा है वह रूस-युक्रेन युद्ध है। जानकारी के तहत उक्त देश में युद्ध होने के चलते वहां से गेहू का निर्यात नही हो पा रहा है। जिससे दूसरे देशों में गेहू का जो निर्यात किया जा रहा है। उसमें एमपी का गेहू सबसे ज्यादा है।

7 मिलियन टन पहुंचा निर्यात

जानकारी के तहत भारत से गेहूं का जो निर्यात हो रहा है वह आंकड़ा 7 मिलियन टन तक पहुच गया है। खबरों के तहत आनाज निर्यात में रूस और युक्रेन दुनिया में आगे है। ये दोनों देश दुनिया के एक तिहाई गेहूं का निर्यात करते है, लेकिन युद्ध के चलते दोनो देशो से निर्यात बंद हो गया है।

अभी और बढ़ सकते है दाम

जिस तरह से गेहू की मांग बढ़ रही है उससे माना जा रहा है कि इसके दाम भी और तेजी से बढ़ेगे। सम्भावना है कि 3000 रूपये तक गेहूं के दाम हो सकते है। सरकारी मंडियों में गेहूं की खरीदी अभी नही हो रही है, जबकि खुले बाजार में जबदस्त खरीदी व्यापारी कर रहे है और किसानो को भी अच्छा दाम मिलने के चलते वे खुले मंडी में आनाज लेकर पहुच रहे हैं। एमपी के खंडवा में प्रतिदिन 20 हजार क्विंटल गेहू बिक्री हो रहा है।

2050 रूपये रेट तय

समर्थन मूल्य पर इस वर्ष एमपी में गेहूं का रेट 2050 तय किया गया है, हांलाकि अभी सरकारी केन्द्रों में खरीदी नही की जा रही है। किसानों ने अपने आनाज बिक्री के लिए पंजीयन करा लिए है। तो वही अब फसल की कटाई एवं गहाई होते ही तेजी के साथ मंडियों में आनाज पहुचेगा।

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