तेजी से बढ़ रहे कोरोना के अलग लक्षण, किया मानसिक रूप से विकलांग
तेजी से बढ़ रहे कोरोना के अलग लक्षण, किया मानसिक रूप से विकलांग
तेजी से बढ़ रहे कोरोना के अलग लक्षण, किया मानसिक रूप से विकलांगखौफ ने लोगों को मानसिक रोगी बना दिया है। जानकारों की मानें तो कोरोना इफेक्ट से 20 प्रतिशत मानसिक रोगी बढ़े हैं। कोरोना वायरस डर, चिंता और अवसाद तक का कारण बन रहा है। कोरोना का मानसिक रोगियों की संख्या पर असर दिखने भी लगा है।
अस्पताल के मानसिक वार्ड में बेड फुल हो गए वहीं मानसिक रोग चिकित्सकों के यहां इन दिनों मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। कारण यह कि लोगों में लॉकडाउन के चलते बिजनेस, नौकरी, कमाई, बचत और यहां तक कि मूलभूत संसाधन खो चुके हैं। इसके चलते लोग अवसाद के शिकार हो गए हैं।
रीवा की नईगढ़ी में नरसिंहपुर जैसी घटना, युवती का बलात्कार कर वॉटरफॉल में फेका…
चिंता की बात यह है कि कोरोना के बाद अगर मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती है, तो इसके लिए जागरूकता और सुविधाएं, दोनों की ही कमी को जिमेदार माना जा सकता है। कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मेंटल हेल्थ से न जुडऩा प्रमुख है। कोरोना के कारण कई लोग क्वारैंटाइन, आइसोलेशन में या फिर अकेले रहने को मजबूर हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है।
पहले की अपेक्षा ज्यादा कर रहे नशा :
कोरोना संक्रमण काल में पहले की अपेक्षा अब लोग ज्यादा नशा कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनके अंदर कोरोना संक्रमित होने का डर सता रहा है वहीं टेंशन फ्री रहने के लिए लोग नशे की लत में संलिप्त हो रहे हैं।
ये सुझाव आपके काम आ सकते हैं
मनो चिकित्सक ने मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के कुछ टिप्स दिये हैं। उनका कहना है कि इस दौरान दुख, तनाव, भ्रम, डर और गुस्सा महसूस करना सामान्य है। जिन पर विश्वास करते हैं, उनसे बात करने से मदद मिल सकती है। दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। अच्छी डाइट, पर्याप्त नींद और रोजाना एसरसाइज बहुत जरूरी है, स्मोकिंग, शराब या अन्य ड्रग्स को सहारा न बनाएं।