रीवा में एक और बड़े सोलर पावर प्लांट की तैयारी, देवतालाब में जमीन तलाशने में जुटा प्रशासन

गुढ़ के बाद रीवा जिले में एक और बड़ा सोलर पॉवर प्लांट (Solar Power Plant in Rewa) लगाने की कवायद शुरू हो गई है। शासन से पत्र आने के बाद प्रशासन ने सोलर प्लांट के लिए जिले के देवतालाब में जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

Update: 2022-02-09 02:46 GMT

Solar Power Plant Rewa

रीवा। गुढ़ के बाद रीवा जिले में एक और बड़ा सोलर पॉवर प्लांट (Solar Power Plant in Rewa) लगाने की कवायद शुरू हो गई है। शासन से पत्र आने के बाद प्रशासन ने सोलर प्लांट के लिए जिले के देवतालाब में जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

बताया गया है कि देवतालाब क्षेत्र के सीतापुर के आसपास पांच सौ मेगावाट की क्षमता का सोलर पॉवर प्लांट लगाया जाना है। प्लांट यदि यहां स्थापित हो जाता है तो गुढ़ के बाद यह दूसरा सोलर प्लांट होगा जो निजी कंपनियों द्वारा स्थापित होगा। उल्लेखनीय है कि गुढ़ की बदवार पहाड़ी पर तीन निजी कंपनियों द्वारा 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया गया है। इसके अलावा सरकारी संस्थानों ने स्वयं के उपयोग के लिए काफी कम क्षमता के सोलर चैनल लगवाए हैं।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की घोषणा

बताया गया है कि देवतालाब विधायक गिरीश गौतम की साइकिल यात्रा के समापन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे। उनकी सभा में गिरीश गौतम ने देवतालाब क्षेत्र के सीतापुर पहाड़ में हजारों एकड़ खाली पड़ी पहाड़ी जमीन पर सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाने की मांग रखी थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देवतालाब क्षेत्र में पांच सौ मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर परीक्षण कराने की घोषणा की थी। जिस पर उर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर पांच सौ मेगावाट के सोलर प्लांट के लिए देवतालाब क्षेत्र में एक हजार हेक्टेयर सरकारी जमीन की तलाश करने को कहा है। बताया गया है कि कलेक्टर ने इसके लिए एसडीएम मऊगंज को निर्देश दिया है।

सूत्रों की मानें तो प्रशासन देवतालाब में सीतापुर गांव के आसपास जमीन की तलाश कर रहा है। ऊर्जा विकास निगम के अधिकारी भी जमीन के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर सरकारी बंजर जमीन की जानकारी जुटा रहे हैं।

ऊर्जा विकास निगम ने क्योटी से किया किनारा

सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के जो जमीन सोलर प्लांट के लिए लिए ऊर्जा विकास निगम ने क्योटी प्रस्तावित की जा रह है उसमें काफी के आसपास जमीन चिन्हित की थी। हिस्सा वन भूमि के रूप में है। जिस निगम को यहां 250 मेगावाट का पर ऊर्जा विकास निगम ने क्योटी सोलर प्लांट स्थापित करना था। में सोलर प्लांट की स्थापना से हाथ बताया गया है कि क्योटी के पास खींच लिया। इसके बाद अंतरैला सरकारी और बंजर मिलकर जमीन सहित कई स्थानों पर एक मुश्त मिल गई थी। लेकिन जमीन चिन्हित बंजर जमीन की तलाश की गई। करने के बाद यह सामने आया कि लेकिन जमीन नहीं मिली।

स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

देवतालाब क्षेत्र में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना होने के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही देवतालाब के आसपास के गांवों में बुनियादी सुविधाएं भी दी जा सकती हैं। सोलर प्लांट के स्थापित होने के बाद देवतालाब क्षेत्र का महत्व बढ़ जाएगा। साथ ही यहां विकास के रास्ते भी खुलेंगे।

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