Iranian Women's Anti Hijab Campaign: ईरान की मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ उठाई आवाज
Iranian Women's Anti Hijab Campaign: ईरान की मुस्लिम महिलाऐं अब पुरुषप्रधान कुप्रथा से मुक्ति पाने के लिए Say No To Hijab कम्पैन कर रही हैं
Iranian Women's Anti Hijab Campaign: मुस्लिम देश ईरान में महिलाओं ने अपनी आज़ादी की जंग छेड़ दी है, मुस्लिम महिलाऐं अब सड़कों में आकर हिजाब और बुर्का के खिलाफ आवाज उठा रही हैं. ईरान की महिलाऐं "Say No To Hijab' कम्पैन चला रही हैं. इस Anti-Hijab Campaign से ईरान की सरकार और कट्टरपंथी गुस्साए हुए हैं. क्योंकि इस्लाम मजहब में महिलाओं को सिर से पैर तक खुद को कपडे से ढक कर रखने की कुप्रथा है. यहां महिलाओं के लिए स्वतंत्रता उतनी ही है जितना उनके पति देना चाहते हैं.
ईरान में महिलाऐं अपने मन मुताबिक कपडे नहीं पहन सकतीं, बिना हिजाब पहने कोई भी महिला या युवती घर से बाहर नहीं निकल सकती। यह महिलाओं के अधिकार का हनन है लेकिन कट्टरपंथी मजहब के नामपर औरतों को इन तमाम पाबंदियों से घेरे रहते हैं. लेकिन ईरान की महिलाओं ने अब अपनी आज़ादी के लिए एंटी हिजाब अभियान छेड़ दिया है.
ईरान की महिलाओं ने हिजाब का किया बहिष्कार
इंटरनेशनल मिडिया के अनुसार बुधवार को ईरान की महिलाओं ने हिम्मत दिखाते हुए Anti Hijab Campaign Iran शुरू कर दिया, हज़ारों महिलाऐं एक स्थान में एकत्रित हुईं और अपने शरीर से हिजाब उतार कर हवा में फेंक दिया।
Iranian Women's Anti Hijab Campaign Video
ईरान की महिलाओं ने एंटी हिजाब अभियान उस दिन शुरू किया जब ईरान में National Day Of Hijab सेलिब्रेट किया जाना था. सरकार इस दिन हिजाब दिवस मना रही थी और ईरान की महिलाऐं हिजाब को उतार कर फेंक रही थीं.
सिर के बाल दिख जाएं तो सज़ा हो जाती है
ईरान में महिलाऐं कैसे जीती हैं इसका दुःख सिर्फ वही समझती हैं. यहां कोई भी महिला अपने शरीर को पूरी तरह कपड़े से ढके बिना कहीं बाहर नहीं निकल सकती है. अगर किसी महिला का चेहरा या सिर के बाल तक दिखाई दे जाएं तो सरकार उसे कड़ी सज़ा देती है. घर में उनका शोहर पीटना शुरू कर देता है.
हिजाब को लेकर इस्लाम में सख्त नियम हैं, और नियम सिर्फ महिलाओं के लिए है. किसी पुरुष की गंदी नज़र न पड़े इस लिए महिलाओं को तन ढक कर रखना पड़ता है. गंदी नज़र का कोई इलाज नहीं है. भारत में बीते एक साल से हिजाब को लेकर बड़ा विवाद हुआ था. यहां स्कूली छात्राएं हिजाब के खिलाफ नहीं सपोर्ट में खड़ी थीं. भारत जैसे स्वतंत्र देश में हिजाब पहनने के लिए प्रदर्शन होते हैं और मुस्लिम देशों में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन होते हैं. यह बड़ी अजीब बात है.