सरकार ने संभागायुक्त से रीवा ननि प्रशासक का दायित्व छीना, कलेक्टर को सौंपा, जानिए वजह...

रीवा। शायद रीवा संभाग के संभागायुक्त आरके जैन सरकार की नजर में खरे नहीं उतरे। लिहाजा नगर निगम रीवा का प्रशासक का दायित्व संभागायुक्त से छीन कर

Update: 2021-02-16 06:46 GMT

रीवा। शायद रीवा संभाग के संभागायुक्त आरके जैन सरकार की नजर में खरे नहीं उतरे। लिहाजा नगर निगम रीवा का प्रशासक का दायित्व संभागायुक्त से छीन कर कलेक्टर रीवा इलैया राजा टी (Rewa Collector Ilayaraja T) को दे दिया गया है। कार्रवाई मुख्यमंत्री के रीवा प्रवास से पूर्व की गई है।

मामला संभाग के प्रमुख से जुड़ा होने के कारण किसी को कानोकान खबर नहीं लगी। लेकिन जिस तरह से कलेक्टर इलैयाराजा पिछले एक पखवाड़े से एक्टिव नजर आए उससे लोगों ने कयास लगाना शुरू कर दिया था।

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सूत्रों की माने तो स्थानीय नेताओं ने सरकार के पास यह शिकायत की थी कि संभागायुक्त राकेश कुमार जैन नगर निगम के कार्यों में रुचि नहीं लेते। वह मनमर्जी काम करते हैं। उन्हें जो काम बताया जाता है उसे जानबूझ कर डिले करते हैं। सरकार ने स्थानीय नेताओं की बात मान ली और सरकार के निर्देश पर पीएस नगरीय प्रशासन द्वारा संभागायुक्त आरके जैन को नगर निगम रीवा के प्रशासक के दायित्व से मुक्त कर कलेटर इलैया राज टी को सौंप दिया।

संभागायुक्त को बनाया गया था रीवा नगर निगम का प्रशासक

उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 में रीवा नगर निगम सहित अन्य नगरीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। जिस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा प्रशासक की नियुक्ति की गई थी। नगर परिषदों में जहां एसडीएम स्तर के अधिकारियों को प्रशासक के रूप में बैठाया गया वहीं नगर पालिका व नगर निगमों में कलेक्टर को प्रशासक बनाया गया था। लेकिन रीवा नगर निगम का प्रशासक संभागायुत को बनाया गया था।

तत्कालीन कमिश्रर डॉ अशोक भार्गव ने प्रशासक के रूप में बेहतर काम किया। कोरोना के समय भी वह सक्रिय रहे। हांलाकि सरकार बदलने पर जून महीने में उनका तबादला भी कर दिया गया। उनका स्थान आरके जैन ने लिया।

संभागायुक्त आरके जैन मेडिकल कॉलेज व संजय गांधी अस्पताल तक ही सीमित रहे। हालांकि कोरोना काल में जरूरत भी यही थी। इस कारण वह नगर निगम के कार्यों में ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। लोगों का कहना तो यह है कि वे स्थानीय नेताओं के हुक्म का पालन वैसा नहीं करते थे जैसा वह चाहते थे। इसलिए उन्हें कोपभाजन बनना पड़ा।

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इसी माह होंगे रिटायर

बताया तो यह भी जाता है कि संभागायुत आरके जैन इसी फरवरी माह के आखिर में रिटायर भी होने वाले हैं। शायद इसी कारण से उनका तबादला नहीं किया गया, सिर्फ प्रशासक का प्रभार छीना गया।

अभियान चलाकर निपटाएं राजस्व प्रकरण

संभागायुक्त राकेश कुमार जैन भले ही सरकार की नजर में खरे न उतरे हों लेकिन उन्होंने पक्षकारों के हित में काफी काम किया है। बताया जाता है कि वे प्रतिदिन कमिश्ररी में दर्ज प्रकरणों की सुनवाई करते थे। कई ऐसे मामले जो दशकों से लंबित थे, अन्य कमिश्ररों ने केवल पेशी बढ़ायी, श्री जैन ने निराकृत कर दिया। इसी प्रकार मुआवजा अन्य राजस्व प्रकरणों को भी निबटाने में कोताही नहीं की है। इस लिहाज से उन्हें अच्छा अधिकारी कहा जा सकता है।

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