बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को फांसी की सजा, ICT कोर्ट का फैसला; यूनुस बोले- भारत हसीना को सौंपे
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने हत्या के लिए उकसाने और आदेश देने के आरोप में मौत की सजा सुनाई। देश में राजनीतिक भूचाल।;
🔴 हत्या के लिए उकसाने और आदेश देने का आरोप साबित
🔴 पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी फांसी
🔴 हसीना और असदुज्जमान की संपत्ति ज़ब्त करने का आदेश
Sheikh Hasina Death Sentence | बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा फैसला
नई दिल्ली/ढाका—बांग्लादेश की राजनीति में सोमवार का दिन बेहद नाटकीय रहा। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें हत्या के लिए उकसाने, हिंसक आदेश जारी करने सहित कई आरोपों में दोषी करार दिया।
ICT कोर्ट ने हसीना को कुल 5 मामलों में आरोपी बनाया था। इनमें से हत्या से जुड़े मामलों में फांसी की सजा और अन्य संगीन मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट रूम में फैसले के दौरान मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर निर्णय का स्वागत किया।
Student Protest 2024 | जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन को लेकर बड़ा आरोप
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि जुलाई 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान जिन लोगों की हत्या हुई, उसका “मुख्य संचालन” हसीना ने किया था। कोर्ट ने माना कि हिंसा, हमलों और गिरफ्तारी निर्देशों में उनकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भूमिका सामने आई है।
इसके साथ ही पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी उसी मामले में दोषी पाया गया और उन्हें भी फांसी की सजा सुनाई गई।
IGP Abdullah Mamun | तीसरे आरोपी को 5 साल कैद
इस मामले में तीसरे आरोपी, बांग्लादेश के पूर्व IGP अब्दुल्ला अल-ममून को 5 साल की कैद की सजा दी गई है। ममून पहले से हिरासत में थे और उन्होंने सरकारी गवाह बनने की सहमति दी थी।
Property Seizure | संपत्ति जब्त करने का आदेश
ICT कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शेख हसीना और असदुज्जमान खान की सभी चल-अचल संपत्तियों को सरकार जब्त करे। अदालत ने इन्हें “राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के संचालन” के लिए दोषी ठहराया है।
Bangladesh Interim PM Reaction | अंतरिम पीएम मोहम्मद यूनुस का बड़ा बयान
फैसले के तुरंत बाद बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की।
उन्होंने कहा—
“भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को वापस भेजना भारत की जिम्मेदारी है।”
Exile in India | तख्तापलट के बाद भारत आई थीं शेख हसीना
5 अगस्त 2024 को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं। उनके साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान भी भारत पहुंचे थे।
दोनों नेता पिछले 15 महीनों से भारत में रह रहे हैं। कई बार ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि हसीना ने राजनीतिक शरण मांगी है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
Extradition Treaty | क्या भारत को हसीना को सौंपना पड़ेगा?
बांग्लादेश सरकार का कहना है कि प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, भारत को अपराधों में दोषी पाए गए नेताओं को बांग्लादेश को सौंपना चाहिए। हालांकि, इस पर भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
Irony of ICT Court | जिस कोर्ट को हसीना ने बनाया था, उसी ने सुनाई सजा
इस फैसले का सबसे बड़ा विरोधाभास यह है कि इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) की स्थापना खुद शेख हसीना की सरकार ने 2010 में की थी। इसे 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों की जांच के लिए बनाया गया था।
1973 में ICT कानून पारित किया गया था, लेकिन लंबे समय तक लागू नहीं हुआ। दशकों बाद हसीना ने इस कोर्ट को सक्रिय किया ताकि युद्ध अपराधों के अभियुक्तों पर कार्रवाई की जा सके।
Political Future | आगे क्या होगा?
फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति में तनाव बढ़ने की आशंका है। हसीना की पार्टी और समर्थक इस फैसले का विरोध कर सकते हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले पर नजर रखे हुए है।
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FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. शेख हसीना को किस मामले में मौत की सजा दी गई है?
उन्हें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं के लिए उकसाने और हिंसा का आदेश देने का दोषी पाया गया।
2. क्या यह फैसला अंतिम है?
हसीना के वकील उच्च अदालत में अपील कर सकते हैं, लेकिन ICT का फैसला बेहद प्रभावी माना जाता है।
3. क्या भारत को हसीना को प्रत्यर्पित करना पड़ेगा?
बांग्लादेश सरकार प्रत्यर्पण की मांग कर रही है, पर भारत की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया।
4. इस केस में और कौन-कौन दोषी पाए गए?
पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को फांसी और पूर्व IGP ममून को 5 साल कैद की सजा दी गई।
5. ICT कोर्ट क्या है?
यह कोर्ट 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम से जुड़े अपराधों की सुनवाई के लिए 2010 में स्थापित किया गया था।