कौन हैं ड्रूज समुदाय? इनका मुख्य धर्म क्या है? जिनकी सुरक्षा के लिए इजरायल ने सीरिया पर किए हमले
जानिए ड्रूज समुदाय कौन हैं, उनका धर्म क्या है और मध्य पूर्व में उनकी स्थिति कैसी है. इजरायल ने क्यों सीरिया पर हमला किया और ड्रूज समुदाय इसमें क्यों महत्वपूर्ण है.;
ड्रूज समुदाय के पारंपरिक परिधानों में लोग, जो अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं.
ड्रूज समुदाय का इतिहास: ड्रूज समुदाय एक विशिष्ट धार्मिक और जातीय समूह है जो मध्य पूर्व के देशों, खास तौर पर सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इजरायल में निवास करता है. इनकी उत्पत्ति 11वीं सदी के दौरान मिस्र में हुई थी. इन्हें अपनी विशिष्ट मान्यताओं, सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक संरचनाओं के लिए जाना जाता है, जो इन्हें क्षेत्र के अन्य समुदायों से अलग करती हैं. ड्रूज खुद को 'अह्ल अल-तौहीद' कहते हैं, जिसका अर्थ है 'एकेश्वरवादी'. वे लेवांटाइन अरबी बोलते हैं और उनका सामाजिक ढाँचा लेवांट (पूर्वी भूमध्यसागर) के अन्य लोगों जैसा ही है. सदियों से, इस समुदाय ने अपनी पहचान और धर्म को बनाए रखने के लिए विभिन्न सरकारों और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच संघर्ष किया है. इसी समुदाय की सुरक्षा के लिए इजरायल ने अब सीरिया के दमिश्क पर ज़ोरदार हवाई हमला किया है.
ड्रूज समुदाय का धर्म और मान्यताएं: क्या यह इस्लाम से अलग है?
ड्रूज का धर्म क्या है? ड्रूज का धर्म इस्लाम या यहूदी धर्म से अलग है, हालांकि इसमें अब्राहमिक धर्मों (जैसे इस्लाम और ईसाई धर्म), ग्नोस्टिसिज्म (ज्ञानवाद), नवप्लेटोवाद (Neoplatonism) और पाइथागोरसवाद जैसे दर्शनों के कई तत्व शामिल हैं. यह शिया इस्लाम की इस्माइली शाखा से निकला है, लेकिन समय के साथ इसने अपनी अनूठी मान्यताओं और सिद्धांतों को विकसित किया. ड्रूज धर्म एक 'बंद' आस्था है, जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति इसमें धर्मांतरण नहीं कर सकता; एक व्यक्ति केवल जन्म से ही ड्रूज हो सकता है. इनके विश्वासों में पुनर्जन्म का सिद्धांत केंद्रीय है. अपनी आध्यात्मिक नींव की रक्षा, एकता बनाए रखने और बाहरी हस्तक्षेप से बचने के लिए, ड्रूज समुदाय ने अपनी आस्था को गोपनीय और रहस्यमय रखा है. धार्मिक अनुष्ठान और पाठ आम जनता के लिए खुले नहीं होते हैं.
मध्य पूर्व में ड्रूज समुदाय की भौगोलिक स्थिति और आबादी
ड्रूज समुदाय कहाँ रहते हैं? ड्रूज समुदाय के लगभग 10 लाख से 12 लाख लोग मध्य पूर्व के विभिन्न देशों में फैले हुए हैं.
सीरिया: ड्रूज समुदाय की सबसे बड़ी आबादी सीरिया में है, जहाँ उनकी संख्या लगभग 7 लाख है. वे मुख्य रूप से सीरिया के दक्षिणी प्रांत स्वेइदा (Suwayda) में केंद्रित हैं, जिसे 'जबल अल-ड्रूज' (ड्रूज का पहाड़) के नाम से भी जाना जाता है. दमिश्क के बाहरी इलाकों जैसे जारमाना और साहनाया में भी इनकी छोटी बस्तियाँ हैं.
लेबनान: लेबनान में लगभग 2 लाख से 3 लाख ड्रूज रहते हैं, जो देश के पर्वतीय मध्य भागों और दक्षिणी हिस्सों में केंद्रित हैं. लेबनान की राजनीति में ड्रूज समुदाय का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है.
इजरायल: इजरायल में लगभग 1.5 लाख ड्रूज नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तरी इजरायल और इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में हैं.
जॉर्डन: जॉर्डन में भी सीरियाई सीमा के पास लगभग 15,000 से 20,000 ड्रूज रहते हैं.
इनके अलावा, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्षेत्रों में भी ड्रूज प्रवासी समुदाय मौजूद हैं.
सीरिया में ड्रूज समुदाय क्यों संघर्ष कर रहा है?
सीरिया में गृह युद्ध (2011 से) शुरू होने के बाद से ड्रूज समुदाय ने अक्सर तटस्थ रहने की कोशिश की है, लेकिन स्वेइदा प्रांत में उनकी स्थिति जटिल बनी हुई है. हाल के दिनों में, स्वेइदा में स्थानीय सुरक्षा बलों और ड्रूज लड़ाकों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं. दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सरकार का तख्तापलट होने के बाद, सीरिया में नई सरकार ने स्थानीय मिलिशिया को निरस्त्र करने का दबाव डाला है, जिससे ड्रूज मिलिशिया और नई सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है. ड्रूज धार्मिक नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकारी सेना बर्बरता कर रही है, जबकि सरकार का दावा है कि हिंसा के पीछे आपराधिक गिरोह हैं. इस स्थिति ने ड्रूज समुदाय की सुरक्षा को एक बड़ा मुद्दा बना दिया है.
इजरायल ड्रूज समुदाय की मदद क्यों कर रहा है?
इजरायल और ड्रूज समुदाय के बीच एक विशेष और ऐतिहासिक संबंध है. इजरायल में रहने वाले ड्रूज नागरिक इजरायली सेना में सेवा करने वाले एकमात्र अरब समूह हैं (अन्य अरब इजरायलियों के विपरीत). वे इजरायल के प्रति अपनी वफादारी के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने इजरायली समाज में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. इसी गहरे भाईचारे और वफादारी के कारण इजरायल सीरिया में अपने ड्रूज भाइयों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर सीरियाई सेना दक्षिण सीरिया में ड्रूज समुदाय पर हमला करना बंद नहीं करेगी, तो इजरायल सीरियाई सेना को 'तबाह' कर देगा. इस चेतावनी के बाद इजरायल ने सीरिया की सीमा से सटे इलाकों में अपनी सेना भी भेजी है और दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय जैसे ठिकानों पर हवाई हमले भी किए हैं.
इजरायल का सीरिया पर हमला: ड्रूज समुदाय की सुरक्षा या क्षेत्रीय रणनीति?
इजरायल के सीरिया पर हालिया हमले, विशेषकर दमिश्क में, ड्रूज समुदाय की सुरक्षा के लिए इजरायल की प्रतिबद्धता का हिस्सा बताए जा रहे हैं. हालांकि, इजरायल मध्य पूर्व में ईरान के बढ़ते प्रभाव और सीरिया में ईरान-समर्थित मिलिशिया की उपस्थिति को लेकर भी लंबे समय से चिंतित रहा है. इजरायल अक्सर सीरियाई धरती पर ईरान समर्थित ठिकानों और हथियारों की खेप को निशाना बनाता रहा है. इसलिए, इन हमलों को ड्रूज समुदाय की सुरक्षा के साथ-साथ इजरायल की व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में भी देखा जा सकता है, जिसका उद्देश्य ईरान और उसके सहयोगियों की शक्ति को कमजोर करना है.
अमेरिका ने सीरिया की हिंसा पर क्या कहा?
दक्षिणी सीरिया में ड्रूज नागरिकों के खिलाफ हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी चिंता जताई है. अमेरिका ने स्वेइदा में नागरिकों पर हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की है. सीरिया में अमेरिकी विशेष दूत टॉम बैरक ने सभी पक्षों से हिंसा रोकने और सार्थक बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया है, ताकि स्थायी संघर्ष विराम हो सके. बैरक ने यह भी कहा कि इस हिंसा के लिए जिम्मेदार अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संवेदनशील स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है, क्योंकि क्षेत्र में किसी भी बड़ी अशांति का वैश्विक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है.
गोलान हाइट्स के ड्रूज: इजरायली नागरिकता की पेशकश क्यों ठुकराई?
गोलान हाइट्स (Golan Heights), जिसे इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से छीन लिया था और बाद में अपने में मिला लिया, वहां भी 29 हजार से ज्यादा ड्रूज नागरिक रहते हैं. इजरायल ने कई बार यहां के ड्रूज लोगों को इजरायली नागरिकता का प्रस्ताव दिया है, लेकिन उनमें से अधिकांश ने इसे ठुकरा दिया है. वे खुद को सीरियाई नागरिक मानते हैं और अपनी सीरियाई पहचान बनाए रखना चाहते हैं. यह स्थिति ड्रूज समुदाय के लिए एक जटिल पहचान का मुद्दा पेश करती है, क्योंकि वे विभिन्न देशों में रहते हुए भी अपनी एक साझा सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बनाए रखने की कोशिश करते हैं.
भविष्य की चुनौतियां: ड्रूज समुदाय और क्षेत्रीय संघर्ष
ड्रूज समुदाय मध्य पूर्व में एक अल्पसंख्यक के रूप में अपनी पहचान और सुरक्षा के लिए लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है. सीरिया, लेबनान और इजरायल जैसे देशों में उनकी रणनीतिक स्थिति उन्हें क्षेत्रीय संघर्षों में महत्वपूर्ण बनाती है. इजरायल का हालिया हस्तक्षेप इस समुदाय के लिए आशा की किरण हो सकता है, लेकिन यह सीरियाई सरकार और क्षेत्र में अन्य शक्तियों के साथ नए तनाव को भी जन्म दे सकता है. ड्रूज समुदाय की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना मध्य पूर्व में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा.