ईरान-इजराइल जंग: अमेरिका की ईरान को सीधी चेतावनी- 'हमले का अंजाम बुरा होगा', ट्रंप बोले- हमें इजराइली हमले की पहले से थी जानकारी
इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए बड़े हवाई हमलों के बाद अमेरिका ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि वह अमेरिकी सेना को निशाना बनाने की गलती न करे, वरना इसके गंभीर परिणाम होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया है कि उन्हें इजराइल की इस सैन्य कार्रवाई की पहले से जानकारी थी। दूसरी ओर, ईरान ने इस हमले के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है।;
इजराइल द्वारा शुक्रवार (13 जून, 2025) सुबह ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए बड़े हवाई हमलों के बाद मध्य-पूर्व में तनाव अपने चरम पर है। इस घटनाक्रम के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों ने ईरान को एक कड़ी और सीधी चेतावनी जारी की है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि यदि ईरान ने इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में मध्य-पूर्व में तैनात अमेरिकी सेना या उसके हितों को निशाना बनाया, तो यह उसकी एक "बहुत बड़ी रणनीतिक भूल" होगी और इसके अत्यंत गंभीर परिणाम होंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा- हमले की पहले से थी जानकारी
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में एक बड़ा खुलासा करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें इजराइल की इस सैन्य कार्रवाई, जिसे 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' (Operation Rising Lion) के नाम से जाना जा रहा है, के बारे में पहले से जानकारी थी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इस हमले में सीधे तौर पर शामिल नहीं था।
ट्रंप ने अमेरिका का पारंपरिक रुख दोहराते हुए कहा कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि तेहरान परमाणु समझौते पर बातचीत के लिए वापस लौटेगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि मध्य-पूर्व में मौजूद अमेरिकी सेना को किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इजराइल को मिला अमेरिकी कांग्रेस का समर्थन
- सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष माइक रोजर्स की ईरान को चेतावनी: अमेरिकी संसद की शक्तिशाली सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष, माइक रोजर्स, ने ईरान को 'आक्रामक' (aggressor) करार दिया। उन्होंने कहा, "ईरान द्वारा परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश एक अस्तित्व का खतरा है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" उन्होंने स्पष्ट किया, "अमेरिका इन हमलों में शामिल नहीं था, लेकिन हमारी सेना अपनी और हमारे सहयोगी इजराइल की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। अमेरिकी सेना पर किया गया कोई भी ईरानी हमला एक बहुत बड़ी रणनीतिक भूल होगी।"
- हाउस स्पीकर माइक जॉनसन का बयान: अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर माइक जॉनसन ने भी इजराइल का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा, "इजराइल सही है - और उसे अपनी रक्षा करने का पूरा और अचूक अधिकार है!"
- अमेरिकी विदेश मंत्री का स्पष्ट संदेश: अमेरिकी हितों पर हमला न हो।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी इस बात की पुष्टि की कि अमेरिका इन इजराइली हमलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं था। उन्होंने कहा, "हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता इस क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है... मैं यह बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं: ईरान को अमेरिकी हितों या हमारे कर्मियों को निशाना बनाने की गलती नहीं करनी चाहिए।"
ईरान का पलटवार: हमले के लिए अमेरिका भी है पूरी तरह जिम्मेदार
दूसरी ओर, ईरान ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है और उसे परिणामों के लिए चेतावनी दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तेहरान को इजराइली हमलों का जवाब देने का 'कानूनी और वैध' अधिकार है।
बयान में आगे कहा गया, "इजराइल द्वारा किया गया यह हमला संयुक्त राज्य अमेरिका के समन्वय, समर्थन और प्राधिकरण के बिना नहीं किया जा सकता था।" ईरान ने चेतावनी दी कि "इस जायोनी शासन (इजराइल) के मुख्य समर्थक के रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार भी इस दुस्साहस के खतरनाक प्रभावों और परिणामों के लिए समान रूप से जिम्मेदार होगी।" ईरान ने एक बार फिर दोहराया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और उसका परमाणु हथियार विकसित करने का कोई इरादा नहीं है।