रीवा: 100% बंद हो चुकी दिल की नस को खोलकर मरीज को दी नई जिंदगी

रीवा और विंध्यवासियों के लिये सौगात बन चुके सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में डॉक्टरों नें एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

Update: 2024-04-19 06:22 GMT

super speciality hospital rewa

रीवा। रीवा और विंध्यवासियों के लिये सौगात बन चुके सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में डॉक्टरों नें एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मरीज के दिल की नस 100 प्रतिशत बंद हो चुकी थी ऐसे में उसे दोबारा से जीवन मिलना एक करिश्मे जैसा है और यह उपलब्धि सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों है। ने हासिल की दरअसल अस्पताल में भर्ती दो मरीजों के दिल की नस 100 प्रतिशत बंद हो चुकी थी, ऐसे में अस्पताल के हृदय रोग विभाग के चिकित्सक और उनकी टीम • नें की नस को खोला बल्कि मरीज को एक नई जिंदगी दी। बताया गया कि डूयल इंजेक्शन और कैथेटर की मदद से सफलतापूर्वक दिल की नस खोलने वाला प्रथम इंस्टीट्यूट बन गया है। अस्पताल प्रबंधन नैं जानकारी देते हुये बताया कि बीते दिवस दो मरीज़ जिनकी उम्र 62 साल और 58 साल थी वह हृदय रोग विशेषज्ञ

डूयल इंजेक्शन एवं माइक्रो कैथेटर की मदद से मिली सफलता

डूयल इंजेक्शन और माइक्रो कैथेटर की मदद से न सिर्फ सफलतापूर्वक दिल डॉक्टर एसके त्रिपाठी के पास पहुंचे थे। इन मरीजों के सीने में दर्द की शिकायत थी, जिन्हें तुरंत भर्ती कर डॉक्टर ने एंजियोग्राफी की योजना बनाई। जिसमें पाया गया कि दोनों मरीजों के दिल की नस 100 प्रतिशत बंद थी और उनमें कैल्शियम का अत्यधिक जमाव था, ऐसे में एंजियोप्लास्टी कर पाना असंभव था। डॉक्टर ने उक्त दोनों ही मरीजों की जान बचाने के लिये डूयल इंजेक्शन और माइक्रो कैथेटर की मदद ली और बंद नसों को खोलकर उनकी जान बचाई।

बताया गया कि डूयल इंजेक्शन की मदद से नस कहां तक बंद है, इसका अंदाजा लगता है और माइक्रो कैथेटर बंद नस को खोलने में मददगार साबित होता है। डॉक्टर के मुताबिक इसके पहले माइक्रो कैथेटर एवं एडवांस मशीनों जैसे आईवीयूएस एवं रोटाब्लेटर न होने से ऐसे जटिल प्रोसीजर को कर पाना संभव नहीं था। जिससे इन मरीजों के पास बायपास के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचता था लेकिन अब मशीनों के उपलब्ध हो जाने से असंभव प्रक्रिया भी संभव हो चुकी है। हालांकि इस प्रोसीजर को बिना टीम वर्क के बिना कर पाना असंभव था। टीम में डॉ. एसके त्रिपाठी सहित उनकी टीम में कैथलैब टेक्नीशियन जय नारायण मिश्रा, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, फैजल व नर्सिंग स्टाफ शामिल रहे।

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