रूस के सुदूर पूर्वी प्रायद्वीप कामचटका (Kamchatka) में बुधवार सुबह (भारतीय समयानुसार 4:54 बजे) एक शक्तिशाली भूकंप आया है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े भूकंपों में से एक बनाती है और इतिहास में दर्ज छठा सबसे शक्तिशाली भूकंप है. भूकंप का केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर की गहराई में था, जिसने इसके प्रभाव को और बढ़ाया. कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने अपने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि आज का भूकंप दशकों में सबसे शक्तिशाली था. उन्होंने बताया कि जोरदार झटकों के कारण एक किंडरगार्टन स्कूल को नुकसान पहुंचा है. रूसी विज्ञान अकादमी के भूभौतिकीय सर्वेक्षण की स्थानीय शाखा के अनुसार, 1952 के बाद कामचटका में यह 8.8 तीव्रता का भूकंप सबसे शक्तिशाली है. उन्होंने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान में इस भूकंप को "अद्वितीय घटना" बताया. उन्होंने कहा कि इसका केंद्र 20 जुलाई को प्रायद्वीप में आए हाल ही के भूकंप के पास था. USGS के अनुसार, बुधवार का 8.8 तीव्रता का भूकंप इस सदी के चार सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है, और 1900 के बाद से आठ सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है.4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें: कई इमारतों को पहुंचा नुकसानकामचटका में भूकंप से क्या हुआ? रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के तुरंत बाद कामचटका के तटीय इलाकों में सुनामी लहरें उठने लगीं. इन सुनामी लहरों की ऊंचाई लगभग 4 मीटर (करीब 13 फीट) तक दर्ज की गई, जिससे तटीय क्षेत्रों में कई इमारतों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है. कामचटका में 3-4 मीटर (10-13 फीट) की ऊंचाई वाली सुनामी भी दर्ज की गई. स्थानीय गवर्नर, वालेरी लिमारेंको के अनुसार, पहली सुनामी लहर रूस के कुरिल द्वीप समूह पर प्रशांत क्षेत्र में सेवेरो-कुरिल्स्क के तटीय क्षेत्र से टकराई. गवर्नर सोलोदोव ने अपने एक वीडियो पोस्ट में बताया कि एक किंडरगार्टन स्कूल भी क्षतिग्रस्त हुआ है और कुछ घरों की छतें गिर गईं, जिसके चलते लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. स्थानीय प्रशासन ने तेजी से आपदा राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं. भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 119 किलोमीटर (74 मील) दूर था, जिसकी आबादी 180,000 है.जापान में सुनामी की चेतावनी: 20 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गएजापान में सुनामी का क्या असर हुआ? कामचटका में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद, जापान भी सतर्क हो गया. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (Japan Meteorological Agency) के अनुसार, देश के पूर्वी तट पर होक्काइडो (Hokkaido) के नेमूरो (Nemuro) में लगभग 30 सेंटीमीटर (करीब 1 फुट) ऊंची सुनामी लहर भी पहुंची. जापान सरकार ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई की और लगभग 20 लाख लोगों को हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. इसके अलावा, जापान ने अपने फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को भी खाली करा लिया है, जो 2011 में एक बड़े भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त हो गया था. यह दिखाता है कि कैसे एक क्षेत्र में आया भूकंप अन्य देशों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है.भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी: 12 देशों पर असरइस शक्तिशाली भूकंप के बाद, जापान ही नहीं, बल्कि अमेरिका, चीन समेत कुल 12 देशों के कई तटीय इलाकों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. इन देशों में अलास्का, हवाई, चिली, सोलोमन आइलैंड्स और न्यूजीलैंड की ओर दक्षिण, कनाडा, इक्वाडोर, पेरू, मेक्सिको, फिलीपींस, ताइवान और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं. कुछ तटीय इलाकों जैसे इक्वाडोर में 3 मीटर (गज) से अधिक ऊंची लहरें भी संभव थीं. यह चेतावनी प्रशांत महासागर के विशाल क्षेत्र में फैले तटीय समुदायों के लिए एक अलर्ट है. स्थानीय प्रशासन ने सभी तटीय क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने, ऊंचे स्थानों पर जाने और समुद्री गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है. वैज्ञानिक लगातार सुनामी लहरों की निगरानी कर रहे हैं ताकि उनकी गति और प्रभाव का आकलन किया जा सके. भूकंप 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' (Pacific Ring of Fire) के किनारे आया था, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय दोषों का एक वलय है जहां दुनिया के अधिकांश भूकंप आते हैं. 2011 का जापान भूकंप और इंडोनेशिया के तट पर 2004 का भूकंप 9.1 तीव्रता का था, और चिली में 2010 का भूकंप भी 8.8 तीव्रता का दर्ज किया गया था.कामचटका प्रायद्वीप: रूस का एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्रकामचटका प्रायद्वीप कहां है? कामचटका प्रायद्वीप रूस के सुदूर पूर्व में स्थित एक बड़ा प्रायद्वीप है, जो प्रशांत महासागर और बेरिंग सागर के बीच है. यह क्षेत्र अपनी अत्यधिक भूकंपीय और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है, क्योंकि यह 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' (Pacific Ring of Fire) का हिस्सा है. यहां कई सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंपीय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र दुनिया के सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक है. यहीं पर अक्सर शक्तिशाली भूकंप आते हैं, जो सुनामी का कारण भी बन सकते हैं. इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है, और यहां के लोगों को अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है.शंघाई में तूफान और सुनामी की दोहरी चुनौती: 2.8 लाख लोगों को हटाया गयाएक अन्य बड़ी प्राकृतिक आपदा में, एक उष्णकटिबंधीय तूफान ने पूर्वी चीन को तेज हवाओं और भारी बारिश से प्रभावित किया है. इसके कारण बुधवार को शंघाई में 280,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, सैकड़ों उड़ानों और नौका सेवाओं को रद्द कर दिया गया, और सड़कों व रेलवे पर गति सीमा लागू कर दी गई. बुधवार तड़के झेजियांग प्रांत के झोउशान (Zhoushan) के बंदरगाह शहर में को-मे (Co-May) तूफान का आगमन हुआ. इसके तुरंत बाद रूस के सुदूर पूर्व में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी भी जारी कर दी गई,...
रूस के सुदूर पूर्वी प्रायद्वीप कामचटका (Kamchatka) में बुधवार सुबह (भारतीय समयानुसार 4:54 बजे) एक शक्तिशाली भूकंप आया है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े भूकंपों में से एक बनाती है और इतिहास में दर्ज छठा सबसे शक्तिशाली भूकंप है. भूकंप का केंद्र जमीन से 19.3 किलोमीटर की गहराई में था, जिसने इसके प्रभाव को और बढ़ाया. कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने अपने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि आज का भूकंप दशकों में सबसे शक्तिशाली था. उन्होंने बताया कि जोरदार झटकों के कारण एक किंडरगार्टन स्कूल को नुकसान पहुंचा है. रूसी विज्ञान अकादमी के भूभौतिकीय सर्वेक्षण की स्थानीय शाखा के अनुसार, 1952 के बाद कामचटका में यह 8.8 तीव्रता का भूकंप सबसे शक्तिशाली है. उन्होंने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान में इस भूकंप को "अद्वितीय घटना" बताया. उन्होंने कहा कि इसका केंद्र 20 जुलाई को प्रायद्वीप में आए हाल ही के भूकंप के पास था. USGS के अनुसार, बुधवार का 8.8 तीव्रता का भूकंप इस सदी के चार सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है, और 1900 के बाद से आठ सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है.4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें: कई इमारतों को पहुंचा नुकसानकामचटका में भूकंप से क्या हुआ? रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के तुरंत बाद कामचटका के तटीय इलाकों में सुनामी लहरें उठने लगीं. इन सुनामी लहरों की ऊंचाई लगभग 4 मीटर (करीब 13 फीट) तक दर्ज की गई, जिससे तटीय क्षेत्रों में कई इमारतों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है. कामचटका में 3-4 मीटर (10-13 फीट) की ऊंचाई वाली सुनामी भी दर्ज की गई. स्थानीय गवर्नर, वालेरी लिमारेंको के अनुसार, पहली सुनामी लहर रूस के कुरिल द्वीप समूह पर प्रशांत क्षेत्र में सेवेरो-कुरिल्स्क के तटीय क्षेत्र से टकराई. गवर्नर सोलोदोव ने अपने एक वीडियो पोस्ट में बताया कि एक किंडरगार्टन स्कूल भी क्षतिग्रस्त हुआ है और कुछ घरों की छतें गिर गईं, जिसके चलते लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. स्थानीय प्रशासन ने तेजी से आपदा राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं. भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 119 किलोमीटर (74 मील) दूर था, जिसकी आबादी 180,000 है.जापान में सुनामी की चेतावनी: 20 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गएजापान में सुनामी का क्या असर हुआ? कामचटका में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद, जापान भी सतर्क हो गया. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (Japan Meteorological Agency) के अनुसार, देश के पूर्वी तट पर होक्काइडो (Hokkaido) के नेमूरो (Nemuro) में लगभग 30 सेंटीमीटर (करीब 1 फुट) ऊंची सुनामी लहर भी पहुंची. जापान सरकार ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई की और लगभग 20 लाख लोगों को हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है. इसके अलावा, जापान ने अपने फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर को भी खाली करा लिया है, जो 2011 में एक बड़े भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त हो गया था. यह दिखाता है कि कैसे एक क्षेत्र में आया भूकंप अन्य देशों के लिए भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है.भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी: 12 देशों पर असरइस शक्तिशाली भूकंप के बाद, जापान ही नहीं, बल्कि अमेरिका, चीन समेत कुल 12 देशों के कई तटीय इलाकों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. इन देशों में अलास्का, हवाई, चिली, सोलोमन आइलैंड्स और न्यूजीलैंड की ओर दक्षिण, कनाडा, इक्वाडोर, पेरू, मेक्सिको, फिलीपींस, ताइवान और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं. कुछ तटीय इलाकों जैसे इक्वाडोर में 3 मीटर (गज) से अधिक ऊंची लहरें भी संभव थीं. यह चेतावनी प्रशांत महासागर के विशाल क्षेत्र में फैले तटीय समुदायों के लिए एक अलर्ट है. स्थानीय प्रशासन ने सभी तटीय क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने, ऊंचे स्थानों पर जाने और समुद्री गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है. वैज्ञानिक लगातार सुनामी लहरों की निगरानी कर रहे हैं ताकि उनकी गति और प्रभाव का आकलन किया जा सके. भूकंप 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' (Pacific Ring of Fire) के किनारे आया था, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय दोषों का एक वलय है जहां दुनिया के अधिकांश भूकंप आते हैं. 2011 का जापान भूकंप और इंडोनेशिया के तट पर 2004 का भूकंप 9.1 तीव्रता का था, और चिली में 2010 का भूकंप भी 8.8 तीव्रता का दर्ज किया गया था.कामचटका प्रायद्वीप: रूस का एक भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्रकामचटका प्रायद्वीप कहां है? कामचटका प्रायद्वीप रूस के सुदूर पूर्व में स्थित एक बड़ा प्रायद्वीप है, जो प्रशांत महासागर और बेरिंग सागर के बीच है. यह क्षेत्र अपनी अत्यधिक भूकंपीय और ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए जाना जाता है, क्योंकि यह 'पैसिफिक रिंग ऑफ फायर' (Pacific Ring of Fire) का हिस्सा है. यहां कई सक्रिय ज्वालामुखी और भूकंपीय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र दुनिया के सबसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक है. यहीं पर अक्सर शक्तिशाली भूकंप आते हैं, जो सुनामी का कारण भी बन सकते हैं. इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है, और यहां के लोगों को अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है.शंघाई में तूफान और सुनामी की दोहरी चुनौती: 2.8 लाख लोगों को हटाया गयाएक अन्य बड़ी प्राकृतिक आपदा में, एक उष्णकटिबंधीय तूफान ने पूर्वी चीन को तेज हवाओं और भारी बारिश से प्रभावित किया है. इसके कारण बुधवार को शंघाई में 280,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, सैकड़ों उड़ानों और नौका सेवाओं को रद्द कर दिया गया, और सड़कों व रेलवे पर गति सीमा लागू कर दी गई. बुधवार तड़के झेजियांग प्रांत के झोउशान (Zhoushan) के बंदरगाह शहर में को-मे (Co-May) तूफान का आगमन हुआ. इसके तुरंत बाद रूस के सुदूर पूर्व में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी भी जारी कर दी गई,...