रीवा शराब घोटाला: फर्जी गारंटी से 9 लोगों ने 15 करोड़ लिए, HC ने प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त, रीवा कलेक्टर, एसपी एवं EoW SP को नोटिस थमाया

रीवा में शराब ठेका आवंटन में गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। आरोप है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली के अधिकारियों ने 9 लोगों को फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी देकर 15 करोड़ रुपये दे दिया।

Update: 2024-04-27 17:22 GMT

Rewa Liquor Scam: मध्य प्रदेश के रीवा में शराब ठेका आवंटन में गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली के अधिकारियों ने मिलीभगत कर 9 लोगों को फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी दी। तिकड़मबाजों ने बिना मार्जिन जमा किए संयुक्त शराब ठेका लेने के लिए 15 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त, रीवा कलेक्टर, एसपी और ईओडब्ल्यू एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट पहुंचा मामला

इस मामले में रीवा निवासी बीके माला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर जांच की मांग की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित सिंह ने दलील दी कि रीवा में 9 लोगों ने मिलकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मोरवा, सिंगरौली के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी परफॉर्मेंस गारंटी प्राप्त की। बिना मार्जिन जमा किए 15 करोड़ रुपये प्राप्त कर लिए।

फर्जी गारंटी का आरोप

अधिवक्ता अमित सिंह ने बताया कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार शेड्यूल्ड बैंक जैसे नेशनलाइज्ड, रीजनल रूरल बैंक आदि को ही परफॉर्मेंस गारंटी देने का अधिकार है। कोऑपरेटिव बैंकों को इसका अधिकार नहीं है। इस मामले में जांच भी हुई और बैंक ने माना कि फर्जी तरीके से गारंटी दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

हाईकोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तलब किया

मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव, आबकारी आयुक्त, रीवा कलेक्टर, एसपी और ईओडब्ल्यू एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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