US के 44 सांसदों ने पाकिस्तान के PM शरीफ और आर्मी चीफ मुनीर पर बैन लगाने की मांग की, कहा- पाक में तानाशाही बढ़ रही

अमेरिका के 44 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को पत्र लिखकर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सांसदों ने मानवाधिकार उल्लंघन, विपक्षियों की गिरफ्तारी, मीडिया दमन और 2024 चुनावों में धांधली पर चिंता जताई।;

Update: 2025-12-04 17:21 GMT
• 44 अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान PM और आर्मी चीफ पर प्रतिबंध की मांग की
• पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप
• 2024 चुनावों में धांधली और सेना के बढ़ते दबदबे पर चिंता
• ग्लोबल मैग्निट्सकी ऐक्ट के तहत वीजा बैन और संपत्ति जब्ती की सिफारिश

US–Pakistan Relations | अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं सेना प्रमुख पर बैन लगाने की उठाई मांग

अमेरिका की राजनीति में पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा कदम सामने आया है। अमेरिकी कांग्रेस के 44 सांसदों ने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को एक संयुक्त पत्र लिखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

यह पत्र डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल और ग्रेग कासर के नेतृत्व में तैयार किया गया है। पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान में सेना का प्रभाव बेहद बढ़ चुका है और मौजूदा सरकार लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर रही है। सांसदों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना सामान्य नागरिकों, पत्रकारों, राजनीतिक विरोधियों और यहां तक कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों को भी डराने-धमकाने के लिए अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रही है।

Press Freedom Under Threat | पत्रकारों पर हमले और उत्पीड़न का आरोप

पत्र में कई मानवाधिकार उल्लंघनों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। सबसे प्रमुख मामला वर्जीनिया के पत्रकार अहमद नूरानी का है। नूरानी ने पाकिस्तानी सेना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर रिपोर्टिंग की थी। इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले उनके दो भाइयों को एक महीने से अधिक समय तक अगवा कर रखा गया।

इसी प्रकार लोकप्रिय संगीतकार सलमान अहमद के जीजा का भी अपहरण किया गया था, जिन्हें अमेरिकी दबाव के बाद छोड़ा गया। सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान में मीडिया पर भय का माहौल है और पत्रकारों को लगातार धमकाया जा रहा है।

Political Crackdown | विपक्षियों की गिरफ्तारी और नागरिकों का दमन

सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि पाकिस्तान में—
• विपक्षी नेताओं को बिना आरोप जेल में डाला जा रहा है
• सोशल मीडिया पोस्ट करने पर आम नागरिक गिरफ्तार किए जा रहे हैं
• महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है
• खासकर बलूच समुदाय पर गंभीर अत्याचार किए जा रहे हैं

सांसदों ने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि इन कार्रवाइयों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

Election Fraud Allegations | 2024 के चुनावों में धांधली का उल्लेख

पत्र में 2024 के पाकिस्तानी आम चुनावों में कथित धांधली का भी जिक्र किया गया। सांसदों ने कहा कि—
• चुनाव में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं
• स्वतंत्र संस्था की ‘पट्टन रिपोर्ट’ ने गड़बड़ियों का सबूत पेश किया
• अमेरिकी विदेश विभाग ने भी चुनावों पर गंभीर चिंता जताई थी
• इन चुनावों के जरिए एक कठपुतली सरकार बनाई गई

Judicial Interference | अदालतें भी सेना के दबाव में?

सांसदों ने पत्र में पाकिस्तान में हो रही न्यायिक दखलअंदाजी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया कि सामान्य नागरिकों के केस भी मिलिट्री कोर्ट में चल सकते हैं। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और पारदर्शिता पर गंभीर असर पड़ा है।

US Sanctions Possibilities | क्या शरीफ और मुनीर पर प्रतिबंध लग सकते हैं?

सांसदों ने अमेरिका के कानूनों के तहत कई प्रकार के संभावित प्रतिबंध सुझाए हैं। इनमें शामिल हैं—

1. वीजा बैन: शरीफ, मुनीर और संबंधित अधिकारियों की अमेरिका यात्रा पर रोक। यह उनके परिवारों पर भी लागू हो सकता है।

2. संपत्ति जब्ती: अमेरिका में मौजूद उनकी किसी भी वित्तीय संपत्ति, बैंक खाते और लेन-देन पर प्रतिबंध। यह ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत किया जा सकता है।

Asim Munir’s US Visits | ट्रम्प से मुलाकातें भी चर्चा में

पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर इस वर्ष दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिल चुके हैं। 18 जून को मुनीर को व्हाइट हाउस लंच के लिए बुलाया गया था। इस दौरान बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ, जहाँ उन्हें “तानाशाह” और “कातिल” कहकर नारे लगाए गए।

सितंबर में भी शहबाज शरीफ और मुनीर ने ट्रम्प से मुलाकात की, जिसमें करीब 80 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत चली।

Imran Khan | इमरान खान की रिहाई की भी मांग

सांसदों ने पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यदि लोकतांत्रिक संस्थाएं बचानी हैं, तो विपक्ष पर दमन बंद होना चाहिए।

Prime Minister Sharif’s Hesitation | CDF नियुक्ति पर शहबाज की चुप्पी

हाल ही में पाकिस्तान में 27वां संवैधानिक संशोधन पारित हुआ था, जिसके तहत सेना की शक्तियों में और वृद्धि का प्रावधान था। इस संशोधन के बाद फील्ड मार्शल मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) बनाए जाने की संभावना थी। लेकिन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अभी तक इस नियुक्ति पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

सूत्रों का कहना है कि शहबाज शरीफ इस फैसले को लेकर असहज हैं, क्योंकि इससे सेना की ताकत और बढ़ जाएगी।

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FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कितने अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखा?

कुल 44 सांसदों ने यह पत्र लिखा है।

पत्र किसे भेजा गया?

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को।

प्रधान आरोप क्या हैं?

मानवाधिकार उल्लंघन, पत्रकारों का उत्पीड़न, विपक्ष पर दमन और चुनावी धांधली।

क्या प्रतिबंध संभव हैं?

हाँ, ग्लोबल मैग्निट्सकी एक्ट के तहत वीजा बैन और संपत्ति जब्ती संभव है।

क्या इमरान खान की रिहाई की मांग की गई?

हाँ, अमेरिकी सांसदों ने इमरान खान की रिहाई की मांग भी उठाई।

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