रीवा और बद्रीनाथ धाम के बीच इस अनोखे रिश्ते के बारे में शायद ही आपको मालूम होगा

Rewa and Badrinath Dham: रीवा राजघराने के युवराज और सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने रीवा और बद्रीनाथ मंदिर के बीच रिश्ते के बारे में बड़ी अच्छी चीज़ बताई है

Update: 2022-05-10 07:25 GMT

रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले और उत्तराखंड के श्री बद्रीनाथ धाम के बीच एक अनोखा रिश्ता है, एक पुण्य परंपरा है जो दशकों से चली आ रही है और निरंतर चलती रहेगी। रीवा राघराने के युवराज और सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने इस बंधन के बारे में बड़ी अच्छी बात कही है. दरअसल दिव्यराज सिंह हाल ही में बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर गए थे जहां दर्शन पाने के बाद लौटकर उन्होंने रीवा और बद्रीनाथ धाम के बीच के गहरे और अनोखे संबंध के बारे में लोगों को बताया है. 

बद्रीनाथ धाम और रीवा के बीच क्या रिश्ता है 

चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम का रीवा जिले से गहरा और काफी पुराना नाता है, आप इसे परंपरा कह सकते हैं. बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु यानि के श्री बद्रीनारायण भगवान का श्रृंगार करने वाले श्रृंगारी, रीवा जिले से नाता रखते हैं. उन्हें यह सौभाग्य मिला है कि वह प्रतिदिन भगवान श्री बद्रीनारायण के दर्शन पाते हैं और उनका श्रृंगार करते है.

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श्री बद्रीनारायण धाम में शृंगारी हमेशा से रीवा जिले से ही नियुक्त हुए हैं. यह परंपरा राजघराने के वक़्त से चली आ रही है. दिव्यराज सिंह बताते हैं कि यह परंपरा आज की नहीं है बल्कि महाराजा रघुराज सिंह जूदेव के वक़्त से चली आई है. यानी सन 1850 से लेकर वर्तमान तक यह रिवाज चला आ रहा है और आने वाले अनंत समय तक इसका पालन होता रहेगा। 

रीवा से बद्रीनाथ धाम में श्रृंगारी कैसे नियुक्त होते हैं 

दरअसल रीवा में ऐतिहासिक लक्ष्मण बाग़ मंदिर है जहां भगवान श्री विष्णु जी के 10 अवतारों का भी वर्णन है, खैर लक्ष्मणबाग मंदिर के बारे में कभी और चर्चा होगी। तो यहां राजघराने के समय से चले आ रहे लक्ष्मणबाग संसथान द्वारा ही बद्रीनाथ धाम में विराजे सृष्टि के रचयिता श्री विष्णु भगवान के स्वरुप श्री बद्रीनारायण के श्रृंगारी की नियुक्ति होती है. और यह सिलसिला महारजा रघुराज सिंह जु देव के समय से निरंतर चला आ रहा है. 

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