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रीवा: बांस गांव के विद्यालय में अतिक्रमण का जायजा लेने पहुचे समाजसेवी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:29 AM GMT
रीवा: बांस गांव के विद्यालय में अतिक्रमण का जायजा लेने पहुचे समाजसेवी
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रीवा: बांस गांव के विद्यालय में अतिक्रमण का जायजा लेने पहुचे समाजसेवी रीवा त्योंथर विधानसभा के पूर्वी क्षेत्र ग्राम हहोतीपुर्वा के ग्राम

रीवा: बांस गांव के विद्यालय में अतिक्रमण का जायजा लेने पहुचे समाजसेवी

रीवा (विपिन तिवारी) : त्योंथर विधानसभा के पूर्वी क्षेत्र ग्राम हहोतीपुर्वा के ग्राम बांस में सरकारी विद्यालय में शिक्षक द्वारा किया गया है। अतिक्रमण और अन्य समस्याओं की जानकारी स्थानीय ग्राम वासियों के द्वारा दिये जाने के पर आरटीआई कार्यकर्ता विवेक सिंह दीपू,राजबहादुर सिंह मजनू भाई,वसीम अंसारी साथियों के साथ 20 अगस्त को ग्राम बांस पहुचे जहां पर सैकड़ो ग्राम वासियों के साथ विद्यालय का जायजा लिया गया।

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विद्यालय बताया गया कि विद्यालय परिषर का हाल ऐसा हो चुका है कि वहां पर जाने का रास्ता तक नही बचा और न ही कोई मैदान,वहां के स्थानीय निवासियों ने बताया कि विद्यालय के बगल में ही निवासरत सरकारी शिक्षक ही विद्यालय को पूरी तरह से अतिक्रमण कर लिया है ।वहा पर पूर्व में बने शौचालय को अपने बाड़े के अंदर कर लिया गया और हैंडपम्प भी पूरी तरह से अतिक्रमण के चपेट में है जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षक के द्वारा ही किये गए विद्यालय अतिक्रमण की स्थानीय ग्रामीणों ने पहले ही शिकायत कर दी थी। जिसके बाद शिक्षक के द्वारा बनाये जा रहे घर को प्रशाशन ने रुकवा दिया है। जिससे शिक्षक लगातार स्थानीय ग्रामीणों को फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी और गाली गलौझ करता रहता है जिसकी सूचना चौकी प्रभारी को भी दी जा चुकी है। बांस गाँव का हाल ऐसा है कि सरपंच द्वारा बनाये पीसीसी में भी पानी और कीचड़ भरा रहता है.

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यहां तक कि वहा के सरपंच सचिव द्वारा उसी सड़क को दो बार बना कर पैसा भी आहरित किया गया है और सबसे दुर्भाग्य की बात तो ये है कि बांस गाँव मे हजारों की आबादी के लिए एकमात्र रास्ता हहोतीपुर्वा से बांस पहुच मार्ग लगभग एक किमी.की है जो पूरी तरह से भारी कीचड़ और बड़े बड़े गढ्ढो में तब्दील है जिसमे गुठने तक कीचड़ भरा रहता है और पैदल चलने लायक भी नही है इस सड़क निर्माण में सरपंच सचिव द्वारा लगभग सात लाभ रुपये पत्थर और मुरुम के नाम पर आहरित कर लिए लेकिन मौके पर एक भी पत्थर नही है और मुरुम का कुछ पता ही नही चल रहा है।
समाजसेवी राजबहादुर सिंह,विवेक सिंह दीपू आदि लोगो ने स्थानीय वासियों को ये आश्वाशन दी है की इस जनहित के कार्य को पूर्ण करने के लिए हर सम्भव मदत करेंगे और प्रशाशन से इन मुद्दों पर बात कर समस्याओं से निजात दिलाने के लिए आंदोलन तक करने को तैयार रहेंगे। इस मौके पर वहां के स्थानीय बड़े बुजुर्गों में प्रमोद सिंह,पारस नाथ सिंह,प्रियतम सिंह,रामनुग्र सिहं,राकेश सिंह,तीरथ प्रसाद सिंह,भगवान दीन सिंह,फूलचंद सिंह,रामबरन सिंह,बसंत लाल विश्वकर्मा,यशोदा प्रसाद सिंह सहित रजनीश सिंह पटेल राजू,अनिल सिंह,सुनील आदिवासी,शीतला प्रसाद आदिवासी,रामराज आदिवासी,रावेन्द्र माझी,चेला माझी,संजय सिंह,रमाशंकर सिंह,सत्य देव पाल,रामशिरोमणि पाल,राम जी पाल,हीरामणि माझी,राजेश पाल,अमरीश हरिजन,राजेश्वरी हरिजन,विकास हरिजन,साधू कोल,प्रदीप माझी,रामसागर गौतम,प्रभाकर सिंह,रावेन्द्र सिंह,संदीप सिंह,राजेंद्र सिंह,रमाकांत माझी,विश्वनाथ माझी,मगल दीन माझी,बलीकरन हरिजन,गणेश माझी,लक्ष्मण माझी,रामशिया माझी,बाल्मीक माझी,राजेश माझी,नेब्बू लाल आदिवासी,अनिल आदिवासी सहित सैकड़ो ग्रामीण जन उपस्थित रहें।

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