चवन्नी से भी छोटा सिक्का 150 करोड़ में बिका! रचा इतिहास
अमेरिका में 1 सेंट का दुर्लभ सिक्का, जिसकी कीमत कभी चवन्नी से भी कम थी, नीलामी में लगभग 150 करोड़ रुपये में बिका। जानिए क्यों बना यह सिक्का ऐतिहासिक और क्यों बंद हुई इसकी छपाई।
📰 News Highlights
- अमेरिका का 1 सेंट का दुर्लभ सिक्का नीलामी में करीब 150 करोड़ रुपये में बिका
- यह सिक्का चवन्नी (25 पैसे) से भी छोटा और सस्ता माना जाता था
- अमेरिकी सरकार ने नवंबर 2025 से 1-सेंट की छपाई बंद करने का फैसला किया
- नीलामी में कुल 232 ऐतिहासिक सेट पेश किए गए थे
इतिहास रचने वाला 1-सेंट सिक्का क्या है? | What Is This Historic Coin?
जिस 1 सेंट के सिक्के को अमेरिका में कभी सबसे छोटी कीमत की मुद्रा माना जाता था, वही सिक्का आज इतिहास का अनमोल खजाना बन चुका है। हाल ही में हुई एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में यह सिक्का करीब 150 करोड़ रुपये में बिका, जिसने दुनियाभर के कॉइन कलेक्टर्स और इतिहासकारों को चौंका दिया।
यह सिक्का आकार में चवन्नी से भी छोटा है और कभी इससे बिस्किट या कैंडी तक खरीदी जा सकती थी। लेकिन समय के साथ इसका ऐतिहासिक महत्व इतना बढ़ गया कि इसकी कीमत करोड़ों तक पहुंच गई।
नीलामी में क्यों बढ़ी कीमत? | Why Did the Price Rise So High?
नीलामी में पेश किया गया यह सिक्का सामान्य नहीं था। यह अमेरिकी टकसाल द्वारा बनाए गए अंतिम 1-सेंट सेट का हिस्सा था। कुल 232 सेट नीलामी में रखे गए, जिनमें से हर सेट का ऐतिहासिक महत्व अलग-अलग था।
इस खास सेट की बोली लगभग 7 करोड़ रुपये से शुरू हुई और देखते-ही-देखते कीमत 150 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। विशेषज्ञों के अनुसार, दुर्लभता, सीमित संख्या और ऐतिहासिक विरासत ने इसकी कीमत को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाया।
1-सेंट की छपाई क्यों बंद हुई? | Why Was the 1-Cent Coin Discontinued?
अमेरिका में 1 सेंट की शुरुआत 1793 में हुई थी। लेकिन समय के साथ इसकी उत्पादन लागत इसकी वास्तविक कीमत से ज्यादा हो गई। एक 1-सेंट सिक्का बनाने में सरकार को 1 सेंट से अधिक खर्च करना पड़ रहा था।
इसी वजह से अमेरिकी सरकार ने नवंबर 2025 में फैसला लिया कि अब 1-सेंट सिक्कों की छपाई स्थायी रूप से बंद कर दी जाएगी। यही फैसला इस सिक्के को ऐतिहासिक और संग्रहणीय बना गया।
सिक्कों से जुड़ा 232 साल पुराना इतिहास
1-सेंट सिक्का अमेरिका के 232 साल पुराने आर्थिक इतिहास का प्रतीक है। कभी यह गरीब से गरीब व्यक्ति की पहुंच में था, लेकिन आज यह अमीरों और संग्रहकर्ताओं की तिजोरी की शोभा बन चुका है।
इतिहासकारों का मानना है कि जब किसी मुद्रा का प्रचलन समाप्त होता है, तो उसका भावनात्मक और सांस्कृतिक मूल्य कई गुना बढ़ जाता है। यही कारण है कि लोग ऐसे सिक्कों पर करोड़ों खर्च करने को तैयार रहते हैं।
क्या भारत में भी ऐसे सिक्के कीमती हैं?
भारत में भी पुराने पैसे, आना और पाई आज नीलामी में ऊंची कीमत पर बिकते हैं। हालांकि, अमेरिका के 1-सेंट जैसा वैश्विक प्रभाव बहुत कम सिक्कों को मिला है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपके पास भी पुराने और दुर्लभ सिक्के हैं, तो उन्हें सुरक्षित रखें। समय के साथ उनकी कीमत कई गुना बढ़ सकती है। लेकिन सिक्कों और नोटों की खरीदी-बिक्री को लेकर इंटरनेट और सोशल मीडिया में अधिकाँश फ्रॉड होते हैं, इसलिए ऐसे में सावधान रहना चाहिए।
FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1-सेंट सिक्का इतना महंगा क्यों बिका?
यह सिक्का दुर्लभ, अंतिम छपाई वाला और ऐतिहासिक महत्व का था, इसलिए इसकी कीमत करोड़ों तक पहुंच गई।
क्या 1-सेंट अब अमेरिका में चलता है?
हां, पुराने सिक्के चलन में रहेंगे, लेकिन नए 1-सेंट की छपाई बंद हो चुकी है।
क्या भारत में भी ऐसे सिक्के बिक सकते हैं?
अगर सिक्का दुर्लभ और ऐतिहासिक हो, तो भारत में भी उसकी नीलामी कीमत लाखों या करोड़ों तक जा सकती है।
पुराने सिक्के बेचने का सही तरीका क्या है?
प्रमाणित नीलामी घर या कॉइन एक्सपर्ट के जरिए ही पुराने सिक्के बेचने चाहिए।