रीवा / अतिक्रमण मुक्त कराने में इस्तेमाल होने वाली नगर निगम की JCB में लगी आग, अधिकारियों को अतिक्रमणकारियों पर संदेह

रीवा। नगर-निगम कार्यालय में खड़ी जेसीबी मशीन शनिवार की देर रात घू-धू कर जलने लगी। मशीन में लगी आग की जानकारी लगते ही रात्रि कालिन डूयूटी पर तैनात ननि कर्मचारियों के होष उड़ गये। उन्होने इसकी सूचना फायर बिग्रेड एवं ननि के अधिकारियों को दिया। मौके पर पहुची फायर मशीन ने आग को बुझाया, लेकिन तब तक मशीन पूरी तरह से जल गई।

Update: 2021-02-28 12:03 GMT

रीवा। नगर-निगम कार्यालय में खड़ी JCB मशीन शनिवार की देर रात धू-धू कर जलने लगी। मशीन में लगी आग की जानकारी लगते ही रात्रि कालिन डूयूटी पर तैनात ननि कर्मचारियों के होश उड़ गये। उन्होने इसकी सूचना फायर बिग्रेड एवं ननि के अधिकारियों को दिया। मौके पर पहुची फायर मशीन ने आग को बुझाया, लेकिन तब तक मशीन पूरी तरह से जल गई। नगर निगम के अधिकारियों को अंदेशा और शंका है कि JCB को जानबूझकर अतिक्रमणकारियों द्वारा आग के हवाले कराया गया है। क्योंकि JCB मशीन के जरिए नगर निगम लगातार अवैध अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई में लगा हुआ है, इस दौरान हर उस स्थान पर विवाद होता है, जहाँ भी अतिक्रमण ध्वस्त कराने की कार्रवाई होती है।

थाने में मामला दर्ज

नगर-निगम प्रशासन ने जेसीबी में लगी आग के घटना की शिकायत सिविल लाइन थाना में दर्ज करवाई है। पुलिस घटी घटना को लेकर जांच कर रही है। वही ननि प्रशासन के अधिकारियों ने भी कार्यालय पहुच कर मशीन में लगी आग की जानकारी ली है।

अतिक्रमणकारियों पर संदेह

नगर-निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मानना है कि यह कोई साधारण आग नही लगी है बल्कि सोची समझी साजिश के तहत मशीन में आग लगाई गई है। संदेह है कि अतिक्रमण कारियों ने जानबूझ कर मशीन में आग लगाई है।

ज्ञात हो कि इन दिनों एन्टी भू-माफिया अभियान के तहत जिला प्रशासन एंव नगर निगम मुहिम चलाकर सरकारी जमीनो से अतिक्रमण हटाने में लगा हुआ है। जिससे अतिक्रमण कारियों में न सिर्फ खलबली है बल्कि गुस्सा भी है। जिसका परिणाम ननि प्रशासन के जेसीबी मशीन में आग लगाकर देखा जा रहा है, बहरहाल पुलिस की जांच के बाद ही पूरा मामला सामने आ पायेगा।

सुरक्षा पर सवाल 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि ननि परिसर के अंदर घुसकर कोई JCB को आग के हवाले कोई कैसे कर सकता है और अगर ऐसा हुआ होगा तो यह सबसे बड़ा सवालिया निशान नगर निगम के प्रशासन पर खड़ा करता है। क्या नगर निगम प्रशासन अपने कार्यालय और परिसर में रखे सामानों की सुरक्षा नहीं कर सकता? या फिर यह अंदर के ही किसी अधिकारी-कर्मचारी की सोची समझी साजिश का नतीजा है।

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