जेपी फैक्ट्री से प्रताड़ित किसान और कर्मचारी ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना : Rewa News

जेपी फैक्ट्री से प्रताड़ित किसान और कर्मचारी ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना : Rewa News रीवा । जिले में जेपी प्रबंधन के द्वारा कर्मचारी व

Update: 2021-02-16 06:46 GMT

जेपी फैक्ट्री से प्रताड़ित किसान और कर्मचारी ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना : Rewa News

रीवा । जिले में जेपी प्रबंधन के द्वारा कर्मचारी व किसानों का शोषण किया जा रहा है । जिस पर पीड़ित किसान और कर्मचारी विगत कई दिनों से अनिश्चित कालीन धरना व भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बताया गया है कि 20 वर्ष पूर्व लीज में जमीन ली गई थी जिसका वकायदे एग्रीमेंट हुआ था और एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात भी कही गई थी ।

मगर जेपी प्रवंधन के द्वारा जब नौकरी नहीं दी गई थी तो पूर्व में ही गरीब किसानों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अपनाना पड़ा था , जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी जे पी प्रबंधन नौकरी पर नहीं रख रहा था जिसके बाद पुनः याचिका दायर की गई.

जिसमें न्यायालय के द्वारा जेपी प्रबंधन को फटकार लगाई जिसके बाद न्यायालय की फटकार के बाद जेपी प्रबंधन ने न्यायालय के कहने पर गरीब किसान के बेटे सुनील पांडेय को नौकरी पर तो रखा, मगर पूरी तरह से गरीब किसान का शोषण किया गया उसे रीवा जेपी में न रखकर हैदराबाद भेज दिया गया.

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जिसके बाद हैदराबाद में जाते ही पीड़ित सुनील पांडेय की मौत हो जाती है जिस पर परिजनों ने जे पी प्रबंधन पर आरोप लगाया कि मेरे बेटे की सुनियोजित तरीके से हत्या करा दी गई है । अब दो साल होने बाले है और अभी तक न ही हमारी बहु को जेपी में नौकरी दी गई है और न ही किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदत की जा रही हैं । यहां तक कि मृतक परिजनों ने रीवा जिले के प्रशासन पर बीजेपी प्रबंधन से सांठगांठ का आरोप लगाया है ।

परिजनों का आरोप है कि जेपी प्रबंधन और प्रशासन की सांठगांठ है जिसके चलते हमारी कहीं भी नहीं सुनी जा रही है हम लोग लगातार विगत 9 तारीख से आमरण अनशन पर थे । अब इधर विगत 4 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर छोटे बच्चे व परिवार की महिलाओं के साथ हैं इसके बाद भी शासन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा हमारी पीड़ा सुनने नहीं आया.

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जब हम लोग इसकी जानकारी हुजूर तहसील की तहसीलदार मैडम के पास जाते हैं तो उनके द्वारा बोल दिया जाता है कि हमने तो आपको परमिशन ही नहीं दिया है जबकि मेरे पास पूरा लिखित रूप में है। मैडम के द्वारा परमिशन दिया गया लेटर है । इससे साफ जाहिर होता है कि प्रबंधन के सपोर्ट में खड़ा हुआ है जिले का प्रसाशन गरीब किसान की फ़रियाद नही सुन रहा है।

जेपी प्रबंधक के द्वारा मेरे भतीजे को भी नौकरी से बाहर कर दिया मेरा भतीजा पिछले 4 दिनों से बिना खाये बिना पिये 4 दिनों से धरना स्थल में लेटा हुआ है जिसका वजन भी लगभग 20 किलो दे ज्यादा घट चुका है अगर किसान के द्वारा बोला गया कि अगर हमारे भतीजे और बेटे के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी समस्त जाबाबदेही जे पी प्रबंधन और जिला प्रशासन की होगी ।

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परिजनों ने रीवा प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया कि जिले के अधिकारियों के द्वारा बोला जाता है कि आपका जे पी का लफड़ा है मेरे बस की बात नहीं है आप लोग जेपी प्रवंधन से ही निपतिये यहां तक कि लीज भी बढ़ा देने की बात ग्रामीणों ने बताई है । गरीब किसानों का कहना है कि अगर जेपी प्रवंधन हमारी मांग सुनने को तैयार नही है तो अब हमारी लीज में ली गई जमीन वापस कर दें।

किसानों को नौकरी देने का वादा किए थे ना ही नौकरी दे रहे हैं और न ही मृतक परिवार बच्चो की किसी भी प्रकार की मदद कर रहे है । पीड़ितों ने बताया कि जेपी से निकाले गए कर्मचारी व किसान शासन प्रशासन से गुहार लगा चुका है गुहार लगाने के बाद जब किसी भी प्रकार का आश्वासन नही मिला और कोई कार्यवाही नही की गई तो 9 तारीख से आमरण अनशन पर थे ।

अब इसके बाद 26 जनवरी से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल व धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं। यह धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल मरते दम तक जारी रहेगा धरने में 10 लोगों को परमिशन दिया गया है तो 9 लोग अंत तक धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल पर रहेंगे ।

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