भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला: न्यूयॉर्क में इंटरव्यू के दौरान गर्दन पर चाकू मारे, पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप था

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला: ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में हमलावर ने चाकू से गले में वार किया है. सलमान को एयर एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है, जबकि हमलावर गिरफ्तार कर लिया गया है.

Update: 2022-08-12 17:36 GMT

Novelist Salman Rushdie attacked

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला: भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी (British-American author Salman Rushdie) पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक इंटरव्यू के दौरान हमलावर ने चाकू से गले में वार किया है. सलमान को एयर एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है, जबकि हमलावर गिरफ्तार कर लिया गया है. रुश्दी के साथ इंटरव्यूअर को भी चोंट आई है. 

न्यूयार्क पुलिस के मुताबिक़ हमला सुबह 11 बजे चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में हुआ है. मंच पर इंटरव्यू के लिए बैठे सलमान रुश्दी को हमलावर ने निशाना बनाया था. वह तेजी से मंच पर दौड़ा और सलमान रुश्दी और इंटरव्यूअर पर चाकू से हमला कर दिया. चाकू रुश्दी के गर्दन पर लगी है. वहीं इंटरव्यूअर के सिर पर हल्की चोट आई है.

सलमान रुश्दी को गंभीर अवस्था में एयर एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया है. फिलहाल उनके स्वास्थ्य की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी उम्र 25 साल के आसपास बताई जा रही है.

इंटरव्यू के दौरान सलमान रुश्दी पर हुए हमले की असली वजह अभी सामने नहीं आई है. हालांकि, उनकी किताबों को लेकर उन्हें कई बार फतवा भी जारी हो चुका है. हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.

मुंबई में जन्म, बुकर पुरस्कार से सम्मानित

रुश्दी का जन्म 19 जून, 1947 को मुंबई में हुआ था. 'द सैटेनिक वर्सेस' और 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' जैसी किताबें लिख कर चर्चा में आए रुश्दी को बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. 'सैटेनिक वर्सेस' के लिए उन्हें ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी के फतवे का सामना करना पड़ा था.

'सैटेनिक वर्सेस' को लेकर चर्चा में रहे

75 साल के सलमान रुश्दी ने अपनी किताबों से दुनिया भर में पहचान बनाई. अपने दूसरे ही उपन्यास 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' के लिए 1981 में 'बुकर प्राइज' और 1983 में 'बेस्ट ऑफ द बुकर्स' पुरस्कार से सम्मानित किए गए. रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपनी पहली नॉवेल 'ग्राइमस' (Grimus) के साथ की थी.

रुश्दी को पहचान उनके दूसरे नॉवेल 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' से मिली. उन्होंने कई किताबें लिखीं जिसमें द जैगुअर स्माइल, द मूर्स लास्ट साई, द ग्राउंड बिनीथ हर फीट और शालीमार द क्लाउन शामिल हैं, लेकिन रुश्दी सबसे ज्यादा अपनी विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेस' को लेकर चर्चा में रहे.

भारत समेत कई देशों में नॉवेल पर बैन

'द सैटेनिक वर्सेस' (The Satanic Verses, Novel by Salman Rushdie) सलमान रुश्दी का चौथा नॉवेल है. भारत और दुनिया के कई देशों में यह नॉवेल बैन है. यह नॉवेल 1988 में प्रकाशित हुआ था, जिस पर पर काफी विवाद हुआ था. इसके लिए रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया. इस किताब का शीर्षक एक विवादित मुस्लिम परंपरा के बारे में है. इस परंपरा के बारे में रुश्दी ने अपनी किताब में खुल कर लिखा.

33 साल पहले खौमेनी ने जारी किया था फतवा

किताब को कई मुस्लिम देशों में बैन कर दिया गया था. इसके प्रकाशन के बाद ही रुश्दी को मौत की धमकी मिली और ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी ने साल 1989 में उनके लिए फतवा जारी कर दिया था.

नॉवेल के कारण हत्या और हमले भी हुए

'द सैटेनिक वर्सेस' के जापानी ट्रांसलेटर हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी, जबकि इटैलियन ट्रांसलेटर और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी हमले हुए. रुश्दी की तारीफ करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की महिला लेखक जैनब प्रिया पर जानलेवा हमले हुए थे. हमलावरों ने प्रिया के गर्दन पर चाकू रख दी थी और ईंट से चेहरे पर वार किया.

4 शादियां रचा चुके हैं

रुश्दी रोमांस को लेकर भी चर्चा में रहे हैं. वे अब तक 4 शादियां रचा चुके है और उतनी ही महिलाओं से इश्क भी फरमा चुके हैं. वे जन्म के कुछ समय बाद ही ब्रिटेन चले गए थे. इंग्लैंड के रगबी स्कूल में उन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई की. बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इतिहास की पढ़ाई की. साहित्यकार बनने से पहले रुश्दी ऐड एजेंसियों में कॉपी राइटर का भी काम कर चुके हैं.

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