मध्यप्रदेश

MP: ई-पास होने के बावजूद आसानी से शहर में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, पढ़ ले नियम

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:21 AM GMT
MP: ई-पास होने के बावजूद आसानी से शहर में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, पढ़ ले नियम
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MP: ई-पास होने के बावजूद आसानी से शहर में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, पढ़ ले नियमMP: कोरोना संक्रमण को एक जिले से दूसरे जिले में फैलने से रोकने के

MP: ई-पास होने के बावजूद आसानी से शहर में नहीं कर सकेंगे प्रवेश, पढ़ ले नियम

MP: कोरोना संक्रमण को एक जिले से दूसरे जिले में फैलने से रोकने के लिए ई-पास के नियमों की सख्ती दूसरे जिले की सीमा में पहुंचने और लौटने पर ज्यादा दिखाई देती है। शहर में एंट्री करते समय परवलिया, मोहम्मदपुर पर सख्ती से पुलिस प्रशासन का अमला तैनात है। सीधे एंट्री नहीं मिलेगी। रेड जोन से आ रहे हैं तो क्वॉरंटीन तय है। मोहम्मदपुर पर तैनात अमला वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी करने के बाद पुलिस की मदद से कोलार क्षेत्र में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर में ले जाते हैं।

यहां डॉक्टर उनकी जांच करते हैं। स्क्रीनिंग के बाद सैम्पल की जरूरत हुई तो उसे लेने के बाद होम क्वॉरंटीन करते हैं। अमला घर पर जाकर क्वॉरंटीन का पोस्टर चस्पा करता है। इस प्रक्रिया में तीन से चार घंटे भी लग जाते हैं। ई-पास को लेकर कई लोगों के दिमाग में भ्रम है कि इसे पाते ही सब आसान हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है।

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जानिए और क्या-क्या हैं नियम...

ग्वालियर के लिए ई-पास बनवाने के लिए जिला छोड़ते समय सिर्फ एक दो जगह ही ई-पास देखा जाता है। जिले की सीमा तक जांच नहीं होती। सीहोर जिले में एंट्री करते ही एक बार फिर से सामने पुलिस का काफिला खड़ा मिलता है। वहां बैठा राजस्व अमला पास की जांच करेगा और पूछेगा कि पास वन वे है या टू वे। जानकारी और पास देखने के बाद शिवपुरी के बियाबान जंगलों में सडक़ किनारे तपती लू में दस पुलिस और कर्मचारियों का अमला बैरिकेट्स लगाकर जांच करता है। यहां भी पास देखने के बाद उसका नंबर नोट कर आगे रवानगी देता है। पास नहीं है तो उस पर सीधे एफआईआर का लिख देते हैं।

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ग्वालियर से 50 किलोमीटर पहले मोहना में जिले की सीमा पर घुसते ही एक बार फिर भारी-भरकम अमला दिखाई देता है। पास में राजस्व अधिकारियों के पास मप्र, गुजरात, राजस्थान के लोग ई-पास लेकर खड़़े हैं। उन्हें बताया जाता है कि पास में एंथोनी स्कूल में जाना होगा। वहां अपनी गाडिय़ां छोडकऱ प्रशासन की तरफ से कराई गई व्यवस्था में पहले जांच उसके बाद 14 दिन का क्वॉरंटीन होगा। ये होम भी हो सकता है, बशर्त आप की कोई सोर्स शिफारिस हो तो। अगर आप दूसरे जिले से जा रहे हैं और आपके पास वहां कोई ठिकाना नहीं है तो आपको काफी माथापच्ची करनी होगी। किस्मत ने साथ नहीं दिया तो 14 दिन का नियम लागू।

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पास मतलब जिले की सीमा तक एंट्री

सरकार ने अन्य जिलों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए भी ई-पास वैलिड किया है। लेकिन ये आवागमन सिर्फ जिले की सीमा तक है। अगर आप रेड जोन से आ रहे हैं तो ये और भी मुश्किल हो जाता है। सीमा पर प्रवेश करने के बाद यहां पर पूरी जांच के बाद ही छोड़ा जाएगा।

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