इजराइल-ईरान वॉर: दूसरे दिन भी ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजराइली एयरस्ट्राइक, तेहरान में 78 की मौत; जवाब में ईरान ने दागीं 100+ बैलिस्टिक मिसाइलें
इजराइल और ईरान के बीच तनाव युद्ध में तब्दील होता दिख रहा है। इजराइल ने लगातार दूसरे दिन शुक्रवार देर रात ईरान की राजधानी तेहरान के परमाणु ठिकानों पर फिर से एयरस्ट्राइक की, जिसमें 78 लोगों की मौत हो गई।;
मध्य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है और इजराइल तथा ईरान के बीच सीधी जंग के हालात बन गए हैं। इजराइल ने लगातार दूसरे दिन ईरान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर रात (यानी शनिवार तड़के, 14 जून, 2025) एक बार फिर राजधानी तेहरान के आसपास स्थित ईरानी परमाणु ठिकानों को अपने लड़ाकू विमानों से निशाना बनाया।
ईरानी मीडिया के अनुसार, इन ताजा हमलों में कम से कम 78 लोग मारे गए हैं और 350 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। राजधानी तेहरान में कई जगहों पर जोरदार धमाके सुने गए हैं, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल है। इस हमले के जवाब में ईरान ने भी अब तक की सबसे बड़ी और विनाशकारी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल की ओर 100 से भी अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दी हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई: 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं
इजराइल के इन ताजा हमलों के तुरंत बाद ईरान ने अत्यंत विध्वंसक जवाबी कार्रवाई की। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए कसम खाई कि "जायोनिस्ट शासन (इजराइल) को इस अपराध की सजा जरूर मिलेगी और वह इस सजा से बच नहीं पाएगा।" इस बयान के तुरंत बाद ईरान ने 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दाग दीं।
इस बड़े मिसाइल हमले के बाद इजराइल ने अपने बहु-स्तरीय एंटी-डिफेंस मिसाइल सिस्टम, जिसमें आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो शामिल हैं, को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। इजराइल के सभी बड़े शहरों जैसे तेल अवीव, यरुशलम, हाइफा आदि में लगातार हवाई हमले के सायरन गूंज रहे हैं और लाखों लोगों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित बंकरों और शेल्टरों में जाने के लिए कहा गया है।
नेतन्याहू को गुप्त और सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया, PM मोदी से की फोन पर बात
ईरान के शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल हमले के खतरे को देखते हुए, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उनके परिवार सहित एक अज्ञात और अत्यंत सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट किया गया है। इजराइली मीडिया ने उनके विमान 'विंग ऑफ जायोन' की एक तस्वीर भी जारी की है, जिसमें दो लड़ाकू विमान उनके विमान को एस्कॉर्ट करते हुए किसी गुप्त जगह पर ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। बाद में इजराइल के प्रमुख टीवी चैनल 'चैनल 12' ने यह भी बताया कि यह विमान संभवतः ग्रीस की राजधानी एथेंस में उतरा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इस बीच, बढ़ते तनाव को लेकर नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और उन्हें मध्य-पूर्व के ताजा और गंभीर हालात की विस्तृत जानकारी दी। यह भी बताया जा रहा है कि वह जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी इस अत्यंत गंभीर मुद्दे पर बात करेंगे।
एक दिन पहले क्या हुआ था?
यह विनाशकारी तनाव शुक्रवार, 13 जून की सुबह लगभग 5:50 बजे शुरू हुआ था, जब इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और कई महत्वपूर्ण मिलिट्री स्टेशनों को निशाना बनाकर अपनी पहली बड़ी और समन्वित एयरस्ट्राइक की थी। उस हमले में ईरान के 6 प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों और इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के 20 से ज्यादा वरिष्ठ कमांडरों की मौत हो गई थी, जिसमें IRGC के शीर्ष कमांडर हुसैन सलामी भी शामिल थे।
उस पहले हमले के जवाब में, ईरान ने शुक्रवार दोपहर को इजराइल पर 100 से ज्यादा आत्मघाती ड्रोन दागे थे। हालांकि, इजराइली सेना (IDF) ने यह दावा किया था कि उन्होंने अपने उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम और लड़ाकू विमानों से उन सभी ड्रोन्स को इजराइल की सीमा में पहुंचने से पहले ही सफलतापूर्वक मार गिराया था।
हमले के पीछे इजराइल का 'सीक्रेट ड्रोन बेस' प्लान
इजराइल के पहले हमले की अभूतपूर्व सफलता के पीछे उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद और इजराइली रक्षा बल (IDF) की एक अत्यंत गुप्त और साहसी योजना को कारण बताया जा रहा है। 'टाइम्स ऑफ इजराइल' अखबार के अनुसार, मोसाद ने ईरान के अंदर ही तेहरान के पास एक गुप्त ड्रोन बेस का निर्माण किया था और वहीं से ईरान के कुछ एयर डिफेंस सिस्टम्स को तबाह किया, जिससे इजराइली फाइटर जेट्स को ईरानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने और अपने लक्ष्यों पर सटीकता से हमला करने का एक सुरक्षित रास्ता मिल गया।