REWA: बांधवगढ़ के बांधवाधीश दर्शन पर रोक के खिलाफ सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह धरने पर बैठे, अंत में दर्शन मिल गए

BJP MLA Divyaraj Singh Protest Against Ban On Bandhavgarh's Bandhavdhish Darshan: एमपी के उमरिया जिले में बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अंदर सदियों पुराना बांधवगढ़ किला है, जहां जाने से वन विभाग ने रोक लगा दी है

Update: 2022-08-19 08:50 GMT

BJP MLA Divyaraj Singh Protest Against Ban On Bandhavdhish Darshan: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सिरमौर सीट से बीजेपी विधायक (Sirmaur BJP MLA Divyaraj Singh) बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बाहर दो दिन से धरना दे रहे हैं. मामला बांधवगढ़ के ऐतिहासिक किले में स्थापित बांधवाधीश मंदिर में आम लोगों के जाने पर रोक लगाने का है. जिसके खिलाफ बीजेपी MLA ने धरना दिया है. 

बता दें कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के अंदर प्राचीन बँधवाधीश मंदिर है और यहीं भगवान विष्णु की हज़ारों साल पुरानी विशाल प्रतिमा है. साथ ही यहां सदियों पुराने शिवलिंग मौजूद हैं. वैसे तो इस मंदिर में लोगों को जाने की अनुमति नहीं है लेकिन साल के सिर्फ एक दिन यहां मेले का आयोजन होता है. वह खास दिन कृष्ण जन्माष्टमी का होता है। लेकिन इस दिन भी वन विभाग और प्रशासन ने मेले का आयोजन और मंदिर में लोगों की एंट्री पर बैन लगा दिया। 

सिरमौर बीजेपी विधायक दिव्यराज सिंह के साथ उनके पिता और रीवा राज घराने के महारज पुष्पराज सिंह भी धरने पर बैठे हुए थे. लेकिन बाद में पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाकर थाने ले गई. सभी धरना देने वालों की गिरफ़्तारी हो गई. लेकिन बाद में उनके मंदिर में जाकर पूजा करने की अनुमति दे दी गई. 

यहां हैरानी की बात यह है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने अपनी सरकार के बनाए नियम के विपरीत जाकर प्रदर्शन किया और पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। 

दिव्यराज सिंह ने क्या कहा 

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बीजेपी विधायक का कहना है कि करीब 400-500 सालों से बँधावाधीश मंदिर और बांधवगढ़ किले में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मेले का आयोजन होता है और विंध्य के लोगों को साल में सिर्फ एक बार अपने भगवान का दर्शन करने का अवसर मिलता है. 

जब से यहां नेशनल पार्क बना है उसे कई वर्षों पहले से यह परंपरा चलती आ रही है. साल में सिर्फ एक दिन आम जनता वहां जाकर दर्शन करती थी. कई सालों से वन विभाग इसी कोशिश में लगा था कि जन्माष्टमी के दिन यहां होने वाले आयोजन को किसी न किसी बहाने से बंद कर दिया जाए. हर साल इसमें रोक लगाने की कोशिश की जाती है. इस साल भी इस साल भी वन विभाग ने यह बहाना बताया है कि मेले के आयोजन वाले स्थान में हांथी का अमला मौजूद है. जिसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. 

मंदिर जाना जनता का मौलिक अधिकार 

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जब दिव्यराज सिंह धरने पर बैठे हुए थे तब उमरिया जिले के कलेक्टर मौके पर पहुंचे, जहां प्रदर्शनकारियों और DM के बीच तीखी बहस भी हुई. बीजेपी MLA ने इस दौरान बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आने वाले फंड और हाथी मैनेजमेंट पर सवाल खड़े किए, और कहा हमें वीडियो दिखाओ कहां मंदिर जाने के रास्ते में हाथी है? इस दौरन उन्होंने कहा- मंदिर जाना आम लोगों का मौलिक अधिकर है आप लोगों से उनके आराध्य के दर्शन का अधिकार नहीं छीन सकते हैं. 

नेशनल पार्क ऑथरिटी ने मेले में प्रतिबंध लगाया 

दरअसल बांधवगढ़ नेशनल पार्क ने बँधावाधीश मंदिर में होने वाले मेले पर रोक लगा दी, जिसके बाद आमजन और रीवा के राजकुमार सिरमौर MLA सहित रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह सहित कई लोग धरने पर बैठ गए. इस दौरान यह भी कहा गया कि जिनके पुरखों ने बांधवगढ़ किले और वहां की 84 वर्ग किले की जमीन दान में दे दी आज उन्ही के वंशजों को रोका जा रहा है? 

क्यों प्रतिबंध लगाया 

नेशनल पार्क ऑथरिटी का कहना है कि इस साल यहां मेले का आयोजन इसी लिए नहीं हुआ है क्योंकि उस स्थान पर हाथियों का अमला आया हुआ है. यहां अगर आम लोग जाएंगे तो हाथियों का झुण्ड उनपर हमला कर सकता है. लेकिन प्रदर्शनकारी प्रशासन की बात को सिर्फ साज़िश बता रहे थे. 

आखिरकार मिल गए दर्शन 

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दिव्यराज सिंह की अगुवाई में आखिरकार नेशनल पार्क ऑथरिटी को हार माननी पड़ी, अंत में आम लोगों और प्रदर्शन कर रहे लोगों को बँधावाधीश जी के दर्शन मिल गए. जहां भक्तों ने उनकी पारम्परिक तरीके से पूजा अर्चना की. लेकिन इस साल यहां मेले का आयोजन नहीं किया गया. 

बांधवगढ़ के प्राचीन किले और यहां मौजूद भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा के रहस्य के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें 

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